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ऐतिहासिक कालक्रम (भाग - 6) - इतिहास,यु.पी.एस.सी | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

ऐतिहासिक कालक्रम

1859    तात्या टोपे का धोखे से गिरफ्तार कर लिया जाना-गोद-प्रथा की समाप्ति की घोषणा रद्द-शांति और व्यवस्था की क्रमिक स्थापना-बंगाल में नील की खेती के प्रश्न पर झगड़े (1859.60)।
1860    भारतीय दंड संहिता।
1861    इंडियन कौंसिल ऐक्ट-हाईकोर्टोंं की स्थापना-लोक सेवा अधिनियम उत्तर-पश्चिमी भारत में दुर्भिक्ष-जाब्ता फौजदारी।
1862    लार्ड कैनिंग का अवकाश ग्रहण-लार्ड एल्गिन प्रथम वाइसराय नियुक्त (1862.63 ई.) सुप्रीम का और  सदर न्यायालयों का हाई कोर्टों में एकीकरण।
1863    दोस्त मुहम्मद की मृत्यु।
1864    सर जाॅन लारेन्स वाइसराय नियुक्त (1864.68)-भूटान युद्ध।
1865    उड़ीसा का दुर्भिक्ष (1865.67 ई )-यूरोप के साथ तार संचार व्यवस्था का उद्घाटन।
1868    अम्बाला से दिल्ली तक रेल लाइन का उद्घाटन-शेर अली को अफगानिस्तान का अमीर बनाया जाना।
1869    लार्ड मेयो वाइसराय (1869.72 ई.) -अम्बाला में शेर अली से भेंट ड्यूक आफ एडिनबरा की यात्रा।
1872    लार्ड मेयो की हत्या-लार्ड नार्थ ब्रुक वाइसराय नियुक्त (1872.76 ई.)।
1873    रूसियों का खीव पर अधिकार-बिहार में दुर्भिक्ष (1873.74 ई.)।
1874    डिजरैली ब्रिटेन का प्रधानमन्त्राी।
1875    मल्हार राव गायकवाड़ की पदच्युति-पिं्रस आफ वेल्स, एडवर्ड की यात्रा।
1876    लार्ड नार्थ ब्रुक का अवकाश-ग्रहण-लार्ड लिटन प्रथम वाइसराय (1876.80 ई.) क्वेटा पर अधिकार-दक्षिण मेें दुर्भिक्ष।
1877    दिल्ली दरबार (1 जुलाई) महारानी विक्टोरिया भारत की सम्राज्ञी घोषित।
1878    वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट-द्वितीय अफगान युद्ध (1878.80 ई.)।
1879    चुंगी के लिए लगायी गयी नागफली की झाड़ियों का उखाड़ दिया जाना।
1880    लार्ड लिटन प्रथम का त्याग पत्रा-लार्ड रिपन वाइसराय (1880.84)-भाईबन्दी का युद्ध (जुलाई)-कंधार की ओर राबट्र्स का प्रस्थान- अब्दुर्रहमान की अफगानिस्तान के अमीर के रूप में मान्यता-अफगानिस्तान के प्रति बिटिश नीति में परिवर्तन।
1881    फैक्टरी अधिनियम-प्रथम जनगणना। 
1882     वर्नाक्यूलर प्रेस ऐक्ट का निरस्त किया जाना- हण्टर आयोग।
1883    भारत में स्वायत्त शासन का सूत्रापात-इल्बर्ट विधेयक।
1884    लार्ड रिपन का त्यागपत्रा-लार्ड डफरिन वाइसराय।
1885    पंजदेह कांड-तृतीय बर्मा युद्ध-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन-बंगाल का स्वायत्त शासन अधिनियम।
1886    उत्तरी बर्मा का ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाया जाना-ग्वालियर का किला सिंधिया को लौटा दिया जाना-अफगानिस्तान की उत्तरी सामा का निर्धारण।
1887    महारानी विक्टोरिया के शासन काल की स्वर्ण-जयन्ती।
1888    लार्ड डफरिन का त्याग पत्रा और लार्ड लैन्सडाउन वाइसराय (1888.94 ई.)।
1889    वेल्स के प्रिंस एडवर्ड की दूसरी यात्रा।
1891    द्वितीय फैक्टरी अधिनियम सहवास वय अधिनियम-मनीपुर में विद्रोह। 
1892    इंडियन कौंसिल एक्ट।
1893    काबुल को डूरैण्ड आयोग-स्वामी विवेकानन्द अमेरिका में।
1894    लार्ड एल्गिन द्वितीय वाइसराय (1894.99 ई.)।
1895    चित्राल अभियान।
1896    बम्बई में प्लेग की महामारी (1896.1900 ई.)- दुर्भिक्ष (1896.97 ई.)।
1897    तीराह अभियान-दुर्भिक्ष आयोग।
1899    लार्ड कर्जन वाइसराय (1899.1905 ई.)
