UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi  >  महत्वपूर्ण प्रश्न (भाग - 2) - पारंपरिक अर्थव्यवस्था

महत्वपूर्ण प्रश्न (भाग - 2) - पारंपरिक अर्थव्यवस्था | भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

प्रश्न: 1. 1991 की जनगणना के अनुसार भारत की 52.1ः जनसंख्या साक्षर थी। 2011 की साक्षरता दर कितनी है?
 उत्तर: 
73%

प्रश्न: 2. भारत में स्त्रियों की साक्षरता दर कितनी है?
 उत्तर: 
64.6% 

प्रश्न: 3. भारतीय बैंकिंग प्रणाली में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक कुल जमा राशि के कितने प्रतिशत का लेनदेन करते हैं?
 उत्तर: 
95 प्रतिशत

प्रश्न: 4. भारत में बेरोजगारी का मुख्य स्वरूप है-
 उत्तर: 
संरचनात्मक बेरोजगारी


प्रश्न: 5. संरचनात्मक बेरोजगारी की कालिक प्रकृति क्या है?
 उत्तर: 
सदैव के लिए       

प्रश्न: 6. भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में पायी जाने वाली सर्वप्रमुख बेरोजगारी कौन-सी है?
 उत्तर: 
प्रच्छन्न बेरोजगारी

प्रश्न: 7. प्रच्छन्न बेरोजगारी क्या है?
 उत्तर: 
बेरोजगारी, जिसमें-श्रमिक की सीमान्त उत्पादकता शून्य या ऋणात्मक होती है

प्रश्न: 8. बी. भगवती की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन 1970 के दशक के प्रारम्भ में किया गया था। यह समिति किस उद्देश्य से गठित की गई थी?
 उत्तर: 
भारत में बेरोजगारी

प्रश्न: 9. भारत के किस राज्य ने सर्वप्रथम रोजगार गारंटी कार्यक्रम चलाया?
 उत्तर: 
महाराष्ट्र

प्रश्न: 10. बेरोजगारी निवारण के उद्देश्य से ‘काम के बदले अनाज’ कार्यक्रम किस वर्ष चलाया गया?
 उत्तर: 
1978.79

प्रश्न: 11. अक्टूबर, 1980 में ‘काम के बदले अनाज’ कार्यक्रम का नाम बदलकर उसे एक 50% केन्द्रीय सहायता प्राप्त कार्यक्रम बना दिया गया। कार्यक्रम का नया नाम क्या था?
 उत्तर: 
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम

प्रश्न: 12. ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम के लिए धन का स्रोत्र है-
 उत्तर: 
100ः केन्द्र सरकार द्वारा अनुमानित

प्रश्न: 13. छठी पंचवर्षीय योजना में ग्रामीण रोजगार उपलब्ध कराने वाले विभिन्न कार्यक्रमों जैसे सीमान्त कृषक और कृषि श्रमिक(MFAL), लघु कृषक विकास एजेन्सी (SFDA),सूखाग्रस्त क्षेत्र कार्यक्रम (DPAP), मरुस्थल विकास कार्यक्रम(DDP) कमान क्षेत्र विकास कार्यक्रम आदि को मिलाकर एक विशाल कार्यक्रम का रूप दिया गया। इस कार्यक्रम का नाम था-
 उत्तर: 
समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम

प्रश्न: 14. आर्थिक संवृद्धि और रोजगार के बीच सदैव सकारात्मक सम्बन्ध नहीं होता-इस अवधारणा को सर्वप्रथम किस पंचवर्षीय योजना में स्वीकार किया गया था?
 उत्तर: 
छठी (जनता पार्टी)

प्रश्न: 15. 1969 में गठित दत्त समिति अर्थव्यवस्था के किस मुद्दे से सम्बन्धित थी?
 उत्तर: 
औद्योगिक लाइसेंसिंग नीति

