इस पाठ में बालक की दिनचर्या के बारे में बताया गया है । बच्चा स्वयं अपना नाम बताकर अपनी दिनचर्या के बारे में बता रहा है। इसमें उसकी सुबह से रात तक की दैनिक गतिविधियों को शामिल किया गया है; जैसे कि वह कितने बजे उठता है और सारा दिन क्या-क्या करता है? इस पाठ में एक से लेकर बारह तक की संख्याएँ भी सिखाई गई हैं। इस पाठ में घड़ी के माध्यम से समय; जैसे – पाँच बजे, सवा पाँच बजे, साढ़े पाँच बजे और पौने छः बजे आदि को देखना भी सिखाया गया है।
(1)शब्दार्थाः (Word Meanings):
सरलार्थ-
नमस्कार। मेरा नाम संदीप है । मैं अपनी दिनचर्या बताता हूँ।
नमस्कार। मेरा नाम खुशी है। मैं भी मेरी (अपनी) दिनचर्या बताती हूँ।
मैं रोजाना सुबह पाँच बजे (5:00) उठती हूँ।
उसके बाद थोड़ा गुनगुना पानी पीती हूँ।
सबसे पहले भूमि की वंदना करता हूँ और माता-पिता को नमस्कार करता हूँ।
मैं सवा पाँच बजे (5:15 ) शौच के लिए जाती हूँ ।
उसके बाद मुँह धोकर दन्तमंजन करती हूँ ।
(2)
शब्दार्थाः (Word Meanings):
सरलार्थ-
मैं साढ़े पाँच (5:30) बजे सूर्य – नमस्कार और योगासन करती हूँ। साढ़े छः बजे (6:30) मैं अपने आँगन को साफ़ करता हूँ।
सात बजे (7:00) मैं प्रार्थना करता हूँ और गीता का पाठ करता हूँ। मैं साढ़े सात बजे (7:30 ) सुबह का नाश्ता करती हूँ।
मैं छः बजे ( 6:00) अपनी पढ़ाई करता हूँ।
उसके बाद पौने सात बजे ( 6:45 ) स्नान करता हूँ। उसके बाद माता और पिता की चरण वंदना (चरणस्पर्श) करता हूँ।
उसके बाद आठ बजे ( 8:00) विद्यालय जाती हूँ।
संख्या
1 – १ – एकम्
2 – २ – द्वे
3 – ३ – त्रीणि
4 – ४ – चत्वारि
5 – ५ – पञ्च
6 – ६ – षट्
7 – ७ – सप्त
8 – ८ – अष्ट
9 – ९ – नव
10 – १० – दश
11 – ११ – एकादश
12 – १२ – द्वादश
वयं शब्दार्थान् जानीम:
1. अहं प्रातः उत्तिष्ठामि कस्य विषयं अस्ति? | ![]() |
2. अहं प्रातः उत्तिष्ठामि पाठ में मुख्य पात्र कौन है? | ![]() |
3. प्रातःकाल उठने के क्या लाभ हैं? | ![]() |
4. अहं प्रातः उत्तिष्ठामि पाठ से हमें क्या सीखने को मिलता है? | ![]() |
5. प्रातःकाल उठने की आदत कैसे डालें? | ![]() |