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संक्षेपण | Course for UPPSC Preparation - UPPSC (UP) PDF Download

प्रस्तावना

इकाई 12 में आपने विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट तैयार करने के बारे में सीखा। इस इकाई में आप सचिवालय के एक और महत्वपूर्ण कार्य, संक्षेपण लेखन (प्रेसिस राइटिंग), के बारे में जानेंगे। संक्षेपण का मतलब है किसी लेख, भाषण या पत्र-व्यवहार को समझकर उसे संक्षेप में प्रस्तुत करना। इसके लिए सबसे पहले सामग्री को ध्यानपूर्वक पढ़ना और उसका सार समझना आवश्यक होता है।

  • संक्षेपण का मुख्य उद्देश्य यह है कि केवल महत्वपूर्ण तथ्यों और सूचनाओं पर ध्यान दिया जाए, ताकि अनावश्यक बातों में समय व्यर्थ न हो। सरकारी विभागों, व्यावसायिक संगठनों और अन्य क्षेत्रों में यह कौशल आवश्यक है, जहां दस्तावेज़ों को तेजी से पढ़कर उनके मुख्य उद्देश्य को समझने की जरूरत होती है।
  • वकील, पत्रकार, विद्यार्थी और व्यावसायिक अधिकारी अपने काम में संक्षेपण लेखन का नियमित उपयोग करते हैं। वकील अपने मुकदमों के मुख्य बिंदुओं का सारांश तैयार करते हैं। इसी तरह, संपादकों और संवाददाताओं को समाचार और भाषणों का संक्षेप तैयार करना पड़ता है। विद्यार्थी व्याख्यान और पुस्तक सामग्री से संक्षिप्त टिप्पणियां बनाते हैं। इस इकाई में इन सभी पहलुओं को विस्तार से समझाया जाएगा।

संक्षेपण क्या है ?

संक्षेपण एक फ्रेंच शब्द है, जिसकी जड़ें लैटिन भाषा के शब्द Praecissus में हैं, जिसका अर्थ है "काटना" या "संक्षिप्त करना।" यह अंग्रेजी के शब्द Precise से संबंधित है। संक्षेपण किसी लिखित विषय के मुख्य विचारों का संक्षिप्त सारांश होता है। इसका मुख्य उद्देश्य विषय को समझना, ध्यान केंद्रित करना और उसे संक्षेप में प्रस्तुत करना है।

  • किसी लेख, भाषण या कहानी का सारांश लिखने के लिए पहले उसे ध्यान से पढ़ना और उसके अर्थ को समझना आवश्यक होता है। हालांकि सारांश की लंबाई तय नहीं होती, लेकिन आमतौर पर यह मूल परिच्छेद के लगभग एक-तिहाई होनी चाहिए। संक्षेपण का काम मुख्य विचारों को छोटे और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करना है, ताकि पाठक आसानी से विषय का मर्म समझ सके।
  • संक्षेपण भावानुवाद नहीं है, लेकिन यह मूल पाठ की आवश्यक बातों को इस तरह प्रस्तुत करता है कि विषय के मुख्य विचार स्पष्ट रूप से समझ आएं। इसका उद्देश्य है केवल ज़रूरी तथ्यों और सूचनाओं पर ध्यान केंद्रित करना और गैर-जरूरी बातों को छोड़ देना।
  • संक्षेपण लेखन की उपयोगिता व्यापारिक प्रतिष्ठानों, सरकारी विभागों और अन्य क्षेत्रों में व्यापक है। वकील अपने मुकदमों के मुख्य बिंदुओं को लिखने के लिए, पत्रकार समाचारों को संक्षेपित करने के लिए, और विद्यार्थी व्याख्यानों व पाठ्य सामग्री से नोट्स बनाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों में अधिकारी और प्रबंधक लंबे दस्तावेज़ों को संक्षेप में पढ़ने को प्राथमिकता देते हैं ताकि उनका समय बच सके और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित हो।
  • संगठनों में सचिव का प्रमुख कार्य व्यापारिक दस्तावेज़ों, जैसे पत्र, रिपोर्ट, और बैठकों के कार्यवृत्त का संक्षेपण तैयार करना होता है। संक्षेपण की गुणवत्ता को सुधारने के लिए अभ्यास महत्वपूर्ण है।
  • संक्षेपण लिखने के लिए कुछ बुनियादी नियमों का पालन करना चाहिए। सबसे पहले, पाठ को दो-तीन बार ध्यान से पढ़कर उसकी विषय-वस्तु को समझें। इसके बाद अनावश्यक विवरणों को हटाकर मुख्य विचारों और आवश्यक बातों को स्पष्ट रूप से लिखें। संक्षेपण का पहला कदम विषय को गहराई से समझना और दूसरा उसे प्रभावी रूप से संक्षिप्त करना है।
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अच्छे संक्षेपण के लक्षण निम्नलिखित हैं