1900    दुर्भिक्ष-भूमि स्वामित्व-परिवर्तन अधिनियम।
1901    महारानी विक्टोरिया की मृत्यु और एडवर्ड सप्तम का सिंहासनारोहण-उत्तर-पश्चिमी सीमा प्रान्त का गठन।
1903    तिब्बती अभियान (1903.04 ई.)।
1904    भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम को-आपरेटिव सोसायटी अधिनियम रूसी जापानी युद्ध (1904.05 ई.)।
1905    बंगाल का विभाजन-लार्ड मिण्टो द्वितीय वाइसराय (1905.10 ई)-लार्ड मार्ले भारत-मंत्राी- स्वदेशी प्रचार तथा विदेशी माल का बहिष्कार आन्दोलन।
1906    मुस्लिम लीग की स्थापना कलकता कांग्रेस में अध्यक्ष दादा भाई नौरोजी की घोषणा कि स्वराज्य कांग्रेस लक्ष्य है।
1907    आंग्ल-रूसी समझौता-सूरत कांग्रेस में फूट।
1908    समाचार-पत्रा अधिनियम।
1909    इंडियन कौंसिल ऐक्ट (मार्ले-मिण्टो सुधार) आतंकवादियों की कार्रवाइयाँ प्रथम भारतीय (एस.पी.सिन्हा) की वाइसराय की कार्यकारी परिषद में नियुक्ति।
1910    लार्ड हार्डिंज वाइसराय (1910.16 ई.)।
1911    सम्राट् जार्ज पंचम की सम्राज्ञी सहित भारत-यात्रा- दिल्ली दरबार-बंगाल का विभाजन रद्द-कलकत्ता से दिल्ली राजधानी परिवर्तन की घोषणा।
1912    राजधानी का कलकत्ता से दिल्ली को स्थानान्तरण - बिहार और उड़ीसा के पृथक् प्रान्तों की स्थापना-बंगाल का गवर्नर लार्ड कार माइकेल-लार्ड हार्डिंज दिल्ली में बम-विस्फोट से घायल।
1913    रवीन्द्रनाथ ठाकुर को नोबेल पुरस्कार।
1914    प्रथम विश्वयुद्ध-युद्ध की घोषणा (4 अगस्त)-फ्रांस में भारतीय सैनिक टुकड़ियों का उतरना (26 सितम्बर)-ब्रिटेन द्वारा तुर्की के विरुद्ध युद्ध की घोषणा (5 नवम्बर)।
1915    मेसोपोटामिया में अंग्रेजी सेना का पीछे हटना-जनरल टाउनशेंड के नेतृत्व में भारतीय ब्रिटिश सेना का कुट-एल आमारा में प्रवेश- भारत सुरक्षा अधिनियम।
1916    वाइसराय लार्ड चेम्सफोर्ड (1916.21 ई.)-तुर्कों का कुट-एल आमारा पर अधिकार और टाउनशेंड का बंदी बनाया जाना-सैण्डलर आयोग- कांग्रेस और लीग के बीच लखनऊ समझौता-होम रूल लीग की स्थापना-पूना में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना।
1917    अंग्रेजों का कुट-एल आमारा पर पुनः अधिकार-रूस में क्रान्ति के फलस्वरूप जारशाही का पतन-अमेरिका द्वारा जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा-ब्रिटिश कामन्स सभा में भारत-मंत्राी मांटेगू की घोषणा कि ब्रिटिश सरकार का लक्ष्य भारत में स्वायत्तशासी संस्थाओं का क्रमिक विकास करना है ताकि वहाँ क्रमिक रीति से उत्तरदायी सरकार की स्थापना हो सके (27 अगस्त)-मांटेगू की भारत-यात्रा।
1918    भारतीय सेना में अफसरों के पद पर नियुक्ति के लिए भारतीयों को योग्य घोषित किया जाना- इंडियन नेशनल लिबरल फेडरेशन-रूस की पराजय मेसोपोटामिया में अंग्रेज फौजों का बढ़ाव और फ्रांस में जर्मन फौजों का पीछे हटना माण्टेगू-चेम्सफोर्ड रिपोर्ट का प्रकाशन और उस पर पार्लियामेण्ट में वाद -विवाद प्रथम विश्वयुद्ध (1914.18 ई.) की समाप्ति।
1919    गवर्नमेण्ट आॅफ इंडिया ऐक्ट, 1919-पंजाब में उपद्रव-शाही घोषणा-खलीफा पद की समाप्ति।
1920    खिलाफत आन्दोलन-बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु-महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कंग्रेस द्वारा असहयोग आंदोलन का श्रीगणेश-लार्ड सिन्हा बिहार और उड़ीसा के गवर्नर नियुक्त।

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FAQs on ऐतिहासिक कालक्रम (भाग - 6) - इतिहास,यु.पी.एस.सी - इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

1. ऐतिहासिक कालक्रम क्या होता है?
