UPSC Exam  >  UPSC Videos  >  इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi  >  जाति अलगाव, प्रबुद्ध भारतीय और पश्चिम संस्कृति का विरोध

जाति अलगाव, प्रबुद्ध भारतीय और पश्चिम संस्कृति का विरोध Video Lecture | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

398 videos|679 docs|372 tests

Top Courses for UPSC

FAQs on जाति अलगाव, प्रबुद्ध भारतीय और पश्चिम संस्कृति का विरोध Video Lecture - इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

1. जाति अलगाव, प्रबुद्ध भारतीय और पश्चिम संस्कृति का विरोध क्या है?
उत्तर: जाति अलगाव, प्रबुद्ध भारतीय और पश्चिम संस्कृति का विरोध एक विषय है जिसमें विभिन्न जातियों के अलगाव के विषय में प्रबुद्ध भारतीय और पश्चिमी संस्कृति के मध्य संघर्ष होता है। प्रबुद्ध भारतीय संस्कृति में एकता और सामंजस्य का महत्व है, जबकि पश्चिमी संस्कृति में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और विभिन्नता को महत्व दिया जाता है। इस विरोध के कारण जाति अलगाव और समानता के मुद्दे उठते हैं।
2. जाति अलगाव क्या है और इसका महत्व क्या है?
उत्तर: जाति अलगाव एक सामाजिक असमानता की प्रक्रिया है जिसमें लोगों को उनकी जाति के आधार पर विभाजित किया जाता है। यह विरोधी प्रभावों के कारण समाज में असामंजस्य और द्वेष को पैदा कर सकता है। जाति अलगाव का महत्व इसलिए है क्योंकि इससे समाज में समानता और न्याय की कमी होती है और विभाजन की स्थिति बनती है।
3. प्रबुद्ध भारतीय संस्कृति में एकता और सामंजस्य का महत्व क्या है?
उत्तर: प्रबुद्ध भारतीय संस्कृति में एकता और सामंजस्य का महत्व बहुत उच्च होता है। इस संस्कृति में सभी जीवों को एक मानवीय परिवार का हिस्सा माना जाता है और सभी को समान और भाईचारे के साथ देखा जाता है। एकता और सामंजस्य के माध्यम से संस्कृति में समानता, शांति, और समृद्धि की प्रोत्साहन की जाती है।
4. पश्चिमी संस्कृति में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और विभिन्नता का महत्व क्या है?
उत्तर: पश्चिमी संस्कृति में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और विभिन्नता का महत्व बहुत उच्च होता है। इस संस्कृति में व्यक्ति को अपने स्वतंत्र विचारों, मतों, और आदर्शों के साथ रहने की स्वतंत्रता होती है। विभिन्नता के माध्यम से लोग अपने विचारों और धारणाओं को व्यक्त कर सकते हैं और इससे समृद्धि, नवीनता, और विकास को प्रोत्साहित किया जाता है।
5. जाति अलगाव और समानता के मुद्दे क्यों उठते हैं?
उत्तर: जाति अलगाव और समानता के मुद्दे इसलिए उठते हैं क्योंकि इनके माध्यम से समाज में समानता और न्याय की कमी होती है। विभिन्न जातियों के बीच असमानता और अन्याय के कारण लोगों को तनाव, असामंजस्य, और विरोध का सामना करना पड़ता है। इसलिए, इन मुद्दों को हल करने के लिए जाति अलगाव और समानता पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
Explore Courses for UPSC exam
Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Summary

,

प्रबुद्ध भारतीय और पश्चिम संस्कृति का विरोध Video Lecture | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

Objective type Questions

,

Extra Questions

,

Viva Questions

,

study material

,

प्रबुद्ध भारतीय और पश्चिम संस्कृति का विरोध Video Lecture | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

MCQs

,

past year papers

,

practice quizzes

,

mock tests for examination

,

pdf

,

shortcuts and tricks

,

जाति अलगाव

,

Sample Paper

,

Important questions

,

Free

,

Previous Year Questions with Solutions

,

video lectures

,

जाति अलगाव

,

प्रबुद्ध भारतीय और पश्चिम संस्कृति का विरोध Video Lecture | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

Exam

,

Semester Notes

,

जाति अलगाव

,

ppt

;