अच्छे संक्षेपण के लक्षणों को निम्नलिखित प्रकार से बतलाया जा सकता है :

  • संक्षेपण केवल किसी परिच्छेद के मुख्य विचारों की सूची मात्र नहीं है। विचारों को तर्कसंगत क्रम में इस प्रकार लिखा जाता है जिससे संक्षेपण मूल लेख के समान पढ़ा जा सके।
  • अच्छे संक्षेपण में मूल परिच्छेद के मुख्य विचारों का समावेश होना चाहिए, अनावश्यक विस्तृत विवरण, जैसे उदाहरणों आदि को शामिल नहीं किया जाता। जहां तक संभव हो, विचारों को उसी क्रम में लिखना चाहिए जिसमें वे मूल लेख में हैं। हमें यह स्मरण रखना चाहिए कि संक्षेपण में ऐसी कोई बात नहीं जोड़नी चाहिए जो मूल परिच्छेद में न हो। मूल विषय-वस्तु पर अपने विचार या टिप्पणी देने की आवश्यकता नहीं है।
  • संक्षेपण की भाषा स्पष्ट, संक्षिप्त व सुनिश्चित होनी चाहिए। परन्तु इसके साथ ही मूल लेख की शैली व भाव को भी बनाए रखना चाहिए।
  • संक्षेपण सदैव ही अप्रत्यक्ष रूप में लिखा जाना चाहिए।
  • जहां तक सम्भव हो, अच्छा संक्षेपण लेखक की अपनी भाषा में होना चाहिए।
  • यह निर्धारित लम्बाई से अधिक बड़ा या छोटा नहीं होना चाहिए। साधारणतः, मूल लेख के एक-तिहाई तक संक्षेपण की सीमा निश्चित की जाती है।
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संक्षेपण लिखनें की विधियां

किसी परिच्छेद का अच्छा संक्षेपण लिखने के लिए बहुत अधिक अभ्यास की आवश्यकता होती है। संक्षेपण लिखते समय ध्यान रखने वाली बातें इस प्रकार हैं:

  • सबसे पहले उस परिच्छेद को दो या तीन बार ध्यान से पढ़ना चाहिए, जिससे उसकी विषय-वस्तु ठीक से समझ में आ जाए। संक्षेप में, संक्षेपण का पहला कदम परिच्छेद को अच्छी तरह समझना होता है।
  • द्वितीय, परिच्छेद के अनावश्यक वर्णन को छोड़कर आवश्यक विचारों की मुख्य बातों को लिखना आवश्यक है। इस अवस्था में परिच्छेद का संक्षेपण किया जाता है। पुनरावृति, उदाहरणों व चित्रों को हटा देना चाहिए। वाक्यों व खंडों के स्थान पर शब्द या छोटे वाक्य आदि का प्रयोग करके छोटा करना चाहिए। परिच्छेद को सिकोड़ते समय, चयन तथा सामान्यीकरण का प्रयोग अक्सर लाभकारी होता है। जहां तक हो सके मूल परिच्छेद के शब्दों या वाक्यों का प्रयोग संक्षेपण में नहीं करना चाहिए। परन्तु यह अवश्य ध्यान में रखना चाहिए कि वाक्यों को एक दूसरे से जुड़ा होना चाहिए जिससे परिच्छेद के विचारों के परस्पर सम्बन्धों को दर्शाया जा सके। संक्षेपण, मूल परिच्छेद का सारांश होता है, यह अपने आप में निरन्तर पाठ्य योग्य होना चाहिए।
  • संक्षेपण की लम्बाई को ध्यान में रखते हुए एक प्रारंभिक या कच्चा मसौदा तैयार कर लेना चाहिए।
  • यदि संक्षेपण का शीर्षक देना आवश्यक है तो संक्षिप्त शीर्षक दिया जाना चाहिए जो परिच्छेद के विचारों को प्रकट करे।
  • अन्तिम मसौदा या प्रारूप तैयार करते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि संक्षेपण में समस्त महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल कर लिया गया है। यह भी देखना चाहिए कि संक्षेपण ठीक से पढ़ा जा सके और वह निर्धारित लम्बाई की सीमा के भीतर हो। इसका उपयुक्त शीर्षक देना चाहिए।

