Table of contents |
|
परिचय |
|
विधायी एजेंडा |
|
मुख्य हाइलाइट्स |
|
मुख्य अंतर्दृष्टियाँ |
|
चुनौतियाँ और अवसर |
|
निष्कर्ष |
|
भारतीय संसद का मानसून सत्र (21 जुलाई – 21 अगस्त, 2025) 21 बैठकों के साथ एक मजबूत विधायी एजेंडा प्रस्तुत करता है, जिसमें आठ नए विधेयक और कराधान, खेल, शिक्षा, सांस्कृतिक संरक्षण, और समुद्री कानूनों में सात लंबित विधेयक शामिल हैं। इस सत्र पर Senset TV के दृष्टिकोण में डॉ. के. लक्ष्मण (भाजपा राज्यसभा सांसद) और प्रोफेसर हिम्माणु प्रसाद रॉय (जेएनयू) द्वारा चर्चा की गई, जो मणिपुर में राष्ट्रपति शासन, न्यायिक भ्रष्टाचार, और जम्मू-कश्मीर तथा पूर्वोत्तर में सुरक्षा चुनौतियों जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों को संबोधित करता है, भारत की लोकतांत्रिक और विकासात्मक प्राथमिकताओं को मजबूत करता है।
2025 का मानसून सत्र भारत की संसद के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो एक मजबूत विधायी एजेंडे को महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बहसों के साथ जोड़ता है। कराधान, शिक्षा, खेल, और सांस्कृतिक संरक्षण को संबोधित करके, सरकार भारत के कानूनी और विकासात्मक ढांचे को आधुनिकीकरण करने का लक्ष्य रखती है। रचनात्मक विपक्षी सहभागिता और पारदर्शिता, सुरक्षा, और युवा सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करने की अपील, लोकतांत्रिक मूल्यों और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। जैसे-जैसे भारत 2047 की ओर बढ़ता है, यह सत्र इसके वैश्विक नेतृत्व की दिशा को आकार देगा।