संदर्भ
भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से विकास करती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इसका या विकास इसके शहरों से प्रेरित है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि वर्ष 2030 तक भारतीय शहर देश के सकल घरेलू उत्पाद में 70% योगदान कर रहे होंगे। विश्व बैंक के अनुसार, भारत को अपनी तेज़ी से बढ़ती शहरी आबादी की मांगों की पूर्ति करने के लिये अगले 15 वर्षों में 840 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की आवश्यकता होगी।
भारत शहरी क्षेत्र को एक विकास इकाई के रूप में कैसे चिह्नित करता है?
शहरी विकास से संबंधित हाल की प्रमुख पहलें
भारत के शहरी क्षेत्र से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ
आगे की राह
संदर्भ
आधारभूत संरचना या अवसंरचना क्षेत्र (Infrastructure sector) भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये एक प्रमुख चालक है। यह क्षेत्र भारत के समग्र विकास को आगे ले जाने के लिये प्रमुख रूप से उत्तरदायी है और सरकार द्वारा इस पर गहन ध्यान दिया जाता है। देश भर में आधारभूत संरचना परियोजनाओं को सुविधाजनक बनाने के लिये केंद्र के साथ-साथ राज्य स्तर पर कई पहल की गई है।
भारत में अवसंरचना का वर्तमान परिदृश्य
संबंधित चुनौतियाँ
अवसंरचना क्षेत्र को सशक्त करने के लिये क्या उपाय किये जा सकते हैं?
संदर्भ
भारत वित्त वर्ष 2023 तक 450-500 बिलियन अमेरिकी डॉलर के महत्त्वाकांक्षी निर्यात शिपमेंट लक्ष्य के साथ निर्यात-उन्मुख घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये पिछले दो वर्षों से कई भागीदारों – द्विपक्षीय और क्षेत्रीय दोनों – के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (Free Trade Agreements- FTAs) पर वार्ता कर रहा है।
मुक्त व्यापार समझौता (FTA) क्या है?
FTAs का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
भारत के मुक्त व्यापार समझौतों की वर्तमान स्थिति
भारत के प्रमुख व्यापार समझौते
भारत की विदेश व्यापार नीति से संबंधित प्रमुख समस्याएँ
आगे की राह
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