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Moral Integrity (नैतिकता अखंडता): April 2023 UPSC Current Affairs | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly PDF Download

प्रश्न 1: भावनात्मक बुद्धिमत्ता क्या है? लोक सेवा के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

उत्तर:

परिचय: भावनात्मक बुद्धिमत्ता भावनाओं को प्रभावी ढंग से समझने, प्रबंधित करने और व्यक्त करने तथा दूसरों की भावनाओं को उचित रूप से पहचानने और उस पर प्रतिक्रिया देने की क्षमता को संदर्भित करती है। सार्वजनिक सेवा के संदर्भ में मजबूत संबंध बनाने, संघर्षों को सुलझाने और हितधारकों के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देने के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता आवश्यक है।

मुख्य भाग:

भावनात्मक बुद्धिमत्ता के ऐसे कई प्रमुख घटक हैं जो सार्वजनिक सेवा के संदर्भ में प्रासंगिक हैं। जैसे:

  • आत्म-जागरूकता: अपनी भावनाओं, शक्तियों और कमजोरियों को पहचानने और समझने की क्षमता।
  • स्व-नियमन: अपनी भावनाओं, विचारों और व्यवहारों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की क्षमता।
  • अभिप्रेरणा: व्यक्तिगत और संगठनात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने और सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रखने की प्रेरणा।
  • समानुभूति: दूसरों की भावनाओं को उचित रूप से समझने और प्रतिक्रिया देने की क्षमता।
  • सामाजिक कौशल: प्रभावी ढंग से व्यवहार करने, संबंध विकसित करने और संघर्षों को हल करने की क्षमता।

लोक सेवक के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता की प्रासंगिकता:

  • भावनात्मक बुद्धिमत्ता को विकसित करके लोक सेवक दूसरों के साथ अपने संबंधों को प्रबंधित करने की क्षमता में सुधार कर सकते हैं।
  • इससे उन्हें मज़बूत एवं अधिक प्रभावी समूह बनाने, अधिक स्पष्ट और प्रेरक संवाद करने के साथ हितधारकों के साथ मजबूत संबंध विकसित करने में मदद मिल सकती है।
  • भावनात्मक बुद्धिमत्ता लोक सेवकों को अधिक आत्मविश्वास के साथ जटिल और भावनात्मक स्थितियों को हल करने में मदद कर सकती है।

निष्कर्ष: भावनात्मक बुद्धिमत्ता प्रभावी सार्वजनिक सेवा का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। अपनी भावनात्मक बुद्धिमत्ता को विकसित करके, लोक सेवक सहयोगी रूप से कार्य करने, प्रभावी ढंग से संवाद करने और हितधारकों के साथ मजबूत संबंध विकसित करने की क्षमता में सुधार कर सकते हैं।

प्रश्न 2: मानव व्यवहार को आकार देने में नैतिकता की क्या भूमिका है? व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में नैतिक मूल्यों के महत्त्व पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)
उत्तर:
परिचय: नैतिकता, सिद्धांतों और मूल्यों के ऐसे समूह को संदर्भित करती है जिससे मानव व्यवहार के साथ निर्णय निर्माण प्रक्रिया को निर्देशन मिलता है। यह मानव जीवन का एक अनिवार्य पहलू है जिससे लोगों के दूसरों लोगों और आसपास के वातावरण के साथ व्यवहार को आकार मिलता है। न्यायसंगत और सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण तथा मानव व्यवहार को आकार देने में नैतिकता की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है।

मुख्य भाग:

मानव व्यवहार को आकार देने में नैतिकता की भूमिका:

  • व्यक्तियों को नैतिक और जिम्मेदार विकल्प चुनने में सहायता करने के माध्यम से नैतिकता मानव व्यवहार को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • इससे नैतिक निर्णय लेने की दिशा में लोगों का मार्गदर्शन होता है।
  • नैतिकता अक्सर सांस्कृतिक तथा धार्मिक विश्वासों से निकटता से संबंधित होती है और यह सामाजिक मानदंडों, व्यक्तिगत मूल्यों और अनुभवों से प्रभावित हो सकती है।
  • नैतिक सिद्धांतों का पालन करके व्यक्ति अपने जीवन में सत्यनिष्ठा की भावना विकसित कर सकते हैं, जिससे अधिक व्यक्तिगत संतुष्टि के साथ पूर्णता की भावना विकसित हो सकती है।
  • इससे सकारात्मक सामाजिक संबंधों को बढ़ावा मिलने के साथ आपसी विश्वास और सम्मान के आधार पर मजबूत संबंध विकसित हो सकते हैं।