जब कोई व्यक्ति अच्छा संक्षेपण लिख लेता है तो उसका यह अर्थ होता है कि वह स्पष्ट सोच सकता है और यह अन्तर कर सकता है कि क्या आवश्यक है और क्या अनावश्यक।

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संक्षेपण लेखन में कठिनाइयां

संक्षेपण में प्रायः निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है :

  • यथार्थता या विशुद्धता: संक्षेपण की पहली कठिनाई तथ्यों को सीधी तरह से प्रस्तुत करने की है। हमें ऐसा कुछ भी नहीं लिखना चाहिए जो तथ्यों पर आधारित न हो । संक्षेपण को एक बार ध्यान से पढ़ना महत्वपूर्ण होता है जिससे सुनिश्चित हो सके कि जो लिखा गया है वह सही है।
  • अपनी भाषा का प्रयोग: दूसरी कठिनाई मूल परिच्छेद के विचारों को संक्षेपण में लिखने के लिए अपने शब्दों के प्रयोग करने के सम्बन्ध में है। इस कठिनाई पर काबू पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ तरीका यह है कि परिच्छेद को तीन-चार बार ध्यान से पढ़ा जाए और फिर मूल परिच्छेद को देखे बिना संक्षेपण लिखा जाए। इस प्रकार, संक्षेपण लेखक को मूल परिच्छेद के शब्दों का प्रयोग करने के लोभ से बचने के लिए अपने ही शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। यदि मूल परिच्छेद के कुछ शब्दों या वाक्यों का प्रयोग किया गया है तो उन्हें रेखांकित कर देना चाहिए। दोहराते समय रेखांकित शब्दों के स्थान पर अपने शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। यदि किन्हीं शब्दों को परिवर्तित करना असम्भव हो, तो परिच्छेद के शब्दों को सार में रखा जा सकता है।
  • विवरण का चुनाव: तीसरी कठिनाई है कि संक्षेपण में किस विवरण को शामिल किया जाए। केवल उन्हीं विवरणों को छांटना चाहिए जो महत्वपूर्ण हों। उदाहरणार्थ, दो व्यक्ति रेस्टोरेंट में जाते हैं, खाने की बहुत प्रकार की वस्तुओं का आदेश देते हैं और लम्बी बातचीत में लग जाते हैं । संक्षेपण लिखते समय खाने-पीने की प्रत्येक वस्तु का नाम लिखना आवश्यक नहीं है। यदि उनमें से एक व्यक्ति अधिक शराब पी लेता है, तब यह तथ्य अवश्य ही लिखा जा सकता है कि उस व्यक्ति ने जो भी बात कही है वह शराब के नशे की हालत में कही है। इसी प्रकार, समस्त वार्तालाप को लिखना आवश्यक नहीं है, केवल सम्बन्धित तथा महत्वपूर्ण मुद्दों को ही लिखना चाहिए। कुछ बातें अधिक महत्वपूर्ण हो सकती हैं और लेखक को महत्व का ध्यान रखते हुए विवरण का चुनाव करना चाहिए।
  • निष्कर्षों से बचना : क्योंकि संक्षेपण परिच्छेद का तथ्यपूर्ण सारांश होता है, अतः लेखक को तथ्यों के आधार पर अपने निष्कर्षों को लिखने से बचना चाहिए। संक्षेपण में व्यक्तिगत या निजी राय का कोई स्थान नहीं होता, अतः विवरण पर ही ध्यान रखना चाहिए।
  • छोटे-छोटे वाक्यों से बचना : संक्षेपण लिखते समय यद्यपि महत्वपूर्ण तथ्यों पर ध्यान रखना चाहिए, परन्तु छोटे-छोटे और टूटे-फूटे वाक्यों से बचना चाहिए। आइए एक उदाहरण लेते हैं।
  • मेरी ने चर्च की तरफ चलना आरम्भ कर दिया है। वह वृद्ध परन्तु प्रसन्न है। वह छड़ी की सहायता से चलती है। वह इस प्रकार अनेक बार चल चुकी है।
  • यहां पर चार वाक्य है, सभी वाक्य छोटे-छोटे हैं जो कर्ता से आरभ्भ होते है और क्रिया बाद में आती है। इस प्रकार के छोटे-छोटे वाक्य झटकेदार प्रकृति के होते हैं। इस प्रकार के परिच्छेद का संक्षेपण करते समय विवरण की उसी तरह देते हुए वाक्यों की संख्या निम्न प्रकार से कम की जानी चाहिए।
  • मेरी ने अपने घर से चर्च तक की सैर आरम्भ कर दी। वह वृद्ध महिला है, अतः सहारे के लिए उसे छड़ी की आवश्यकता है, परन्तु वह प्रसन्न है।
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FAQs on संक्षेपण - Course for UPPSC Preparation - UPPSC (UP)