उत्तर: ऐतिहासिक कालक्रम किसी देश या क्षेत्र के ऐतिहासिक घटनाओं को क्रमबद्ध रूप से प्रस्तुत करने का प्रयास होता है। इसमें विभिन्न घटनाओं को तिथि, समय, स्थान और प्रमुख व्यक्तियों के साथ जोड़कर उनका अध्ययन किया जाता है। ऐतिहासिक कालक्रम एक विशेष आदर्श अनुक्रम का पालन करता है और छात्रों को ऐतिहासिक घटनाओं को समझने और याद करने में मदद करता है।
2. ऐतिहासिक कालक्रम क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: ऐतिहासिक कालक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह छात्रों को ऐतिहासिक घटनाओं की संज्ञा, समय, स्थान और प्रमुख व्यक्तियों के साथ जोड़ने में मदद करता है। यह छात्रों को इतिहास के महत्वपूर्ण अवधारणाओं और व्याख्यानों को समझने में भी सहायता प्रदान करता है। इसके अलावा, ऐतिहासिक कालक्रम छात्रों को बेहतर तारीखों को याद करने में मदद करता है और उन्हें परीक्षा के लिए तैयार करने में विशेष सहायता प्रदान करता है।
3. ऐतिहासिक कालक्रम कैसे तैयार किया जाता है?
उत्तर: ऐतिहासिक कालक्रम तैयार करने के लिए विभिन्न स्रोतों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि ऐतिहासिक पुस्तकें, दस्तावेजों, चंद्रगुप्त मौर्य के समय के शिलालेख, महाजनपद, गुप्त साम्राज्य आदि। इसके अलावा, ऐतिहासिक कालक्रम तैयार करने में छात्रों को विभिन्न संगठनों और वेबसाइटों का उपयोग करना चाहिए जो ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। इसके बाद, छात्रों को विभिन्न घटनाओं को तिथि, समय, स्थान और प्रमुख व्यक्तियों के साथ जोड़कर उनका अध्ययन करना चाहिए।
4. ऐतिहासिक कालक्रम के लाभ क्या हैं?
उत्तर: ऐतिहासिक कालक्रम के कई लाभ हैं। पहले तो यह छात्रों को इतिहास के महत्वपूर्ण अवधारणाओं को समझने में मदद करता है। यह उन्हें ऐतिहासिक घटनाओं को याद करने में भी सहायता प्रदान करता है और परीक्षा के लिए तैयारी में मदद करता है। इसके अलावा, ऐतिहासिक कालक्रम छात्रों को विभिन्न घटनाओं के बीच सम्बन्ध समझने में मदद करता है और उन्हें इतिहास में व्याख्यानों को समझने में सहायता प्रदान करता है।
5. ऐतिहासिक कालक्रम को कैसे समझा जा सकता है?
उत्तर: ऐतिहासिक कालक्रम को समझने के लिए छात्रों को पहले ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। उन्हें विभिन्न स्रोतों का उपयोग करना चाहिए, जैसे कि ऐतिहासिक पुस्तकें, दस्तावेजों, चंद्रगुप्त मौर्य के समय के शिलालेख, महाजनपद, गुप्त साम्राज्य आदि। इसके बाद, वे ऐतिहासिक घ
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