व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में नैतिक मूल्यों का महत्त्व:

  • इससे सही और गलत व्यवहार के लिये मानक निर्धारित होते हैं जिससे दूसरों के साथ व्यवहार करने में लोगों को मार्गदर्शन मिलता है।
  • व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में ईमानदारी, सम्मान और करुणा जैसे नैतिक मूल्य आवश्यक हैं।
  • निजी जीवन में ये मूल्य परिवार, संबंधियों और समुदाय के साथ सकारात्मक संबंध बनाने में सहायक होते हैं।
  • दूसरों के साथ सार्थक संबंध बनाने में सहायक होने के कारण इससे व्यक्तियों को बेहतर जीवन जीने में सहायता मिलती है
  • व्यावसायिक जीवन में एक सफल करियर बनाने और समाज में योगदान देने के लिये नैतिक मूल्य आवश्यक हैं।
  • इससे एक ऐसा कार्य वातावरण बनाने में सहायता मिलती है जो निष्पक्षता, ईमानदारी और जवाबदेहिता पर आधारित हो। जो लोग अपने व्यावसायिक जीवन में नैतिक मूल्यों का अनुसरण करते हैं उनके द्वारा सहयोगियों और समुदाय का विश्वास और सम्मान अर्जित करने की संभावना अधिक होती है।

निष्कर्ष: मानव व्यवहार को आकार देने में नैतिकता की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में ईमानदारी, सम्मान और करुणा जैसे नैतिक मूल्य आवश्यक हैं। विश्वास, सम्मान और उत्तरदायित्व की संस्कृति को बढ़ावा देकर नैतिक मूल्यों को बनाए रखने से न केवल व्यक्ति को बल्कि बड़े पैमाने पर समुदाय को भी लाभ होता है। इसलिये जीवन के सभी पहलुओं में नैतिक मूल्यों को विकसित करना और उनको लागू करना महत्त्वपूर्ण है।

CASE STUDY 1

आप एक ऐसे ज़िले के पुलिस अधीक्षक हैं, जहाँ महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और घरेलू हिंसा सहित अपराधों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह ज़िला बड़ी संख्या में ऐसे प्रवासी श्रमिकों का आश्रय स्थल भी है जो अक्सर नियोक्ताओं के शोषण और दुर्व्यवहार के प्रति संवेदनशील होते हैं। संबंधित ज़िला प्रशासन के पास सीमित संसाधन होने के साथ पुलिस बल में कर्मचारियों की कमी और काम के अधिक बोझ की समस्या है। हाल ही में एक स्थानीय एनजीओ ने इस ज़िले में महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों हेतु समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करने के प्रस्ताव के संदर्भ में आपसे संपर्क किया है। हालाँकि इस प्रस्ताव में पुलिस बजट से धनराशि का प्रमुख हिस्सा आवंटित होना शामिल है, जिससे पुलिस बल की परिचालन क्षमताएँ भी प्रभावित हो सकती हैं।
ऐसी स्थिति में पुलिस अधीक्षक के रूप में आपके पास कौन से विकल्प उपलब्ध हैं? प्रत्येक विकल्प के गुणों और दोषों की चर्चा करते हुए इस संदर्भ में अपनी कार्रवाई के क्रम के बारे में बताइए। (250 शब्द)

उत्तर:
परिचय: इस मामले में ज़िले के पुलिस अधीक्षक को महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ अपराधों में होने वाली उल्लेखनीय वृद्धि से निपटना है साथ ही संबंधित ज़िला प्रशासन के पास सीमित संसाधन होने के साथ पुलिस बल में कर्मचारियों की कमी और कार्य के अधिक बोझ की समस्या है। ऐसे में एक स्थानीय एनजीओ ने ज़िले में महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों के लिये एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करने हेतु आपसे संपर्क किया है। हालाँकि इस प्रस्ताव में पुलिस बजट से धनराशि का प्रमुख हिस्सा आवंटित होना शामिल है।