प्रश्न: 16. स्वतंत्रता पूर्व डाॅ. एम. विश्वेश्वरैया ने भारत में नियोजन की एक योजना प्रस्तुत की थी। उनकी योजना कितनी वर्षीय थी?
 उत्तर: 
10 वर्षीय              

प्रश्न: 17. राष्ट्रीय योजना समिति(National Planning Committee) की स्थापना कब हुई?
 उत्तर:
  1938

प्रश्न: 18. राष्ट्रीय योजना समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त होने वाले व्यक्ति का नाम-
 उत्तर: 
जवाहर लाल नेहरू

प्रश्न: 19. राष्ट्रीय योजना समिति की रिपोर्ट कब प्रकाशित हुई?
 उत्तर: 
1949

प्रश्न: 20. स्वतंत्रता के पूर्व एक अर्थशास्त्री एम. एन. अग्रवाल ने 3,000 करोड़ रु. की अपनी योजना प्रस्तुत की थी। उस योजना का उन्होंने क्या नाम दिया था?
 उत्तर: 
गाँधीवादी योजना


प्रश्न: 21. जनता योजना (People's Plan)  जो 15,000 करोड़ रु. की एक 10 वर्षीय योजना थी, का प्रारूप किसने तैयार किया था?
 उत्तर: 
एम. एन. राय      

प्रश्न: 22. प्रथम पंचवर्षीय योजना का मुख्य बल किस क्षेत्र पर था?
 उत्तर:
 कृषि

प्रश्न: 23. योजना आयोग का गठन कब हुआ?
 उत्तर: 
मार्च, 1950           

प्रश्न: 24. भारत में योजनावधि में कुल कितनी बार योजनावकाश आया है?
 उत्तर:
  3


प्रश्न: 25. प्रथम पंचवर्षीय योजना में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के परिव्ययों का अनुपात कितना था?
 उत्तर: 
53: 47   

प्रश्न: 26. द्वितीय पंचवर्षीय योजना विकास के किस माॅडल पर आधारित थी?
 उत्तर: 
महालनोबिस माॅडल

प्रश्न: 27. भारत के नियोजित विकास की प्रक्रिया को काफी हद तक रूसी नियोजन प्रक्रिया से प्रभावित माना जाता है। भारत की कौन योजना पूर्व सोवियत संघ के 1928 के फेल्डमैन की योजना का अनुसरण करके तैयार की गई थी?
 उत्तर: 
द्वितीय योजना    

प्रश्न: 28. द्वितीय पंचवर्षीय योजना में किस क्षेत्र के विकास पर सर्वाधिक बल प्रदान किया गया था?
 उत्तर:
अधः संरचना

प्रश्न: 29. द्वितीय पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य था?
 उत्तर: 
अर्थव्यवस्था को स्वतः विकास की गति प्रदान हेतु एक प्रबल प्रयास करना

प्रश्न: 30. किस पंचवर्षीय योजना में योजनागत परिव्यय के प्रतिशत के रूप में विद्युत उत्पादन पर सर्वाधिक बल दिया गया था?
 उत्तर: 
पांचवी योजना

प्रश्न: 31. भारतीय नियोजन काल का कौन-सा दशक कृषि उत्पादन की दृष्टि से सर्वाधिक सफल माना जाता है?
 उत्तर: 
1980 का दशक    

प्रश्न: 32. प्रथम पंचवर्षीय योजना में राष्ट्रीय आय की वार्षिक वृद्धि दर क्या रही?
 उत्तर: 
3.6%     

प्रश्न: 33. प्रथम पंचवर्षीय योजना के अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में भारी सफलता से प्रभावित होकर द्वितीय योजना में राष्ट्रीय आय में 4.5% वार्षिक वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। योजना में वास्तविक वृद्धि दर कितनी प्राप्त हो सकी?
 उत्तर: 
3.9% 

प्रश्न: 34. राष्ट्रीय विकास परिषद ;छक्ब्द्ध की स्थापना किस वर्ष हुई?
 उत्तर: 
1952      

प्रश्न: 35. तृतीय पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य निर्धारित किया गया?
 उत्तर:
गरीबी निवारण

