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शर्की सुल्तान - उत्तर भारत और दक्कन के प्रांतीय साम्राज्य, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

शर्की सुल्तान

¯ तैमूर के आक्रमण के बाद गंगा की घाटी में सबसे पहले अपनी स्वतंत्रता घोषित करने वालो मलिक सरवर।
¯ वह फीरोज शाह तुगलक के काल के प्रमुख अमीरो में से एक था। 
¯ वह कुछ समय तक वज़ीर रहा और फिर उसे मलिक-उस-शर्क (पूर्व का स्वामी) की उपाधि देकर पूर्वी क्षेत्रों का शासक बना दिया गया।
¯ उसकी उपाधि के कारण ही उसके उत्तराधिकारी शर्की कहलाए। 
¯ शर्की सुल्तानों ने जौनपुर (पूर्वी उत्तर प्रदेश में) को अपनी राजधानी बनाया और नगर को अनेक भव्य महलों, मस्जिदों और मकबरों से सुन्दर बनाया। 
¯ उन्होंने विशाल दरवाजों और मेहराबों वाली अपनी शैली का निर्माण भी किया।
¯ शर्की सुल्तान विद्या और संस्कृति के बड़े संरक्षक थे। जौनपुर कवि, विद्वान और संतों का केन्द्र बन गया था और धीरे-धीरे वह पूर्व का शीराज माना जाने लगा। 
¯ हिन्दी के प्रसिद्ध कवि और पद्मावत के रचयिता मलिक मुहम्मद जायसी जौनपुर के ही निवासी थे। 
¯ अपनी उन्नति के काल में इस सल्तनत की सीमा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से उत्तरी बिहार के दरभंगा तक और उत्तर में नेपाल की सीमा से दक्षिण में बुन्देलखण्ड तक थी। ¯ शर्की सुल्तानों ने दिल्ली को भी जीतने का प्रयास किया, किन्तु इसमें वे सफल नहीं हुए। 
¯ अंततः दिल्ली के सुल्तान बहलोल लोदी ने जौनपुर को जीत लिया और शर्की सल्तनत को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया।

कश्मीर
¯ कश्मीर की अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण दिल्ली के सुल्तान इस पर अपना प्रभुत्व स्थापित न कर सके और न तैमूर के आक्रमण का इस पर प्रभाव पड़ा। 14वीं शताब्दी के मध्य तक कश्मीर के शासक व यहां की जनता दोनों हिन्दू थे। 
¯ 1346 ई. में शाह मिर्जा नामक फारस के सरदार ने यहां के राज्य की आंतरिक फूट का लाभ उठाकर यहां के हिन्दू राजवंश का अन्त कर दिया और स्वयं गद्दी पर बैठ गया। 
¯ शाह मिर्जा व उसके उत्तराधिकारियों ने कश्मीर में इस्लाम का खूब प्रचार-प्रसार किया। 
¯ इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए सिकन्दर शाह (1389-1413 ई.) के शासन काल में ब्राह्मणों को उत्पीड़ित करने का जोरदार अभियान छेड़ा गया। सुल्तान ने फरमान जारी किया कि सब ब्राह्मण और हिन्दू विद्वान या तो इस्लाम स्वीकार कर लें या घाटी छोड़कर चले जाएं। 
¯ उनके मंदिर नष्ट कर दिए गए और सोने-चांदी की मूर्तियां गलाकर सिक्कों में ढाल दी गई।
¯ जैन-उल-आबेदीन (1420-70 ई.) के गद्दी पर बैठने के साथ ही उपर्युक्त स्थिति में परिवर्तन आया। 
¯ उसकी नीतियां उदार थीं और वह अन्य धर्मों के प्रति भी सहिष्णु था।
¯ उसने जजिया हटा दिया।
¯ वह स्वयं भी विद्वान था और विद्वानों का आदर करता था तथा उसे संरक्षण देता था। 
¯ उसकी इच्छा के अनुसार महाभारत जैसे अनेक संस्कृत-ग्रंथों तथा कल्हण कृत कश्मीर का इतिहास (राजतरंगिनी) का फारसी में अनुवाद हुआ। 
¯ वह संगीत प्रेमी था। 
¯ उसने दो आदमियों को कागज बनाने तथा जिल्दसाजी की कला सीखने के लिए समरकंद भेजा। 
¯ सम्भवतः उसी ने तिब्बत से शाल बनाने की कला का आयात किया। 
¯ वूलर झील स्थित जैना लंका उसके काल की अभियान्त्रिकी उन्नति का उत्कृष्ट नमूना है। 
¯ जैन-उल-आबेदीन को कश्मीरी अभी भी बडशाह (महान सुल्तान) के नाम से पुकारते हैं। 
¯ आबेदीन के उत्तराधिकारी अयोग्य सिद्ध हुए और 1561 ई. में इस वंश का अन्त हो गया। 
¯ 1586 ई. में कश्मीर मुगल साम्राज्य का अंग बन गया।

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FAQs on शर्की सुल्तान - उत्तर भारत और दक्कन के प्रांतीय साम्राज्य, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस - इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

1. शर्की सुल्तान कौन थे और उनका इतिहास क्या है?
2. शर्की सुल्तान के प्रांतीय साम्राज्यों का क्या महत्व था?
उत्तर: शर्की सुल्तान के प्रांतीय साम्राज्यों का महत्व था कि इनके शासनकाल में वे उत्तर भारत और दक्कन के बीच संघर्ष का केंद्र बने रहे। इन साम्राज्यों ने धार्मिक और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा दिया और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित किया। वे सत्ताधारी राजा, लड़ाकू शासक और कला-संस्कृति के प्रोत्साहक थे।
3. शर्की सुल्तानों के शासनकाल में कौन-कौन से उत्पाद विकसित हुए?
उत्तर: शर्की सुल्तानों के शासनकाल में कई उत्पाद विकसित हुए। उनमें से कुछ प्रमुख उत्पाद शामिल हैं: सूती कपड़े, सुंदरी लकड़ी, तांबे की कला, लोहे की कला, खाद्य पदार्थों की विक्रय और व्यापार यात्रा। इन उत्पादों के विकास ने उनके समय में आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित किया।
4. शर्की सुल्तानों ने किस प्रकार धार्मिक और सांस्कृतिक विकास को प्रोत्साहित किया?
उत्तर: शर्की सुल्तानों ने अपने शासनकाल में धार्मिक और सांस्कृतिक विकास को प्रोत्साहित किया। वे मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, गिरजाघरों, पुस्तकालयों और अन्य सांस्कृतिक स्थलों के निर्माण को सराहा गया है। इसके साथ ही उन्होंने कविता, काव्य, कला, संगीत और विज्ञान को भी प्रोत्साहित किया।
5. शर्की सुल्तानों का शासन कब और कैसे समाप्त हुआ?
उत्तर: शर्की सुल्तानों का शासन 16वीं सदी के दौरान समाप्त हुआ। इनके समाप्त होने का मुख्य कारण मुग़ल सम्राट अकबर की विजय थी, जिसने इनके साम्राज्य को अपने आधीन कर लिया। इसके बाद से शर्की सुल्तानों की सत्ता धीरे-धीरे कम हो गई और उनका साम्राज्य मुग़ल साम्राज्य के अंतर्गत समाया।
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