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अलीगढ़ आन्दोलन, तरुण बंगाल या यंग बंगाल - सामाजिक एवं सांस्कृतिक जागरण, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

अलीगढ़ आन्दोलन, तरुण बंगाल या यंग बंगाल

अलीगढ़ आन्दोलन
 ¯ 1857 के महान् सैनिक आंदोलन के बाद ब्रिटिश सरकार के अंदर यह धारणा बन गई कि मुसलमान लोग षड्यंत्र रचने मंे अग्रगण्य लोग हैं । 
 ¯ 1860 तथा 1870 के वहाबी आंदोलन ने उनकी इस धारणा की पुष्टि की। 
 ¯ 1870 के उपरांत डब्ल्यू हंटर की ‘इण्डियन मुसलमान’ नाम की पुस्तक में एक सुझाव दिया गया कि मुसलमानों से समझौता करना सरकार के लिए फायदेमंद होगा। 
 ¯ मुसलमानों के एक वर्ग के नेता सैयद अहमद खाँ भी सरकार के इस रूख के समर्थक थे। 
 ¯ मुसलमानों में यह भावना उभरी कि सरकार से अलग-अलग रहने से वे प्रशासन में न्यायोचित स्थान पाने में असफल हो जाएँगे।
 ¯ उन्नीसवीं सदी के मुस्लिम सुधारकों में सर सैय्यद अहमद खाँ (1817-98) का नाम विशेष उल्लेखनीय है। 
 ¯ उन्होंने 1817 में दिल्ली के एक समृद्ध मुस्लिम घराने में जन्म लिया और फिर परम्परागत मुस्लिम ढंग से शिक्षा ग्रहण की। 
 ¯ 1857 के विद्रोह के समय वे कम्पनी की न्यायिक सेवा में थे। वह कम्पनी के प्रति पूर्ण राजभक्त रहे। 
 ¯ उन्होंने मुसलमानों के दृष्टिकोण में आधुनिक सोच लाने का प्रयास किया। इस काम में उनको काफी हद तक सफलता हाथ लगी।
 ¯ उन्होंने इस्लाम में सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का प्रयत्न भी किया। 
 ¯ उन्होंने पीरी मुरीदी की प्रथा को समाप्त करने का प्रयत्न किया। 
 ¯ पीर लोग अपने आप को सूफी मानते थे और अपने मुरीदों को कुछ रहस्यपूर्ण बात कहकर गुरु बन जाते थे। 
 ¯ उन्होंने दास-प्रथा को भी इस्लाम के विरुद्ध बतलाया। 
 ¯ उन्होंने अपने विचारों का प्रचार एक पत्रिका ‘तहजीब- उल-अखलाक’ (सभ्यता और नैतिकता) द्वारा किया।
 ¯ परन्तु उनका सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान ‘कुरान पर टीका’ था जिसमें उन्होंने परम्परागत टीकाकारों की आलोचना की और समकालीन वैज्ञानिक ज्ञान के प्रकाश में अपने मत प्रकट किए। 
 ¯ उन्होंने 1875 में अलीगढ़ में एक मुस्लिम ऐंग्लो ओरिएण्टल स्कूल आरम्भ किया जहाँ मुस्लिम धर्म के साथ-साथ पाश्चात्य ज्ञान-विज्ञान के विषय भी पढ़ाये जाते थे। शीघ्र ही अलीगढ़ मुसलमानों के धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का केन्द्र बन गया। 
 ¯ आगे चलकर यही केन्द्र अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रूप में सामने आया।

तरुण बंगाल या यंग बंगाल
 ¯ उन्नीसवीं सदी के पूर्वार्ध में यंग बंगाल नाम से प्रसिद्ध नवयुवकों की बंगाल बौद्धिक टोली द्वारा नये एवं मूलगामी विषयों का प्रचार-प्रसार होने लगा। 
 ¯ इस आंदोलन की पहल मुख्य रूप से हिन्दू-कालेज के आंग्लो-इंडियन शिक्षक हेनरी विवियन देरोजियो (1809-1831) ने की थी। 
 ¯ एक मुक्त चिन्तक तथा हेतुवादी के रूप में उसने अपने विद्यार्थियों में मूलगामी एवं आलोचनात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित किया और सभी अधिकारवादी प्रवृत्तियों को प्रश्नाधीन बनाया। 
 ¯ वह स्वातंत्र्त्रय प्रेमी तथा सत्य का उपासक था। 
 ¯ ‘देरोजियोवादी’ कहे जाने वाले उसके अनुगामियों ने पुरानी, पतनशील रीतियों एवं परंपराओं पर प्रहार किया और हिन्दू समाज व धर्म के समूचे ढाँचे के सामने प्रश्नचिन्ह लगाया। 
 ¯ देरोजियो के अनुगामी पक्के हेतुवादी थे और प्रत्येक चीज की परीक्षा विवेक की कसौटी पर करते थे। 
 ¯ अपने मूलगामी विचारों के कारण देरोजियो को 1831 में हिन्दू कालेज से बरखास्त कर दिया गया और इसके कुछ ही दिनों बाद 22 वर्ष की अल्पायु में ही हैजे के शिकार के रूप में वह इस दुनिया से कूच कर गया।

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FAQs on अलीगढ़ आन्दोलन, तरुण बंगाल या यंग बंगाल - सामाजिक एवं सांस्कृतिक जागरण, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस - इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

1. अलीगढ़ आंदोलन क्या है?
उत्तर: अलीगढ़ आंदोलन एक सामाजिक और सांस्कृतिक जागरण था जो 19वीं शताब्दी के उत्तर भारत में हुआ था। इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध स्वतंत्रता की मांग करना और भारतीय समाज को जागरूक करना था।
2. तरुण बंगाल आंदोलन किस वर्ष में हुआ था?
उत्तर: तरुण बंगाल आंदोलन 1905 में हुआ था। इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल प्रांत को विभाजित करके उसकी शक्ति को कम करना था। इससे पैशेंट दलित एकता, स्वराज्य और स्वावलंबन के मुद्दों पर भारतीय जनता का अभियान शुरू हुआ।
3. यंग बंगाल आंदोलन क्या था?
उत्तर: यंग बंगाल आंदोलन भारतीय आजादी संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय था। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह करके बंगाल में स्वतंत्रता लड़ना। यह आंदोलन स्वाधीनता संग्राम की प्रारंभिक घटना के रूप में भी माना जाता है।
4. यूपीएससी का पूरा रूप क्या है?
उत्तर: यूपीएससी का पूरा रूप है "यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन"। यह भारतीय संघ लोक सेवा आयोग है और भारतीय सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली एक प्रतियोगी परीक्षा है। इस परीक्षा के माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और अन्य संघीय सेवाओं की भर्ती की जाती है।
5. आईएएस का फुल फॉर्म क्या है?
उत्तर: आईएएस का फुल फॉर्म है "इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस"। यह भारतीय संघ लोक निर्वाचन आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा है और भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की भर्ती के लिए एक राष्ट्रीय स्तरीय परीक्षा है।
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