Table of contents |
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बातचीत के लिए |
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कविता के लिए |
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सोचिए और लिखिए |
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समझ और अनुभव |
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चित्रों की भाषा |
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अनुमान और कल्पना |
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आकार-प्रकार |
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भाषा की बात |
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पाठ से आगे |
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आनंदमयी गतिविधि |
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बोलिए फटाफट |
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ख: कविता में ‘अंडे जैसा था आकार’ का प्रयोग निम्नलिखित में से किसके लिए किया गया है—
उत्तर:
ग: 'तब मैं यही समझती थी
बस इतना-सा ही है संसार'
इन पंक्तियों में 'इतना-सा' का अर्थ है—
उत्तर:
प्रश्न 2: नीचे दी गई कविता की पंक्तियों का मिलान उनके नीचे दी गई उपयुक्त पंक्तियों से कीजिए –
उत्तर:
इनके अतिरिक्त यदि आपको किसी अन्य परिवर्तन की अनुभूति होती है तो उसे भी कक्षा में साझा कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 3: पहले चिड़िया को लगता था कि यह संसार बहुत छोटा है परंतु सच्चाई कुछ और ही थी। उस समय आपको कैसा लगा जब आपने इनमें से किसी एक को पहली बार देखा—
इनके अतिरिक्त, आपके कुछ और अनुभव हो सकते हैं, उन्हें भी कक्षा में अवश्य साझा कीजिए।
उत्तर: कविता में चिड़िया ने पहले समझा कि संसार बहुत छोटा है, लेकिन जब उसने आकाश में उड़ान भरी, तब उसे एहसास हुआ कि संसार बहुत बड़ा है। मुझे भी जब मैंने पहली बार समुद्र या पहाड़ देखा, तो मुझे बहुत बड़ा और विशाल अनुभव हुआ। मुझे यह समझ में आया कि जो मैं पहले सोचता था, वह पूरी सच्चाई नहीं थी; दुनिया उससे कहीं ज्यादा बड़ी है।
उत्तर:
उत्तर:
उत्तर:
प्रश्न 2: नीचे दिए गए वाक्यों में कुछ रिक्त स्थान हैं और कुछ शब्द रेखांकित किए गए हैं। उन शब्दों से वाक्यों को पूरा कीजिए जो रेखांकित शब्दों के विपरीत अर्थ रखते हैं—
(क) सूखा और ............. कचरा अलग-अलग डिब्बों में डालें।
(ख) दिल्ली मेरे घर से ............. है लेकिन गुवाहाटी पास में है।
(ग) अमर कब ............. और कब गया, पता ही नहीं चला।
(घ) कोई भी काम न तो बड़ा होता है और न ही .............।
उत्तर:
(क) सूखा और गीला कचरा अलग-अलग डिब्बों में डालें।
(ख) दिल्ली मेरे घर से दूर है लेकिन गुवाहाटी पास में है।
(ग) अमर कब आया और कब गया, पता ही नहीं चला।
(घ) कोई भी काम न तो बड़ा होता है और न ही छोटा।
प्रश्न 3: आइए, अब एक रोचक संवाद पढ़ते हैं -
इतना-सा, उतना-सा, जितना-सा और कितना-सा
इन शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए और उनके अर्थ भी समझाइए । फिर आपको राजू जितने रुपये मिल जाएंगे।
अब नीचे दिए गए शब्दों से वाक्य बनाकर सलमा की सहायता कीजिए—
इतना-सा _______________________________________________________________
उतना-सा _______________________________________________________________
जितना-सा _______________________________________________________________
कितना-सा _______________________________________________________________
उत्तर: इतना-सा
उतना-सा
जितना-सा
कितना-सा
उत्तर:
प्रश्न 2: जब शिशु पक्षी चहचहाते हैं तो एक मधुर ध्वनि सुनाई देती है। आओ, हम भी शिशु पक्षियों की तरह चहचहाएँ।
सभी बच्चे अपनी एक हथेली अपने होठों पर रखें। सभी मिलकर चूँ-चूँ की ध्वनि निकालें। आपको लगेगा कि आप ही पेड़ की शाखाओं से शिशु पक्षी बनकर यह ध्वनि निकाल रहे हैं। बस पक्षियों की चहचहाहट सुनिए और आनंद लीजिए।
पक्षियों की ध्वनियों को निकालना और सुनना सभी को रोचक लगता है। आओ, अब हम बारी-बारी से किसी भी पक्षी की ध्वनि निकालें और तालियों की गड़गड़ाहट से उसका स्वागत करें।
उत्तर: जब छोटे-छोटे चिड़िया के बच्चे चूँ-चूँ करते हैं, तो उनकी आवाज़ बहुत मीठी लगती है। चलो, हम भी उनकी तरह चूँ-चूँ की आवाज़ निकालते हैं।
सभी बच्चे अपनी एक हथेली को अपने होठों पर रखें और चूँ-चूँ की आवाज़ निकालें। ऐसा लगेगा जैसे हम भी पेड़ पर बैठे नन्हे पक्षी हैं और चहचहा रहे हैं।
पक्षियों की आवाज़ निकालना और सुनना मजेदार होता है। अब बारी-बारी से कोई भी बच्चा किसी पक्षी की आवाज़ निकाले और बाकी बच्चे तालियाँ बजाकर उसका स्वागत करें।
इससे हम खेल-खेल में पक्षियों की आवाज़ों को पहचानना सीखेंगे और बहुत मज़ा भी आएगा।
प्रश्न 3: नीचे पशु-पक्षियों से संबंधित कुछ पहेलियाँ दी गई हैं। पहेलियों का उपयुक्त चित्रों से मिलान कीजिए—
उत्तर:
उत्तर:
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1. चिड़िया का गीत किस विषय पर है ? | ![]() |
2. इस कविता में चिड़िया का क्या महत्व है ? | ![]() |
3. चिड़िया का गीत कविता का मुख्य संदेश क्या है ? | ![]() |
4. कविता में चिड़िया किस प्रकार का व्यवहार करती है ? | ![]() |
5. इस कविता को पढ़ने से बच्चों को क्या सीख मिलती है ? | ![]() |