UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly  >  Moral Integrity (नैतिकता अखंडता): November 2022 UPSC Current Affairs

Moral Integrity (नैतिकता अखंडता): November 2022 UPSC Current Affairs | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly PDF Download

सार्वजनिक पद पर आसीन लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रत

चर्चा में क्यों?
हाल ही मे सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक पद पर आसीन लोगों को आत्म-प्रतिबंध का प्रयोग करना चाहिये और ऐसी बातें नहीं करनी चाहिये जो अन्य देशवासियों के लिये अपमानजनक हों।

  • किसी सार्वजनिक पदाधिकारी के भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर प्रतिबंध के संबंध में पाँच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखा

निर्णय की मुख्य विशेषताएँ:

  • परिचय:
    • न्यायालय ने कहा कि यदि कोई सार्वजनिक अधिकारी ऐसा भाषण देता है जिसका किसी व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, तो संबद्ध व्यक्ति के पास हमेशा इसके निपटान हेतु नागरिक उपाय होता है।
    • न्यायालय ने कहा कि अनुच्छेद 19(2) चाहे जो भी कहे, देश में एक संवैधानिक संस्कृति है जहाँ एक अंतर्निहित सीमा है या ज़िम्मेदार पदों पर आसीन लोगों के भाषण अथवा अभिव्यक्ति पर कुछ प्रतिबंध हैं
    • अनुच्छेद 19 (2) देश की संप्रभुता और अखंडता, सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता आदि के हित में भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के प्रयोग पर उचित प्रतिबंध लगाने के लिये राज्य की शक्तियों से संबंधित है।
  • पूर्व के निर्णय:
    • 2017 में तीन न्यायाधीशों की पीठ ने विभिन्न मुद्दों को निर्णय के लिये संविधान पीठ को भेजा था, जिसमें यह भी शामिल था कि क्या एक सार्वजनिक पदाधिकारी या मंत्री संवेदनशील मामलों पर विचार व्यक्त करते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दावा कर सकता है
    • इस मुद्दे पर एक आधिकारिक घोषणा की आवश्यकता उत्पन्न हुई क्योंकि ऐसे तर्क थे कि एक मंत्री व्यक्तिगत दृष्टिकोण प्रस्तुत नहीं कर सकता और उसके बयानों को सरकारी नीति के अनुरूप होना चाहिये।
    • अदालत ने पहले कहा था कि वह इस बात पर विचार करेगी कि क्या भाषण और अभिव्यक्ति का मौलिक अधिकार शालीनता या नैतिकता के उचित प्रतिबंध के तहत शासित होगा या मौलिक अधिकारों का भी इस पर प्रभाव पड़ेगा।

आचार संहिता

  • आचार संहिता किसी व्यक्ति या संगठन के लिये नियमों, व्यवहार या प्रथाओं के मानकों का एक सेट है जो किसी संगठन के निर्णयों, प्रक्रियाओं और प्रणालियों को इस तरह से निर्देशित करती है जो इसके हितधारकों के कल्याण में योगदान देता है।
  • उदाहरण के लिये भारत निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता भारत के चुनाव आयोग द्वारा चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के संचालन के लिये जारी दिशा-निर्देशों का एक सेट है, जिसमें मुख्य रूप से भाषण, मतदान दिवस, मतदान केंद्र, विभाग, चुनाव घोषणापत्र, जुलूस तथा सामान्य आचरण शामिल है।
  • इसी तरह सिविल सेवकों के लिये कर्तव्यों का पालन करने और आचरण संबंधी नियमों को बनाए रखने के लिये संहिताओं का एक सेट निर्धारित किया गया है।