1. संक्षेपण क्या है और इसका महत्व क्या है ?
Ans. संक्षेपण एक प्रक्रिया है जिसमें किसी दिए गए पाठ या पाठ्य सामग्री के मुख्य बिंदुओं को संक्षेप में प्रस्तुत किया जाता है। इसका महत्व इसलिए है क्योंकि यह पाठक को सामग्री की सारगर्भित जानकारी प्रदान करता है, जिससे समय की बचत होती है और महत्वपूर्ण जानकारी जल्दी समझी जा सकती है।
2. अच्छे संक्षेपण के लक्षण क्या होते हैं ?
Ans. अच्छे संक्षेपण के लक्षणों में स्पष्टता, संक्षिप्तता, और सटीकता शामिल हैं। इसे बिना किसी अनावश्यक विवरण के लिखना चाहिए और मुख्य विचारों को सही तरीके से प्रस्तुत करना चाहिए। इसके अलावा, संक्षेपण में मूल पाठ का सार और उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए।
3. संक्षेपण लिखने की विधियां क्या हैं ?
Ans. संक्षेपण लिखने की विधियों में निम्नलिखित शामिल हैं: मुख्य बिंदुओं की पहचान करना, पाठ को पढ़कर समझना, महत्वपूर्ण जानकारी को संक्षेप में लिखना, और अंतिम रूप में संक्षेपण को संपादित करना। यह विधि संतुलित और प्रभावी संक्षेपण तैयार करने में मदद करती है।
4. संक्षेपण लेखन में कौन सी कठिनाइयाँ आती हैं ?
Ans. संक्षेपण लेखन में कठिनाइयों में मुख्य बिंदुओं को पहचानने में असमर्थता, अनावश्यक विवरण को हटाने में कठिनाई, और पाठ के मूल भाव को बनाए रखने में समस्या शामिल हैं। कई बार, लेखक सामग्री को संक्षेप में प्रस्तुत करते समय महत्वपूर्ण जानकारी को छोड़ देते हैं।
5. BPSC परीक्षा में संक्षेपण लेखन का क्या महत्व है ?
Ans. BPSC परीक्षा में संक्षेपण लेखन का महत्व इसलिए है क्योंकि यह उम्मीदवार की पढ़ने की क्षमता, समझने की क्षमता, और विचारों को संक्षेप में प्रस्तुत करने की क्षमता को दर्शाता है। यह कौशल न केवल परीक्षा में, बल्कि भविष्य में पेशेवर जीवन में भी आवश्यक है।
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