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PIB Summary- 8th June, 2024 (Hindi) | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC PDF Download

सीएससी ने 10,000 एफपीओ को सीएससी में बदलने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

PIB Summary- 8th June, 2024 (Hindi) | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC

प्रसंग

सीएससी एसपीवी और कृषि मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) में परिवर्तित करना है।

यह पहल कृषि में नागरिक-केंद्रित सेवाएं और प्रशिक्षण अवसर प्रदान करके ग्रामीण डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ाती है।

इस कदम का महत्व:

  • उन्नत पहुंच: किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) में परिवर्तित करने से ग्रामीण समुदायों के लिए नागरिक-केंद्रित सेवाओं तक पहुंच का विस्तार होता है।

किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) क्या हैं?

  • कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) किसानों द्वारा बाजार में अपनी सौदेबाजी की शक्ति बढ़ाने के लिए गठित सामूहिक संस्थाएं हैं।
  • ये संगठन किसानों को सामूहिक रूप से कृषि उपज के उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन और बिक्री जैसी गतिविधियों को करने में सक्षम बनाते हैं।
  • एफपीओ का उद्देश्य संसाधनों, प्रौद्योगिकी और बाजारों तक पहुंच प्रदान करके किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है, जिससे उनकी आय बढ़े और टिकाऊ कृषि पद्धतियां सुनिश्चित हों।

सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) क्या हैं?

  • सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) ऐसे पहुंच बिंदु हैं जो भारत के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में विभिन्न सरकारी और व्यावसायिक सेवाएं प्रदान करते हैं।
  • इन केन्द्रों का संचालन स्थानीय उद्यमियों द्वारा किया जाता है, जिन्हें ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई) कहा जाता है।
  • सीएससी डिजिटल साक्षरता, टेलीमेडिसिन, बैंकिंग, बीमा, उपयोगिता बिल भुगतान और सरकारी योजनाओं में नामांकन सहित सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं।
  • वे ग्रामीण भारत में डिजिटल विभाजन को पाटने तथा ई-गवर्नेंस और डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  1. सशक्तिकरण: किसानों को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के अवसर प्राप्त होंगे, जिससे उन्हें ज्ञान और कौशल से सशक्त बनाया जाएगा।
  2. दक्षता : सीएससी सेवा वितरण को सुव्यवस्थित करते हैं, जिससे किसानों को आवश्यक सेवाओं तक पहुंचने के लिए लगने वाले समय और प्रयास में कमी आती है।
  3. लागत में कमी : एफपीओ के माध्यम से कृषि उपज के एकत्रीकरण से पैमाने की अर्थव्यवस्था हो सकती है, जिससे किसानों के लिए उत्पादन लागत कम हो सकती है।
  4. आय सृजन : सौदेबाजी की शक्ति और बाजार पहुंच को बढ़ाकर, एफपीओ संभावित रूप से किसानों की आय बढ़ा सकते हैं।
  5. डिजिटल एकीकरण : डिजिटल सेवा पोर्टल के साथ एकीकरण एफपीओ को कुशल सेवा वितरण के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है।
  6. सरकारी योजनाएँ : प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, फसल बीमा और सब्सिडी कार्यक्रम जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं तक पहुंच को सुगम बनाती हैं।
  7. रोजगार के अवसर : सीएससी के माध्यम से सेवा प्रावधान में वृद्धि से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
  8. सतत विकास : सतत कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देता है और ग्रामीण समुदायों के समग्र विकास में योगदान देता है।
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FAQs on PIB Summary- 8th June, 2024 (Hindi) - Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC

1. क्या है MoU का मतलब और इसका महत्व क्या है?
उत्तर: MoU का मतलब Memorandum of Understanding होता है जिसे दो या दो से अधिक पक्षों के बीच समझौते और सहमति को दर्ज करने के लिए किया जाता है। यह एक निर्धारित समयावधि तक एक साझा उद्देश्य प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
2. FPOs और CSCs का मतलब क्या है?
उत्तर: FPOs का मतलब Farmers Producer Organizations होता है जो किसानों के संगठनों को संदर्भित करता है, जबकि CSCs का मतलब Common Service Centers होता है जो इलाके में डिजिटल सेवाएं प्रदान करते हैं।
3. इस MoU के माध्यम से कितने FPOs को CSCs में बदला जाएगा?
उत्तर: इस MoU के माध्यम से 10,000 FPOs को CSCs में बदला जाएगा।
4. क्या CSCs और FPOs के बीच कैसे सहायक हो सकते हैं?
उत्तर: CSCs डिजिटल सेवाएं प्रदान करते हैं जो किसानों को अधिक जानकारी और संभावितताएं प्रदान कर सकते हैं, जबकि FPOs उन्हें उत्पादक संगठनों के साथ जोड़ सकते हैं और उनकी पहुंच बढ़ा सकते हैं।
5. क्या इस MoU के माध्यम से किसानों को कैसे लाभ होगा?
उत्तर: इस MoU के माध्यम से CSCs के माध्यम से किसानों को अधिक डिजिटल सेवाएं और उत्पादक संगठनों की सहायता मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
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