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राष्ट्रीय अर्थवयवस्था एंव कृषि (Economics) - UPSC Previous Year Questions | UPSC Topic-wise Previous Year Questions (Hindi) PDF Download

प्रश्न.1. भारतीय खाद्य निगम के लिए खाद्यान्नों की आर्थिक लागत में न्यनूतम समर्थन मूल्य और किसानों को भुगतान किए गए बोनस (यदि कुछ है) के साथ-साथ और क्या शामिल है/हैं?    [2019]
(क) केवल परिवहन लागत
(ख) केवल ब्याज लागत
(ग) प्रापण प्रासंगिक प्रभार तथा वितरण लागत
(घ) प्रापण प्रासंगिक प्रभार तथा गोदामों के प्रभार

उत्तर. (ग)
उपाय:
 
भारतीय खाद्य निगम के लिए खाद्यान्नों की आर्थिक लागत में निम्न शामिल हैं-
(1) न्यूनतम समर्थन मूल्य
(2) किसानों को भुगतान किए गए बोनस
(3) प्रापण आकस्मिकताएँ
(4) वितरण लागत

प्रश्न.2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:    [2019]
(1) भारत का अधिकांश विदेशी ऋण सरकारी सत्वों के ऋणी होने के द्वारा है।
(2) भारत का सारा विदेशी ऋण US डाॅलर के मूल्यवर्ग में है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1, न ही 2
उत्तर. (घ)
उपाय:

भारत के विदेशी ऋण के लिए देश की केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के साथ-साथ निगम, नागरिक, निजी वाणिज्यिक बैंक भी जिम्मदेार होते हैं। भारत का विदेशी ऋण यूएस डाॅलर के साथ-साथ एसडीआर, जापानी येन और यूरो आदि वर्ग मूल्य में हैं।

प्रश्न.3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:    [2019]
(1) भारतीय पेटेंट अधिनियम के अनुसार, किसी बीज को बनाने की जैव प्रक्रिया को भारत में पेटेंट कराया जा सकता है।
(2) भारत में कोई बौद्धिक संपदा अपील बोर्ड नहीं है।
(3) पादप किस्में भारत में पेटेंट कराए जाने के पात्र नहीं हैं।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(क) केवल 1 और 3
(ख) केवल 2 और 3

(ग) केवल 3
(घ) 1, 2 और 3

उत्तर. (ग)
उपाय:

भारतीय पेंटेट कार्यालय को पेटेंट, डिजाइन और ट्रेड मार्क्स (सीजीपीडीटीएम) के नियत्रंक जनरल के कायार्लय द्वारा प्रशासित किया जाता है। इसका मुख्यालय कोलकाता में है और यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आदेशानुसार काम करता है। पादप किस्में भारत में पेंटेट कराए जाने के पात्र नहीं हैं। अतः केवल कथन 3 सत्य है।

प्रश्न.4. निम्नलिखित में से कौन-सा एक पादप-समूह ‘नवीन विश्व (न्यू वर्ल्ड) में कृषि-योग्य बनाया गया तथा इसका ‘प्राचीन विश्व (ओल्ड वर्ल्ड) में प्रचलन शुरू किया गया?    [2019]
(क) तंबाकू, कोको और रबड़
(ख) तंबाकू, कपास और रबड़
(ग) कपास, काॅफी और गन्ना
(घ) रबड़, काॅफी और गेहूँ
उत्तर.
 (क)
उपाय:

भारत में 17वीं सदी में पुर्तगाल के लोगों ने तंबाकू से यहाँ परिचय कराया था। वर्ष 1776 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने नकदी फसल के तौर पर इसे उगाना शुरू किया था और इसे घरेलू उपभोग और विदेशी व्यापार के लिए इस्तेमाल किया जाता था। कोको का पेड़ अमेरिका के जंगलों में पाया गया था हालांकि, अब अफ्रीका से दुनिया के 70 प्रतिशत कोको की पूर्ति अकेले की जाती है। रबड़ सबसे पहले अमेजन बेसिन में जंगली रूप में उगता था, वहीं से यह इंग्लैंड निवासियों द्वारा दक्षिणी-पूर्वी एशिया में ले जाया गया। पहले इसका प्रयोग पेन्सिल के निशान मिटाने के लिये किया जाता था। आज यह विश्व की महत्त्वपूर्ण व्यावसायिक फसलों में से है। अर्थात तंबाकू, कोको तथा रबड़ प्रचलन में था तथा बाद में इसे कृषि योग्य बनाया गया।