सिविल सेवकों के लिये आचार संहिता के सात सिद्धांत

  • निस्वार्थता: सार्वजनिक पद धारण करने वालों द्वारा जनहित में निर्णय लिये जाने चाहिये। अपने परिवार या अन्य मित्रों के लिये धन या अन्य भौतिक लाभ प्रदान करने के लिये उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिये।
  • अखंडता: सार्वजनिक कार्यालय के धारकों को किसी भी तरह के आर्थिक या बाहरी पार्टियों के दबाव में काम नहीं करना चाहिये, जो उन्हें ऐसा करने के लिये दबाव बनाते हैं।
  • वस्तुनिष्ठता: सार्वजनिक अधिकारियों को सार्वजनिक नियुक्तियों, अनुबंध पुरस्कारों और प्रोत्साहनों तथा भत्तों के लिये सिफारिशों सहित सार्वजनिक व्यवसाय करते समय योग्यता के आधार पर अपने निर्णय लेने चाहिये।
  • जवाबदेही: सिविल सेवकों को उनकी स्थिति के अनुसार जाँच के दायरे में रखा गया है साथ ही, उन्हें जनता को उनकी पसंद और आचरण के लिये जवाब देना चाहिये।
  • खुलापन: सभी विकल्प और कार्य जो सार्वजनिक कार्यालय धारक करते हैं वे यथासंभव पारदर्शी होने चाहिये। जब व्यापक जनहित में स्पष्ट रूप से इसकी आवश्यकता होती है तो उन्हें अपनी पसंद के लिये औचित्य प्रदान करना चाहिये और केवल आवश्यक होने पर ही जानकारी को प्रतिबंधित करना चाहिये।
  • ईमानदारी: नौकरशाह का यह कर्त्तव्य है कि वह अपने सार्वजनिक कर्त्तव्यों से संबंधित निजी हितों की घोषणा करे और ऐसे किसी विरोध के समाधान के लिये आवश्यक कदम उठाए जो सार्वजनिक हितों की रक्षा करने में आड़े आता हो।
  • नेतृत्वइन विचारों को बढ़ावा देने और समर्थन करने के लिये सार्वजनिक अधिकारियों द्वारा नेतृत्व का उपयोग किया जाना चाहिये।

आगे की राह

  • कुछ निष्कर्ष लोक सेवा पर सामान्य रूप से लागू होते हैं जिन्हें लोक सेवा के सात सिद्धांतों के अतिरिक्त जोड़ा जा सकता है।
  • आचार संहिता: सभी सार्वजनिक निकायों को इन सिद्धांतों को शामिल करते हुए आचार संहिता बनानी चाहिये।
  • स्वतंत्र जाँच: मानकों को बनाए रखने के लिये आंतरिक प्रणालियों को स्वतंत्र जाँच द्वारा समर्थित किया जाना चाहिये।
  • शिक्षा: सार्वजनिक निकायों में आचरण के मानकों को बढ़ावा देने तथा सुदृढ़ करने के लिये और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है, विशेष रूप से मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण के माध्यम से, जिसमें प्रारंभिक प्रशिक्षण भी शामिल है।

स्वचालित कारों को अपनाना

चर्चा में क्यों?
जानलेवा टेस्ला कारों द्वारा दुर्घटनाओं से उत्पन्न मुकदमों की एक शृंखला और एक आपराधिक मामले में, टेस्ला (Tesla) को वर्ष 2015 में ऑटोपायलट लॉन्च करने के बाद से सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा

स्वचालित कारों द्वारा सामना की जाने वाली नैतिक दुविधाएँ:

