चुनाव आयोग एक स्थायी और स्वतंत्र संगठन है, जिसे भारत के संविधान द्वारा स्थापित किया गया है, जिसका मुख्य कार्य देशभर में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करना है। संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार, चुनाव आयोग को संसद, राज्य विधानसभाओं, भारत के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के चुनावों की निगरानी, दिशा और नियंत्रण का अधिकार है। यह एक अखिल भारतीय संस्था है, अर्थात यह केंद्रीय और राज्य सरकारों दोनों के लिए कार्य करती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि चुनाव आयोग राज्यों में पंचायतों और नगरपालिकाओं के चुनावों का संचालन नहीं करता है।
चुनाव आयोग की संरचना
चुनाव आयोग का इतिहास
चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें
स्वतंत्रता
चुनाव आयोग का महत्व
प्रमुख चुनौतियाँ
आगे का रास्ता
चुनाव आयोग एक स्थायी और स्वतंत्र संगठन है, जिसे भारत के संविधान द्वारा स्थापित किया गया है। इसका मुख्य कार्य देश भर में निष्पक्ष और मुक्त चुनावों को सुनिश्चित करना है। संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार, चुनाव आयोग को संसद, राज्य विधानसभाओं, भारत के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के चुनावों की निगरानी, दिशा, और नियंत्रण का अधिकार है। यह एक अखिल भारतीय संस्था है, जिसका अर्थ है कि यह केंद्रीय और राज्य सरकारों दोनों के लिए कार्य करता है। यह ध्यान देने योग्य है कि चुनाव आयोग राज्यों में पंचायतों और नगरपालिकाओं के चुनावों का संचालन नहीं करता है।
चुनाव आयोग की संरचना चुनाव आयोग की संरचना से संबंधित प्रावधान
अनूप बरनवाल मामले (2023) में, सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और तटस्थता को बढ़ाने के लिए निर्देश जारी किए, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह बाहरी राजनीतिक और कार्यकारी दबाव से मुक्त हो: मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक तीन सदस्यीय समिति की सिफारिशों पर आधारित होनी चाहिए।
शक्तियाँ और कार्य चुनाव आयोग की शक्तियाँ और दायित्व संसद, राज्य विधानसभाओं, और राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के चुनावों के संदर्भ में तीन मुख्य प्रकारों में विभाजित की जा सकती हैं:
निर्वाचन आयोग की शक्तियाँ और कर्तव्य संसद, राज्य विधानसभाओं, और राष्ट्रपति तथा उप-राष्ट्रपति के चुनावों के संबंध में तीन मुख्य प्रकारों में विभाजित किए जा सकते हैं:
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