प्रश्न.5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः    [2017]
(1) मोटर वाहनों के टायरों और टयूबों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का मानक चिन्ह अनिवार्य  है।
(2) AGMARK खाद्य एंव कृषि संगठन (FAO) द्वारा जारी एक गुणता प्रमाणन चिन्ह् है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1 न ही 2
उत्तर.
 (क)
उपाय:

प्रथम कथन सही है। मोटर वाहनों के टायरों तथा टयूबों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो का मानक चिन्ह अनिवार्य है।

प्रश्न.6. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारत में 1991 में आर्थिक नीतियों के उदारीकरण के बाद घटित हुआ/हुए है/हैं?    [2017]
(1) GDP में कृषि का अंश बृहत रूप से बढ़ गया
(2) विश्व व्यापार में भारत के निर्यात का अंश बढ़ गया
(3) FDI का अंतर्वाह (इनफ्लो) बढ़ गया
(4) भारत का विदेशी विनिमय भण्डार बृहत रूप से बढ़ गया।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः
(क) केवल 1 और 4
() केवल 2, 3 और 4
() केवल 2 और 3
() 1, 2, 3 और 4
उत्तर.
 (ख)
उपाय:

आर्थिक सर्वक्षण 2015-16 में प्रदत्त संख्याकी परिशिष्ट से उत्तर '' होगा। जबकि यह संभव है कि कुछ वर्षों में FDI तथा निर्यात में विश्व शेयर में विगत वर्षों की तुलना में गिरावट हो सकती है। इसका कारण है वैश्विक वित्तीय संकट।

प्रश्न.7. ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः    [2016]
(1) इस योजना के अंतर्गत कृषकों को वर्ष के किसी भी मौसम में उनके द्वारा किसी भी फसल की खेती करने पर दो प्रतिशत की एकसमान दर से बीमा किस्त का भुगतान करना होगा।
(2) यह योजना, चक्रवात एवं गैर-मौसमी वर्षा से होने वाले कटाई-उपरांत घाटे को बीमाकृत करती है। 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(क) केवल 1
() केवल 2
() 1 और 2 दोनों

(घ) न तो 1 न ही 2
उत्तर. (ख)
उपाय:

(1) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ओलावृष्टि, असामयिक वर्षा, भूस्खलन तथा जलप्लावन से फसलों को हुए नुकसान के लिए है।
(2) कटाई उपरान्त नुकसान को बीमा में शामिल किया गया है अतः (2) सही है। लेकिन नई योजना के अनुसार पूरी खरीफ फसल के लिए कृषक को 2% का एक समान प्रीमियम देना होगा तथा 1.5% सभी रबी फसल के लिए वार्षिक वाणिज्यिक तथा बागवानी फसलों के लिए 5% का प्रीमियम देना होगा। अतः कथन (1) गलत है। अतः उत्तर () होगा।

प्रश्न.8. भारत सरकार कृषि में नीम कोटेड यूरिया के उपयोग को क्यों बढ़ावा देती है?     [2016]
(क) मिट्टी में नीम का तेल निस्तार करने से मिट्टी के सूक्ष्मजीवों द्वारा नाइट्रोजन निर्धारण बढ़ जाता है।
() नीम कोटिंग यूरिया, मृदा में यूरिया विघटन की दर को धीमा कर देती है।
() नाइट्रस ऑक्साइड, जो कि एक ग्रीनहाउस गैस है, फसलों के द्वारा वायुमंडल में बिल्कुल नहीं छोड़ा जाता है।
(घ) यह एक खरपतवार नाशक का मिश्रण है और विशेष फसलों के लिए उर्वरक है।

उत्तर. (ख)
उपाय:

नीम लेपित यूरिया से नाइट्रोजन के निर्मोचन की गति धीमी हो जाती है जिससे 10 - 15% उर्वरक कम खपत होगा। भारत में हुए अनुसंधान से यह साबित हुआ है कि नीम का तेल नाइट्रीफिकेशन की प्रक्रिया को अवरुद्ध करता है।

प्रश्न.9. निम्न में से कौन-सा/से ड्रिप संचाई का क्रियान्वयन करने के लाभ है/हैं?     [2016]
(1) खरपतवार में कमी
(2) मिट्टी की लवणता में कमी
(3) मिट्टी के कटाव में कमी
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर का चयन करें।

(क) केवल 1 और 2
() केवल 3
() केवल 1 और 3
() उपरोक्त में से कोई भी ड्रिप संचाई का क्रियान्वयन करने का फायदा नहीं है।

उत्तर. ()
उपाय:

(1) ड्रिप संचाई के लाभ-
(i) उपलब्ध् जल का अधिकतम उपयोग
(ii) खरपतवारों को जल का अभाव
(iii) अधिकतम फसल उत्पादन
(iv) उर्वरकों के उपयोग में अधिक दक्षता
(v) खरपतवारों में निम्नतम वृद्धि तथा सक्षम कीटों की आबादी में कमी
(vi) मृदा अपरदन का अभाव
(2) ड्रिप संचाई में कम से कम भाग में नमी पहुँचती है अतः खरपतवारों के बीज कम अंकुरित होते हैं। अन्य तकनीकी के द्वारा ज्यादा संचाई होने से लवणता में वृद्धि होती है।

प्रश्न.10. भारत की खाद्य और पोषण सुरक्षा के संदर्भ में, विभिन्न फसलों के ‘बीज प्रतिस्थापन दर’ को बढ़ाने से भविष्य के खाद्य उत्पादन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है। लेकिन इसके व्यापक कार्यानवयन में क्या बाध/बाधएं है/हैं?     [2014]
(1) कोई राष्ट्रीय बीज नीति नहीं है।
(2) सब्जियों की गुणवत्ता वाले बीजों की आपूर्ति और बागवानी फसलों की रोपण सामग्री की आपूर्ति में निजी क्षेत्र की बीज कपंनियों की भागीदारी नहीं है।
(3) कम मूल्य और उच्च मात्रा वाली फसलों के मामले में गुणवत्ता वाले बीजों के बारे में मांग की आपूर्ति में अंतर है।
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनेंः
(क) 1 और 2
() कवेल 3
() 2 और 3
() इनमें से कोई नहीं

उत्तर. (ख)
उपाय:

वर्ष 2002 में राष्ट्रीय बीज नीति का निर्धारण किया गया। अतः कथन (1) को आबद्ध नहीं किया जा सकता है। निजी क्षेत्र की कम्पनियों उच्च मूल्य के बीजों को उत्पादित करती हैं परंतु इनकी मात्रा कम होती है। यह सब्जियों की हाईब्रिड बीजों की आपूर्ति करती है।अतः (2) भी उपयोगी नहीं है। गेहूं तथा चावल जैसी निम्न मूल्य तथा उच्च मात्रा वाली फसलों के मामले में किसान स्वयं द्वारा संरक्षित बीजों का उपयोग करते हैं। ऐसी स्थिति में मांग तथा आपूिर्त  में अंतर आता है। अतः कथन (3) सही है।

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FAQs on राष्ट्रीय अर्थवयवस्था एंव कृषि (Economics) - UPSC Previous Year Questions - UPSC Topic-wise Previous Year Questions (Hindi)

1. What is the current state of the national economy in India?
Ans. The current state of the national economy in India is a crucial aspect that affects various sectors and the overall development of the country. It involves assessing factors such as GDP growth rate, inflation, employment rate, fiscal deficit, and monetary policies. Regular monitoring and analysis of these indicators help policymakers make informed decisions to promote economic growth and stability.
2. How does agriculture contribute to the Indian economy?
Ans. Agriculture plays a significant role in the Indian economy as it employs a large portion of the population and contributes to food security. It provides raw materials for industries, supports rural development, and generates foreign exchange through exports. The government implements various policies and schemes to enhance agricultural productivity, promote sustainable practices, and ensure the welfare of farmers.
3. What are the main challenges faced by the Indian economy in the agriculture sector?
Ans. The Indian economy faces several challenges in the agriculture sector, including inadequate irrigation facilities, fragmented landholdings, low farm productivity, post-harvest losses, and limited access to credit and markets. Additionally, unpredictable weather patterns, climate change, and pests pose significant risks to agricultural production. Addressing these challenges requires comprehensive measures such as improving infrastructure, implementing modern farming techniques, and providing farmers with timely assistance and support.
4. How does the government support the growth of the national economy?
Ans. The government supports the growth of the national economy through various policies and initiatives. It formulates fiscal and monetary policies to manage public finance, control inflation, and stimulate economic activities. The government also implements sector-specific policies, such as industrial policies, agricultural policies, and trade policies, to promote growth and competitiveness. Additionally, it invests in infrastructure development, education, healthcare, and social welfare programs to enhance human capital and overall economic development.
5. What are the measures taken by the government to boost agricultural growth in India?
Ans. The government has implemented several measures to boost agricultural growth in India. These include increasing budgetary allocations for agriculture, providing subsidies on agricultural inputs, promoting the use of technology and modern farming practices, expanding irrigation facilities, and enhancing access to credit and markets for farmers. The government also encourages the formation of farmer producer organizations (FPOs) and implements schemes like the Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) to mitigate farmers' risks and ensure their financial stability.
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