इस मामले में शामिल विभिन्न हितधारक:

  • पुलिस अधीक्षक
  • ज़िला प्रशासन
  • पुलिस बल
  • ज़िले में महिला व प्रवासी श्रमिक
  • हेल्पलाइन का प्रस्ताव देने वाला स्थानीय एनजीओ
  • क्षेत्र के स्थानीय निवासी
  • समाज

इस मामले में शामिल नैतिक दुविधाएँ:

  • धन की कमी बनाम प्रवासियों की सुरक्षा की आवश्यकता: पुलिस बल की परिचालन क्षमताओं और महिलाओं तथा प्रवासी श्रमिकों के लिये प्रस्तावित हेल्पलाइन हेतु धन के आवंटन को संतुलित करना।
  • पुलिस बल की कमी बनाम अपराधों को रोकने की आवश्यकता: संबंधित ज़िले में महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • जवाबदेहिता बनाम धन की कमी: पुलिस अधीक्षक के रूप में जवाबदेहिता के मुद्दे पर भी विचार करना आवश्यक है।
  • जनता को विश्वास होता है कि पुलिस कमजोर लोगों सहित सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
  • इसलिये पुलिस अधीक्षक के रूप में यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जनता के प्रति जवाबदेह बने रहने के साथ संसाधनों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके।

पुलिस अधीक्षक के समक्ष उपलब्ध विकल्प:
विकल्प 1: एनजीओ के प्रस्ताव को स्वीकार करना और महिलाओं तथा प्रवासी श्रमिकों के लिये एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करने हेतु पुलिस बजट से धन आवंटित करना।
गुण:

  • समर्पित हेल्पलाइन उन महिलाओं तथा प्रवासी श्रमिकों को तत्काल सहायता प्रदान कर सकती है जो अपराध या शोषण की शिकार हैं।
  • यह हेल्पलाइन महिलाओं के खिलाफ अपराधों तथा प्रवासी श्रमिकों के शोषण के बारे में जानकारी एकत्र करने के साधन के रूप में भी कार्य कर सकती है, जिससे पुलिस बल को समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उनका समाधान करने में मदद मिल सकती है।

दोष:

  • पुलिस बजट से राशि आवंटित करने से पुलिस बल की परिचालन क्षमता प्रभावित हो सकती है, जिससे नियमित पुलिसिंग कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करना मुश्किल हो जा सकता है।
  • एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करने के लिये प्रशिक्षित कर्मियों और उपकरणों सहित महत्त्वपूर्ण संसाधनों की आवश्यकता होती है। इन संसाधनों के प्रबंधन करने और लंबी अवधि में हेल्पलाइन की स्थिरता सुनिश्चित करने में चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

विकल्प 2: समर्पित हेल्पलाइन के लिये वैकल्पिक फंडिंग स्रोतों का पता लगाना।

गुण:

  • वैकल्पिक वित्तपोषण स्रोतों को खोजने से पुलिस बजट पर प्रभाव कम हो सकता है, जिससे पुलिस बल को अपनी परिचालन क्षमताओं को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
  • अन्य संगठनों या सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग करने से अपराध तथा शोषण के शिकार लोगों की सहायता करने हेतु एक स्थायी नेटवर्क बनाने में मदद मिल सकती है।

दोष:

  • फंडिंग के वैकल्पिक स्रोतों को खोजने में समय लग सकता है, जिससे समर्पित हेल्पलाइन के कार्यान्वयन में देरी हो सकती है।
  • अन्य संगठनों या सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिये अतिरिक्त समन्वय और प्रबंधन प्रयासों की आवश्यकता हो सकती है, जो कि ज़िला प्रशासन के सीमित संसाधनों को देखते हुए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

विकल्प 3: अपराध और शोषण के मूल कारणों को दूर करने के लिये निवारक उपायों पर ध्यान देना।

गुण:

  • अपराध और शोषण के मूल कारणों को हल करने से दीर्घावधि में इन घटनाओं को कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे पुलिस बल के लिये ऐसी स्थितियों का प्रबंधन करना आसान होगा।
  • जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे निवारक उपायों को लागू करने से एक सुरक्षित और अधिक तार्किक समुदाय के विकास में मदद मिल सकती है।

