Table of contents | |
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना हेतु भारत की प्रतिबद्धता | |
रोज़गार कार्य समूह की तीसरी बैठक | |
अमेरिका-तालिबान संधि | |
भारत-नेपाल सहयोग को मज़बूत करना | |
कोसोवो-सर्बिया संघर्ष |
भारतीय सेना ने 29 मई को संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के 75वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
भारतीय G20 प्रेसीडेंसी स्विट्जरलैंड के जिनेवा में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) मुख्यालय में तीसरी रोजगार कार्य समूह (EWG) बैठक का आयोजन कर रही है ।
अमेरिका और तालिबान ने "अफगानिस्तान में शांति लाने" के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो अगले 14 महीनों में अमेरिका और नाटो को सेना वापस लेने में सक्षम करेगा। भारत ने दोहा में हस्ताक्षर समारोह में भाग लिया, और राजदूत पी कुमारन के द्वारा इसमें भारत का प्रतिनिधित्व किया गया।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि लॉरेल मिलर ने अमेरिका-तालिबान सौदे में निम्नलिखित तत्वों को इंगित किया:
भारत को अफ़गानिस्तान में अपने हित पर ध्यान देना होगा। भारत ने अफगानिस्तान के विकास में पैसा लगाया, यह उस निवेश को बचाने के लिए भारत की पहली प्राथमिकता है। साथ ही भारत को अफ़गानिस्तान के जनता की चयन पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
भारत और नेपाल ने हाल ही में नेपाल के प्रधानमंत्री की 4 दिवसीय भारत यात्रा के दौरान ऊर्जा और परिवहन विकास के क्षेत्र में अपने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिये कई पहलों तथा समझौतों का अनावरण किया है जिसका उद्देश्य संबंधों को मज़बूत करना तथा क्षेत्रीय संपर्क को सुविधाजनक बनाना है
हाल ही में सर्बियाई प्रदर्शनकारियों और NATO (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) शांति सैनिकों के बीच कोसोवो में संघर्ष हुआ जिसमें 60 से अधिक लोग घायल हो गए। पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में यह सबसे गंभीर हिंसक घटना है
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