प्रश्न: 36. तृतीय पंचवर्षीय योजना की कार्यनीति में सर्वाधिक महत्व किस क्षेत्र के विकास को दिया गया था?
 उत्तर: 
कृषि      

प्रश्न: 37. पंचवर्षीय योजना के इतिहास में भारत की सर्वाधिक असफल योजना किसे माना जाता है?
 उत्तर:
तृतीय योजना

प्रश्न: 38. भारत की किस पंचवर्षीय योजना ने अपनी प्राथमिकता को विकास से हटाकर प्रतिरक्षा की ओर केन्द्रित कर दिया था?
 उत्तर: 
तृतीय योजना     

प्रश्न: 39. तृतीय पंचवर्षीय योजना में राष्ट्रीय आय में वृद्धि दर कितनी रही?
 उत्तर: 
2.3%

प्रश्न: 40. चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-74) को कहा जाता है?
 उत्तर: 
गाडगिल योजना

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FAQs on महत्वपूर्ण प्रश्न (भाग - 2) - पारंपरिक अर्थव्यवस्था - भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

1. पारंपरिक अर्थव्यवस्था क्या है?
उत्तर: पारंपरिक अर्थव्यवस्था एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जिसमें समाज या समुदाय के लोग अपने आप संगठित होते हैं और वस्त्र, खाद्य, सहायता, ज्ञान आदि की विनिमय करते हैं। इस अर्थव्यवस्था में व्यापार की प्रक्रिया अत्यंत सरल होती है और लोग एक-दूसरे के सहायता से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
2. पारंपरिक अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?
उत्तर: पारंपरिक अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं: - यह अर्थव्यवस्था संगठित होती है और एक सामाजिक संरचना के रूप में कार्य करती है। - इसमें व्यापार की प्रक्रिया सरल होती है और लोग आपस में सामान और सेवाओं का विनिमय करते हैं। - इसमें लोगों के बीच विश्वास और सहयोग के आधार पर एक प्रकार का संबंध विकसित होता है। - इसमें व्यापार के नियम और नियमावली आमतौर पर नहीं होते हैं और लोगों के संबंधों पर आधारित होते हैं। - इसमें सामुदायिक भावना और संघटनशीलता की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
3. पारंपरिक अर्थव्यवस्था के उदाहरण क्या हैं?
उत्तर: पारंपरिक अर्थव्यवस्था के उदाहरण निम्नलिखित हो सकते हैं: - ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियां जहां किसान अपनी फसल को विक्रय करते हैं और आपस में अपने आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। - एक समुदाय में स्थानीय दुकान जहां लोग अपनी रोजमर्रा की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सामान खरीदते हैं। - विभिन्न धार्मिक या सांस्कृतिक समुदायों के मठ या मंदिर जहां लोग धार्मिक सामग्री को खरीदते हैं और धार्मिक आयोजनों में दान देते हैं।
4. पारंपरिक अर्थव्यवस्था में व्यापार कैसे होता है?
उत्तर: पारंपरिक अर्थव्यवस्था में व्यापार अत्यंत सरल होता है। लोग अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने सामूहिक संगठन के अंतर्गत सामान और सेवाएं खरीदते हैं और अपने उत्पाद और सेवाएं दूसरे लोगों को बेचते हैं। इस प्रक्रिया में कोई मध्यस्थ (बैंक, संघठन, आदि) नहीं होता है और न कोई आधिकारिक नियमावली होती है। यह व्यापार लोगों के विश्वास और सहयोग पर आधारित होता है।
5. पारंपरिक अर्थव्यवस्था के लाभ क्या हैं?
उत्तर: पारंपरिक अर्थव्यवस्था के कई लाभ हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं: - इसमें व्यापार की प्रक्रिया सरल होती है और लोग अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सामान और सेवाएं आसानी से खरीद सकते हैं। - इसमें व्यापार के नियम और नियमावली
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