दोष:

  • निवारक उपायों से अपराध और शोषण के पीड़ितों को तत्काल राहत नहीं मिल सकती है।
  • निवारक उपायों को लागू करने के लिये महत्त्वपूर्ण संसाधनों और अन्य संगठनों या सरकारी एजेंसियों के सहयोग की आवश्यकता हो सकती है, जो कि ज़िला प्रशासन के सीमित संसाधनों को देखते हुए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

कार्रवाई का क्रम:

  • पुलिस अधीक्षक के रूप में सबसे पहले मैं सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने के साथ उन क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने पर बल दूँगा।
  • इस क्रम में व्हाट्सएप ग्रुप जैसा समर्पित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाया जा सकता है।
  • यह सुनिश्चित करते हुए हेल्पलाइन हेतु पुलिस बजट से धन आवंटित करने का प्रयास करूँगा कि पुलिस बल की परिचालन क्षमताएँ अधिक प्रभावित न हों।
  • पुलिस अधीक्षक के रूप में स्थानीय एनजीओ के साथ इस तरह से कार्य करूँगा, जिससे हेल्पलाइन स्थापित करने में पुलिस बजट अधिक प्रभावित न हो।
  • ज़िले में महिलाओं तथा प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ बढ़ते अपराधों से निपटने के लिये पुलिस बल को अतिरिक्त धन प्रदान करने हेतु ज़िला प्रशासन के साथ समन्वय पर बल दूँगा।

निष्कर्ष: पुलिस अधीक्षक के रूप में मैं यह सुनिश्चित करते हुए प्रस्तावित हेल्पलाइन के लिये पुलिस बजट से धन आवंटित करूँगा कि पुलिस बल की परिचालन क्षमताएँ अधिक प्रभावित न हों। इससे ज़िले में महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने और पुलिस बल तथा स्थानीय समुदाय के बीच सकारात्मक संबंध बनाने में मदद मिलेगी।

CASE STUDY 2

प्रश्न :उत्तर प्रदेश के किसी ज़िले में आप पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं। इस ज़िले में आप हाल ही में गैंगस्टर से नेता बने एक व्यक्ति की पुलिस हिरासत में हुई हत्या के बाद उत्पन्न चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे हैं। यह गैंगस्टर अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखता था। इस घटना के कैमरे में लाइव घटित होने के कारण इसे न केवल सांप्रदायिक रंग मिला बल्कि इन फुटेज के सोशल मीडिया पर व्यापक स्तर पर साझा हो जाने के कारण मृतक के समर्थकों द्वारा व्यापक स्तर पर इस संबंध में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस हमले के तुरंत बाद हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के कारण ज़िले में साम्प्रदायिक दंगे की आशंका भी जताई जा रही है।
इससे पुलिस विभाग पर इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने तथा दोषियों को सजा दिलाने के लिये भारी राजनीतिक दबाव बना हुआ है। इसके अतिरिक्त गैंगस्टर की सुरक्षा के लिये तैनात अधिकारियों द्वारा किये गए सुरक्षा उपायों पर भी सवाल उठ रहे हैं, जिसके कारण सुरक्षा में चूक हुई है।
इस संदर्भ में एक पुलिस अधिकारी के रूप में राजनीतिक दबाव से निपटने, निष्पक्ष जाँच करने, न्याय सुनिश्चित करने और सुरक्षा में चूक से संबंधित मुद्दों को हल करने में आपके कर्त्तव्य और जिम्मेदारियाँ क्या हैं?

उत्तर:
परिचय: उत्तर प्रदेश के इस जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में मेरा प्राथमिक कर्त्तव्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना और सभी के लिये न्याय सुनिश्चित करना है। हाल ही में एक गैंगस्टर से राजनेता बने व्यक्ति की पुलिस हिरासत में हत्या होने से उत्पन्न चुनौती को संभालने के साथ यह सुनिश्चित करना मेरा कर्त्तव्य है कि किसी भी पक्ष के अनुचित प्रभाव के बिना इसमें सभी को न्याय मिले।
मुख्य भाग:

