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चींटी Chapter Notes | Hindi for Class 3 (वीणा) PDF Download

कविता का परिचय

यह कविता प्रकाश मनु जी द्वारा लिखी गई है। इस कविता में चींटी के जीवन की मेहनत, लगन और साहस को बहुत सुंदर शब्दों में बताया गया है। यह कविता हमें सिखाती है कि कैसे एक छोटी-सी चींटी भी बड़ा काम कर सकती है।

चींटी Chapter Notes | Hindi for Class 3 (वीणा)

कविता का सारांश

यह कविता हमें चींटी से सीखने को कहती है। चींटी कभी आलस नहीं करती। वह छोटी होते हुए भी हमेशा मेहनत करती है। चाहे रास्ता कठिन हो या मौसम खराब, वह हार नहीं मानती। चींटी हमें सिखाती है कि अगर हम भी मेहनत और हिम्मत से काम करें, तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है।

कविता की व्याख्या

पहला प्रसंग:

हर पल चलती जाती चींटी,
श्रम का राग सुनाती चींटी।

कड़ी धूप हो या हो वर्षा,
दाना चुनकर लाती चींटी।

सचमुच कैसी कलाकार है,
घर को खूब सजाती चींटी।

व्याख्या: कवि कह रहे हैं कि चींटी हमेशा काम करती रहती है और हमें मेहनत करना सिखाती है। वह कभी नहीं रुकती। चाहे तेज धूप हो या बारिश, वह दाने इकट्ठा करती रहती है। चींटी अपना घर खुद बनाती है और उसे सुंदर भी बनाती है। इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमें भी हर समय मेहनत करते रहना चाहिए, चाहे हालत जैसे भी हों। अगर हम लगातार काम करते रहेंगे, तो हम जरूर सफल होंगे।

चींटी Chapter Notes | Hindi for Class 3 (वीणा)

दूसरा प्रसंग:

छोटा तन पर बड़े इरादे,
नहीं कभी घबराती चींटी।

नन्हे-नन्हे पैर बढ़ाकर,
पर्वत पर चढ़ जाती चींटी।

काम बड़े करके दिखलाती,
जहाँ कहीं अड़ जाती चींटी।

मेहनत ही पूजा है प्रभु की,
हमको यही सिखाती चींटी।

व्याख्या: कवि कह रहे हैं कि छोटा शरीर होने पर भी चींटी के इरादे बहुत मजबूत होते हैं। वह अपने नन्हे-नन्हे पैरों से पहाड़ पर भी चढ़ जाती है। वह हमें यह सिखाती है कि मेहनत करना ही भगवान की सच्ची पूजा है। इसी तरह, हमारा शरीर चाहे छोटा हो, लेकिन हमारी सोच और इरादे बड़े होने चाहिए। हमें मुश्किल समय में डरना नहीं चाहिए। धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहना चाहिए और अपने लक्ष्य तक पहुँचने की कोशिश करते रहना चाहिए। हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए और मेहनत को सबसे बड़ा धर्म मानना चाहिए।

चींटी Chapter Notes | Hindi for Class 3 (वीणा)

कविता से शिक्षा

इस कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा मेहनत करते रहना चाहिए। चींटी बहुत छोटी होती है, फिर भी वह कभी रुकती नहीं, डरती नहीं और हर मौसम में काम करती रहती है। वह हमें सिखाती है कि अगर हम लगन और हिम्मत से काम करें, तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता। जैसे चींटी अपने छोटे-छोटे पैरों से पहाड़ पर चढ़ जाती है, वैसे ही हम भी मेहनत से अपने लक्ष्य को पा सकते हैं।

चींटी Chapter Notes | Hindi for Class 3 (वीणा)

शब्दार्थ

  • श्रम: मेहनत, परिश्रम
  • राग: गीत, संदेश
  • कड़ी: तीव्र, तेज (जैसे: कड़ी धूप)
  • वर्षा: बारिश
  • सजाती: सुंदर बनाती, सजावट करती है
  • इरादे: संकल्प, निश्चय
  • घबराती: डरती नहीं, विचलित नहीं होती
  • पर्वत: पहाड़
  • अड़ जाती: डट जाती है, रुकती नहीं
  • पूजा: उपासना, भक्ति
  • हर पल: प्रत्येक क्षण, हमेशा
  • नन्हे-नन्हे: बहुत छोटे-छोटे
  • अग्रसर: आगे बढ़ना, प्रगति करना
  • विपरीत परिस्थितियाँ: मुश्किल हालात, कठिन समय
  • जागरूक: सतर्क, सजग
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FAQs on चींटी Chapter Notes - Hindi for Class 3 (वीणा)

1. चींटी क्या होती है और इसके मुख्य लक्षण क्या हैं ?
Ans. चींटी एक छोटी सी कीट होती है जो सामाजिक जीवन जीती है। यह आमतौर पर काले या भूरे रंग की होती है और इसके शरीर में तीन भाग होते हैं: सिर, थोरैक्स, और पेट। चींटियों के पास छह पैर होते हैं और ये अपने समुदाय के साथ मिलकर काम करती हैं।
2. चींटियों का जीवन चक्र कैसे होता है ?
Ans. चींटियों का जीवन चक्र अंडे, लार्वा, प्यूपा, और वयस्क अवस्था में होता है। मादा चींटी अंडे देती है, जो लार्वा में बदलते हैं। लार्वा फिर प्यूपा बनते हैं और अंततः वयस्क चींटियों में विकसित होते हैं।
3. चींटियाँ अपने भोजन के लिए क्या करती हैं ?
Ans. चींटियाँ अपने भोजन के लिए भोजन की खोज करती हैं। वे अक्सर अन्य कीटों, बीजों, और मीठे पदार्थों को इकट्ठा करती हैं। कुछ चींटियाँ खाद्य स्रोतों को अपने घोंसले तक लाने के लिए एक-दूसरे के साथ संचार करती हैं।
4. चींटियों में सहयोग का क्या महत्व है ?
Ans. चींटियों में सहयोग का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि वे एक समूह में काम करती हैं। इससे उन्हें भोजन खोजने, घोंसले बनाने, और एक-दूसरे की रक्षा करने में मदद मिलती है। यह सहयोग उनके अस्तित्व के लिए आवश्यक है।
5. हमें चींटियों से क्या सीखने को मिलता है ?
Ans. हमें चींटियों से मेहनत, सहयोग, और संगठन का पाठ मिलता है। वे बिना थके काम करती हैं और एक-दूसरे की मदद करती हैं, जो हमें टीमवर्क और समर्पण का महत्व सिखाता है।
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