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Chapter 1: Challenges of Nation Building(स्वतंत्र भारत में राजनीति- राष्ट्र - निर्माण की चुनौतियाँ) Video Lecture | NCERT Video Summary: Class 6 to Class 12 (Hindi) - UPSC

FAQs on Chapter 1: Challenges of Nation Building(स्वतंत्र भारत में राजनीति- राष्ट्र - निर्माण की चुनौतियाँ) Video Lecture - NCERT Video Summary: Class 6 to Class 12 (Hindi) - UPSC

1. स्वतंत्र भारत में राजनीति- राष्ट्र - निर्माण की चुनौतियाँ क्या हैं?
उत्तर: स्वतंत्र भारत में राजनीति- राष्ट्र - निर्माण की चुनौतियाँ विभिन्न प्रकार की हो सकती हैं। इनमें से कुछ मुख्य चुनौतियाँ हैं जैसे कि विभाजन के बाद एकीकृत भारतीय समाज का निर्माण करना, भाषाई, जातीय और धार्मिक भेदों का सामरिकी रूप से संघटित होना, गरीबी और अशिक्षा के मसौदों से निपटना, न्यायपालिका की स्थापना और संविधान का निर्माण करना।
2. स्वतंत्र भारत में राजनीति- राष्ट्र - निर्माण के लिए किन-किन उद्देश्यों को प्राथमिकता देना चाहिए?
उत्तर: स्वतंत्र भारत में राजनीति- राष्ट्र - निर्माण के लिए कुछ महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं। इनमें से प्राथमिकता देने चाहिए एकीकृतता और विभिन्न सामाजिक भेदों के समाप्ति, गरीबी और अशिक्षा के मसौदों के समाधान, न्यायपालिका की स्थापना, राष्ट्रीय संघर्षों का समाधान और संविधान का निर्माण करना।
3. स्वतंत्र भारत में राजनीति- राष्ट्र - निर्माण में भाषाई, जातीय और धार्मिक भेदों का क्या महत्व है?
उत्तर: स्वतंत्र भारत में राजनीति- राष्ट्र - निर्माण में भाषाई, जातीय और धार्मिक भेदों का महत्व बहुत अधिक है। इन भेदों के सामरिकी रूप से संघटित होने से समाज में विवाद और उग्र वातावरण कम होगा और सामाजिक समरसता और समानता की भावना पैदा होगी। यह भेद भारतीय समाज को एक बांधने और अद्वितीयता की ओर ले जाते हैं।
4. स्वतंत्र भारत में राजनीति- राष्ट्र - निर्माण के लिए संविधान क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: स्वतंत्र भारत में राजनीति- राष्ट्र - निर्माण के लिए संविधान महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक संघीय और लोकतांत्रिक देश की नींव स्थापित करता है। संविधान भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करता है और सरकार की संरचना, कार्यप्रणाली और अधिकारों को परिभाषित करता है। इसके माध्यम से राष्ट्र के निर्माण में समानता, न्याय और विचारधारा का सम्मान बना रहता है।
5. स्वतंत्र भारत में राजनीति- राष्ट्र - निर्माण के लिए न्यायपालिका की स्थापना क्यों आवश्यक है?
उत्तर: स्वतंत्र भारत में राजनीति- राष्ट्र - निर्माण के लिए न्यायपालिका की स्थापना आवश्यक है क्योंकि इससे समाज में न्यायपालिका का अद्यतन होता है और व्यवस्था की पालन की जाती है। न्यायपालिका मानवाधिकारों की सुरक्षा करती है, न्याय दिलाती है और अन्य सरकारी और अर्धसरकारी संस्थाओं के फैसलों की जाँच करती है। यह सुनिश्चित करती है कि न्याय के माध्यम से दंडाधिकार का प्र
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