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विदेश व्यापार: नीतियां और एफडीआई Video Lecture | भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

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FAQs on विदेश व्यापार: नीतियां और एफडीआई Video Lecture - भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

1. विदेश व्यापार क्या है और इसका महत्व क्या है?
उत्तर: विदेश व्यापार एक व्यापारिक क्रिया है जिसमें दो या अधिक देशों के बीच वस्त्र, माल, सेवाएं या पूरज़े आदि को विनिर्योजित करके व्यापारिक गतिविधियों को संचालित किया जाता है। विदेश व्यापार देश की आर्थिक संप्रभुता और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह नये बाजार और वस्त्रों के लिए विकसित देशों के लिए नये आवसर प्रदान करता है।
2. एफडीआई क्या है और यह किस प्रकार काम करता है?
उत्तर: एफडीआई (FDI) यानी विदेशी सीमांत निवेश, विदेशी पूंजी को एक देश में स्थानीय व्यावसायिक इकाइयों में निवेश करने की प्रक्रिया है। एफडीआई के माध्यम से विदेशी निवेशक उच्च वित्तीय और तकनीकी योग्यता वाले उद्यमों को स्थानीय व्यावसायों में प्रवेश करने का अवसर प्रदान करते हैं। इसके द्वारा विदेशी निवेशक नए बाजारों में प्रवेश करते हैं और स्थानीय व्यापारी विदेशी पूंजी और तकनीक के लाभ उठाते हैं।
3. विदेश व्यापार के लाभ क्या हैं?
उत्तर: विदेश व्यापार के कई लाभ हैं। इसके माध्यम से देशों के बीच वस्त्र, माल और सेवाएं आपस में विनिर्योजित होती हैं, जो व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देती हैं। विदेश व्यापार नये बाजारों का निर्माण करता है और विभिन्न देशों में नौकरियों की सृजन करता है। यह आर्थिक विकास को धीमा करने वाली और देश की आर्थिक संप्रभुता को बढ़ाने वाली कई समस्याओं का समाधान प्रदान करता है।
4. एफडीआई के निवेशकों के लिए क्या प्रमुख फायदे हैं?
उत्तर: एफडीआई के निवेशकों के लिए कई प्रमुख फायदे हैं। इसके माध्यम से विदेशी निवेशक नए बाजारों में प्रवेश करते हैं और विशेषज्ञता और तकनीक के लाभ उठाते हैं। वे स्थानीय बाजार की जानकारी, ठोस प्रबंधन, और साझा संसाधनों के लाभ का भी उपयोग कर सकते हैं। एफडीआई के माध्यम से निवेशक स्थानीय पार्टनरशिप बना सकते हैं और विदेशी बाजारों में अपनी पहुंच को बढ़ा सकते हैं।
5. एफडीआई के प्रकार क्या हैं?
उत्तर: एफडीआई के कई प्रकार होते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख प्रकार हैं: वैदेशिक स्थानीय निवेश (GDI), विदेशी पूंजीगत संचालन (FII), विदेशी निवेश (DI), बायोटेक और फार्मा एफडीआई, विदेशी निवेश धारा (FPI), बहुराष्ट्रीय कंपनी (MNC), विदेशी निवेश धारा (FPI), विदेशी निवेश धारा (FPI) और निजी विदेशी निवेश (PFI)। ये प्रकार विभिन्न प्रकार के निवेशकों और निवेशों को संक्षिप्त करने के लिए
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