  • पूर्वनिर्धारित निर्णय शक्ति:
    • स्वचालित कारें मूल रूप से रोबोट हैं जिन्हें एल्गोरिदम का उपयोग करके प्रोग्राम किया गया है, इसलिये इसकी अधिक संभावना होती है कि वे सभी मामलों में निर्धारित नियमों या पैटर्न का पालन करें।
  • ड्राइवर को नियंत्रण सौंपना:
    • स्वचालित कारों की सबसे बड़ी दुविधाओं में से एक यह है कि क्या अंतिम क्षण में ड्राइवर को नियंत्रण सौंपना सही होगा।
    • यह न केवल स्वचालित कारों की नैतिकता के बारे में बल्कि ड्राइवर की नैतिकता के बारे में भी सवाल उठाएगा।
  • सेल्फ-ड्राइविंग कारों की नैतिकता के सही निर्णयकर्त्ता:
    • कुछ के अनुसार, इस बात पर बहस चल रही है कि सेल्फ-ड्राइविंग कारों की नैतिकता किसे तय करनी चाहिये।
    • यह तर्क दिया जा सकता है कि सेल्फ-ड्राइविंग मामलों की नैतिकता तय करने के लिये कोई भी सही मालिक नहीं है। निर्णय कार के चालक के हाथ में होना चाहिये।
  • निष्पक्ष निर्णय लेने के लिये कार को प्रोग्राम करना:
    • कुछ का यह भी तर्क है कि सेल्फ-ड्राइविंग कार का सबसे अच्छा तरीका दुर्घटनाओं के मामले में निष्पक्ष निर्णय लेना है।
    • उन्हें उम्र, लिंग या अन्य मापदंडों के आधार पर मनुष्यों के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिये। उन्हें हमेशा ऐसा निर्णय लेना चाहिये जिससे कम-से-कम प्रभाव पड़े।
  • हैकिंग की दुविधा:
    • संवेदनशील डेटा तक पहुँच हासिल करने या किसी दुष्कर्म को अंजाम देने के लिये कार के सिस्टम में साइबर-क्रिमिनल हैकिंग का खतरा हमेशा बना रहता है।
    • उदाहरण के लिये क्या होगा यदि स्वायत्त कार को साइबर अपराधी द्वारा हैक किया जाता है और चालक को दोषी ठहराने के लिये दुर्घटना को अंजाम दिया जाता है?

स्वायत्त/स्वचालित कार

  • विषय:
    • एक स्वायत्त कार एक ऐसा वाहन है जो मानव भागीदारी के बिना अपने आसपास को समझने और संचालन करने में सक्षम है।
    • इसमें मानव यात्री को किसी भी समय वाहन को नियंत्रित करने की आवश्यकता नहीं होती है, न ही मानव यात्री को वाहन में उपस्थित होने की आवश्यकता होती है।
    • एक स्वायत्त कार कहीं भी जा सकती है जैसे कि एक पारंपरिक कार जाती है और वह कोई भी कार्य कर सकती है जो एक कुशल मानव चालक कर सकता है।
  • लाभ:
    • ट्रैफिक जाम में कमी
    • परिवहन लागत में 40% की कटौती
    • पैदल चलने में सुधार
    • अन्य उपयोगों के लिये पार्किंग स्थल की उपलब्धता
    • दुनिया भर में शहरी CO2 उत्सर्जन को 80% तक कमी

आगे की राह
जैसे-जैसे सेल्फ-ड्राइविंग कारों को अपनाने के कारण इस विषय पर बहस तेज़ हो रही है, यह आशा की जा रही है कि सख्त कानून और विनियम बनाए जाएंगे जो अंततः सही, न्यायसंगत तरीके से सवालों का जवाब दे सकेंगे।

The document Moral Integrity (नैतिकता अखंडता): November 2022 UPSC Current Affairs | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly is a part of the UPSC Course Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly.
All you need of UPSC at this link: UPSC
2317 docs|814 tests

Top Courses for UPSC

Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Moral Integrity (नैतिकता अखंडता): November 2022 UPSC Current Affairs | Current Affairs (Hindi): Daily

,

Weekly & Monthly

,

practice quizzes

,

Exam

,

Summary

,

Moral Integrity (नैतिकता अखंडता): November 2022 UPSC Current Affairs | Current Affairs (Hindi): Daily

,

study material

,

Extra Questions

,

ppt

,

Moral Integrity (नैतिकता अखंडता): November 2022 UPSC Current Affairs | Current Affairs (Hindi): Daily

,

Important questions

,

Weekly & Monthly

,

Free

,

pdf

,

Objective type Questions

,

Viva Questions

,

video lectures

,

Semester Notes

,

MCQs

,

Weekly & Monthly

,

shortcuts and tricks

,

past year papers

,

mock tests for examination

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Sample Paper

;