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संगम वंश - विजयनगर साम्राज्य, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

संगम वंश

¯ हरिहर व बुक्का के पिता संगम के नाम पर इस राजवंश की स्थापना हुई। 
¯ इस वंश का प्रथम शासक हरिहर था। 
¯ 1346 ई. तक होयसल का सारा प्रदेश विजयनगर के अधिकार में आ गया। 
¯ 1356 ई. में बुक्का अपने भाई का उत्तराधिकारी बना। उसने 1377 तक राज्य किया। बुक्का का बहमनी राज्य से सदा संघर्ष चलता रहा। 
¯ उसकी मृत्यु के उपरान्त उसका पुत्र हरिहर द्वितीय (1377-1404 ई.) शासक बना जिसने प्रथम बार महाराजाधिराज तथा राजपरमेश्वर की उपाधियां धारण की। 
¯ उसने कनारा, मैसूर, त्रिचनापल्ली, कांची, चिंगलपेट आदि प्रदेशों पर अधिकार किया। 
¯ देवराय प्रथम (1406-1422 ई.) विरूपाक्ष प्रथम के बाद शासक बना। 
¯ बहमनी सुल्तान फिरोजशाह के हाथों अपनी पराजय के कारण उसे अपनी पुत्री की शादी सुल्तान से करनी पड़ी। 
¯ देवराय की मृत्यु 1422 में हो गई और उसके बाद कुछ महीने विजय बुक्का ने शासन किया और फिर देवराय द्वितीय (1422-1446 ई.) सिंहासनारूढ़ हुआ। 
¯ उसे ‘गजबेटकर’ (हाथियों का शिकारी) की उपाधि मिली। 
¯ उसने सेना का संगठन किया और शासन व्यवस्था की ओर ध्यान दिया। 
¯ उसने समुद्रीय व्यापार में वृद्धि का प्रयास किया। 
¯ उसके शासन काल में 1420 ई. में इटली के यात्री निकोलो कोण्टी तथा 1443 ई. में फारस के दूत अब्दूर्रज्जाक विजयनगर साम्राज्य का भ्रमण करने आए। 
¯ उसकी मृत्यु 1446 ई. में हो गई और उसके उत्तराधिकारी बड़े दुर्बल सिद्ध हुए। 
¯ चन्द्रगिरी का शक्तिशाली सामंत नरसिंह ने संगम वंश के अन्तिम शासक विरूपाक्ष द्वितीय की मृत्यु के बाद 1485 ई. में सिंहासन पर अधिकार कर लिया और एक नए सालुव राजवंश की स्थापना हुई।

सालुव वंश
¯ नरसिंह सालुव ने लगभग छः वर्षों तक शासन किया और बहमनी व उड़ीसा के राज्यों से युद्ध किया। उसने खोए हुए प्रदेशों को जीता। 
¯ उसके बाद दो अयोग्य शासक हुए और वास्तविक शक्ति सेनापति नरसा नायक के हाथ में आ गई। 
¯ 1505 ई. में नरसा नायक के पुत्र वीर नरसिंह ने निकम्में राजा को हटा दिया और स्वयं शासक बन बैठा। इस प्रकार नए तुलुव राजवंश की स्थापना हुई।

तुलुव वंश
¯ 1509 ई. में वीर नरसिंह की मृत्यु के पश्चात् उसका अनुज कृष्णदेव राय (1509-1529 ई.) गद्दी पर बैठा। वह इस साम्राज्य का महानतम शासक था। 
¯ अपने सामन्तों पर नियंत्रण स्थापित करने के बाद उसने रायचूर दोआब पर अधिकार किया। 
¯ 1513 ई. में कृष्णदेवराय ने उड़ीसा के शासक गजपति रूद्रदेव को पराजित करके विजयनगर साम्राज्य की भूमि वापस ले ली। 
¯ 1514 ई. के आरम्भ में उसने उदयगिरि के दुर्ग पर अधिकार कर लिया। 
¯ कृष्णदेवराय की अंतिम महान सफलता 1520 ई. में रायपुर के निकट बीजापुर के सुल्तान इस्माइल आदिलशाह पर उसकी विजय थी। 
¯ कृष्णदेवराय महान विजेता, कुशल सेनापति, योग्य शासक और उत्कृष्ट विद्वान था। 
¯ वह विद्वानों का आदर करता था और वैष्णव धर्म का अनुयायी था। 
¯ उसने अमुक्तमाल्यद (तेलगु में) और जांबवती कल्याणम् (संस्कृत नाटक) नामक ग्रंथों की रचना की। 
¯ कृष्णदेव राय की मृत्यु के पश्चात् उसका भाई अच्युतराय (1529-1542 ई.) सिंहासन पर बैठा। वह दुर्बल शासक था। उसके काल में केन्द्रीय सत्ता निर्बल हो गई। 
¯ उसकी मृत्यु के पश्चात् उसका भतीजा सदाशिव सिंहासनारूढ़ हुआ किन्तु वास्तविक शक्ति उसके महत्वाकांक्षी मंत्री रामराय के हाथों में पहुंच गई। 
¯ उसने दक्षिण के मुस्लिम राज्यों को एक-दूसरे के विरुद्ध इस्तेमाल कर विजयनगर के प्रभाव को बढ़ाने की नीति अपनाई। 
¯ जब इन मुस्लिम राज्यों को अपनी गलती का एहसास हुआ, तो वे विजयनगर के विरुद्ध संयुक्त मोर्चा बना लिए। 
¯ इस प्रकार अहमदनगर, बीजापुर, गोलकुण्डा व बीदर की सम्मिलित सेनाओं ने विजयनगर पर आक्रमण कर दिया और 1565 ई. में तालिकोट के निकट बेन्नीहट्टी में रामराय को भयंकर पराजय दी। 
¯ विजयी सेनाओं ने अपार धन-सम्पत्ति लूटी और विजयनगर शहर में प्रवेश करके उसको नष्ट-भ्रष्ट कर डाला।

