अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक पद्धति (System International (S.I.) of Units) : इस पद्धति में सात मूल मात्रक तथा दो पूरक मूल मात्रक प्रयुक्त किए जाते है।
➤ सात मूल मात्रक हैं
➤ पूरक मूल मात्रक हैं
महान वैज्ञानिक सर आइज़क न्यूटन ने सर्वप्रथम सन् 1687 में अपनी पुस्तक प्रिंसिपिया (Principia) में गति विषयक नियमों को प्रतिपादित किया।
➤ न्यूटन का प्रथम गति-नियम
अचानक बस चलने पर पीछे की ओर गिरते यात्री
➤ न्यूटन का द्वितीय गति-नियम
➤ न्यूटन का तृतीय गति-नियम
एक गुब्बारा हवा निकलने की विपरीत दिशा में गति करता है
➤ कार्य, शक्ति और ऊर्जा
➤ दाब (Pressure)
➤ वायुमण्डलीय दाब (Atmospheric Pressure)
➤ पृथ्वी की सतह से ऊपर जाने पर दाब में परिवर्तन
➤ द्रव का दाब (Pressure in liquids)
➤ संवेग (Momentum)
संवेग
➤ कोणीय संवेग (Angular momentum)
➤ अभिकेन्द्रीय बल (Centripetal force)
➤ अपकेन्द्रीय बल (Centrifugal force)
➤ गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)
➤ न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम (Newton's laws of gravitation)
➤ किसी वस्तु के भार में परिवर्तन ('g' का परिवर्तन)
➤ भारहीनता (Weightlessness)
➤ कृत्रिम उपग्रह (Artificial Satellite)
➤ उपग्रहों में भारहीनता
➤ पलायन वेग (Escape velocity)
➤ चन्द्रमा पर वायुमंडल की अनुपस्थिति
74 videos|226 docs|11 tests
|
1. न्यूटन के गति-नियमसामान्य भौतिकी क्या है? |
2. न्यूटन के गति-नियमसामान्य भौतिकी क्यों महत्वपूर्ण है? |
3. न्यूटन के गति-नियमसामान्य भौतिकी में कितने प्रकार के मात्रक होते हैं? |
4. न्यूटन के गति-नियमसामान्य भौतिकी का उपयोग कहाँ होता है? |
5. न्यूटन के गति-नियमसामान्य भौतिकी किस प्रकार अध्ययन की जा सकती है? |
74 videos|226 docs|11 tests
|
|
Explore Courses for UPSC exam
|