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नेहरूवादी अर्थशास्त्र ने भारत को कैसे बर्बाद किया, औद्योगिक विकास 1956 Video Lecture | भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

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FAQs on नेहरूवादी अर्थशास्त्र ने भारत को कैसे बर्बाद किया, औद्योगिक विकास 1956 Video Lecture - भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

1. नेहरूवादी अर्थशास्त्र ने भारत को कैसे बर्बाद किया?
उत्तर: नेहरूवादी अर्थशास्त्र के अनुसार भारत को बर्बाद करने का मतलब है कि वह आर्थिक विकास की बजाय गरीबी, असमानता, और अपार्थिक समस्याओं के प्रति ध्यान नहीं देता है। नेहरूवादी अर्थशास्त्र के अनुसार, भारतीय औद्योगिक विकास के लिए यह महत्वपूर्ण है कि देश के विकास के लिए सामरिक और सामाजिक मामलों के बीच संतुलन स्थापित किया जाए। नेहरूवादी अर्थशास्त्र के कुछ विचारों के आधार पर, विपणन के माध्यम से व्यापार को बढ़ावा देने के बजाय, औद्योगिकी के माध्यम से विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए।
2. औद्योगिक विकास 1956 UPSC क्या है?
उत्तर: औद्योगिक विकास 1956 UPSC एक परीक्षा है जो उम्मीदवारों के औद्योगिक विकास के क्षेत्र में ज्ञान की जांच करती है। इस परीक्षा में, उम्मीदवारों को औद्योगिक विकास के प्रमुख विषयों में प्रश्नों का सामरिक और सामाजिक विज्ञान के साथ संबंधित ज्ञान होना चाहिए। इस परीक्षा को उम्मीदवारों की योग्यता की जांच करने के लिए आयोजित किया जाता है।
3. नेहरूवादी अर्थशास्त्र के कुछ महत्वपूर्ण सिद्धांत क्या हैं?
उत्तर: नेहरूवादी अर्थशास्त्र के महत्वपूर्ण सिद्धांतों में शामिल हैं: 1. समाजवाद: नेहरूवादी अर्थशास्त्र के अनुसार, समाजवाद एक महत्वपूर्ण माध्यम है जो समाज में अपार्थिकता को कम करने और सभी लोगों को समानता की दृष्टि से आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है। 2. गरीबी उन्मूलन: नेहरूवादी अर्थशास्त्र के अनुसार, गरीबी को उन्मूलन करना देश के विकास की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए उच्चतम सामरिक और सामाजिक न्याय की आवश्यकता होती है। 3. औद्योगिकी विकास: नेहरूवादी अर्थशास्त्र के मुताबिक, औद्योगिकी विकास देश के विकास की प्राथमिकता होनी चाहिए। औद्योगिकी के माध्यम से विकास को गति मिलेगी और देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। 4. आत्मनिर्भरता: नेहरूवादी अर्थशास्त्र के अनुसार, आत्मनिर्भरता देश के लिए आवश्यक है ताकि वह अपने आयोजनों को स्वयं पूरा कर सके और दूसरे देशों की आवश्यकताओं को पूरा कर सके। 5. श्रमिकों की हितों की सुरक्षा: नेहरूवादी अर्थशास्त्र के अनुसार, श्रमिकों की हितों की सुरक्षा को ध्यान में रखना चाहिए ताकि उन्हें न्याय मिले और उनकी स्थिति में सुधार हो सके।
4. नेहरूवादी अर्थशास्त्र का उद्योगिक विकास के साथ क्या संबंध है?
उत्तर: नेहरूवादी अर्थशास्त्र में उद्योगिक विकास क
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