आरविदु वंश
¯ अब रामराय के भाई तिरुमल के हाथ में साम्राज्य की शक्ति आ गई। 
¯ उसने साम्राज्य की खोई हुई प्रतिष्ठा पुनः बहाल करने का प्रयास किया। 
¯ उसने वैनुगोंडा को अपनी राजधानी बनाया। 
¯ 1570 ई. में तिरुमल ने सदाशिव को अपदस्थ करके स्वयं शासक बन बैठा और अरविदु राजवंश की स्थापना हुई। 
¯ इस वंश का अंतिम शासक श्रीरंग तृतीय था जिसने 1652 ई. तक शासन किया जिसके बाद विजयनगर साम्राज्य छिन्न-भिन्न हो गया। 
¯ उत्तरी भाग पर मुसलमानों ने अधिकार कर लिया और मदुरै व तंजौर के शासकों ने दक्षिण भाग पर अधिकार स्थापित कर लिया।

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FAQs on संगम वंश - विजयनगर साम्राज्य, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस - इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

1. संगम वंश क्या है?
उत्तर: संगम वंश विजयनगर साम्राज्य के एक प्रमुख राजवंश थे। इस वंश ने विजयनगर साम्राज्य को 14वीं और 15वीं सदी में शक्तिशाली राज्य बनाया था।
2. विजयनगर साम्राज्य का इतिहास क्या है?
उत्तर: विजयनगर साम्राज्य भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण है। यह साम्राज्य 14वीं से 17वीं सदी तक दक्षिण भारत में स्थापित था। इसका नाम संस्कृत शब्द "विजयनगर" से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है "विजय की नगरी"। इस साम्राज्य की स्थापना हक्का राय ने की थी और इसके बाद यह साम्राज्य कई महत्वपूर्ण राजा और सम्राटों द्वारा निरंतर विस्तार पाया।
3. यूपीएससी और आईएएस में संगम वंश के बारे में कितने प्रश्न पूछे जाते हैं?
उत्तर: यूपीएससी और आईएएस जैसी परीक्षाओं में संगम वंश के बारे में विभिन्न प्रश्न पूछे जाते हैं। उम्मीदवारों को इस वंश के स्थापना, महत्वपूर्ण राजा, साम्राज्य के इतिहास, और इसके सांस्कृतिक और राजनीतिक पहलुओं के बारे में पूछा जा सकता है।
4. संगम वंश से जुड़े यहूँ पर अधिकतम कौन से प्रश्न हैं?
उत्तर: संगम वंश के संबंध में यहूँ पर अधिकतम प्रश्नों में से कुछ निम्नलिखित हैं: - संगम वंश के सबसे प्रमुख राजा कौन थे? - विजयनगर साम्राज्य का सबसे बड़ा सम्राट कौन था? - संगम वंश के समय में विजयनगर कैसे विकसित हुआ? - संगम वंश के कौन-कौन से राजनीतिक पहलू थे? - संगम वंश के समय में कौन-कौन सी सांस्कृतिक गतिविधियाँ थीं?
5. संगम वंश का पालन किया जाने वाला धर्म कौन सा था?
उत्तर: संगम वंश के समय में विजयनगर साम्राज्य में हिंदू धर्म का पालन किया जाता था। हिंदू धर्म इस साम्राज्य की मुख्य धार्मिक और सांस्कृतिक पहली थी।
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