  • शामिल हितधारक:
    • मृतक के समर्थक
    • सरकार
    • स्थानीय अधिकारी
    • राजनेता
    • समाज
    • पुलिस अधीक्षक के रूप में मैं स्वयं

इस मामले में शामिल नैतिक दुविधाएँ:

  • निष्पक्षता बनाम राजनीतिक दबाव: इस मामले में पुलिस विभाग पर मामले को जल्द से जल्द सुलझाने और दोषियों को न्याय दिलाने के लिये भारी राजनीतिक दबाव बना हुआ है। हालाँकि एक पुलिस अधिकारी के रूप में मेरा कर्त्तव्य निष्पक्षता बनाए रखने के साथ किसी भी पक्ष के अनुचित प्रभाव के बिना निष्पक्ष जाँच सुनिश्चित करना है।
  • पारदर्शिता बनाम पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा की रक्षा: एक पुलिस अधिकारी के रूप में मेरा कर्त्तव्य जाँच में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और सुरक्षा चूक से संबंधित मुद्दों का समाधान करना है। हालाँकि इससे पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँच सकता है क्योंकि यह घटना पुलिस हिरासत में कैमरे पर लाइव घटित हुई थी।
  • पुलिस अधीक्षक के रूप में मेरे समक्ष उपलब्ध विकल्प: इस स्थिति को संभालने के लिये पुलिस अधीक्षक के रूप में मेरे समक्ष कई विकल्प उपलब्ध हैं:

विकल्प 1: राजनीतिक दबाव की उपेक्षा करना और मानक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना

गुण:

  • इससे जाँच में निष्पक्षता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
  • इससे लोगों को संदेश जाएगा कि पुलिस विभाग राजनीति से प्रभावित नहीं है।

दोष:

  • इससे नकारात्मक राजनीतिक प्रतिक्रिया हो सकती है।
  • पुलिस विभाग पर बिना गहन छानबीन के मामले को शीघ्र सुलझाने का दबाव बना सकता है।

विकल्प 2: राजनीतिक दबाव के अनुसार कार्य करना

गुण:

  • इससे मामले को शीघ्र सुलझाने के साथ राजनेताओं को संतुष्ट किया जा सकता है।
  • इससे नकारात्मक मीडिया कवरेज और राजनीतिक प्रतिक्रिया को रोका जा सकता है।

दोष:

  • इससे जाँच में निष्पक्षता से समझौता होगा।
  • इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप और पक्षपात के आरोप लग सकते हैं।

इस संदर्भ में मेरी कार्रवाई का क्रम:

  • मैं यह सुनिश्चित करने के लिये दिशानिर्देश जारी करूँगा कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज न फैले।
  • मैं संबंधित पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दूँगा और पुलिस विभाग के तहत एक स्वतंत्र आंतरिक जाँच दल का गठन करूँगा।
  • मैं यह सुनिश्चित करने के लिये सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करूँगा कि कोई सांप्रदायिक दंगा न हो।
  • यह टीम स्थानीय पुलिस अधिकारियों और मृतक के परिवार से सबूत इकट्ठा करने के साथ इस मामले की गहन जाँच करने का कार्य करेगी।
  • मैं यह सुनिश्चित करूँगा कि जाँच में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप न हो और इस मामले को केवल तथ्यों और सबूतों के आधार पर हल किया जाए।
  • इस संदर्भ में मैं लोगों के बीच पारदर्शिता बनाए रखने, उन्हें जाँच की प्रगति से अवगत कराने और मीडिया को इस संदर्भ में अवगत कराने पर ध्यान दूँगा ताकि फेक न्यूज पर अंकुश लगाया जा सके।
  • भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिये हाई-प्रोफाइल कैदियों के लिये सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने के साथ उन्हें मजबूत करने पर बल दूँगा।
  • नैतिक आचरण, मानवाधिकारों और कानून का पालन करने के महत्त्व के बारे में पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करूँगा।

निष्कर्ष: एक पुलिस अधीक्षक के रूप में इस संदर्भ में मेरा कर्त्तव्य सभी के लिये न्याय सुनिश्चित करना है। कैदियों की सुरक्षा को मजबूत करने, राजनीतिक हस्तक्षेप को दूर करने, पारदर्शिता बनाए रखने और पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने जैसे आवश्यक उपाय करके हम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोक सकते हैं।

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