Table of contents | |
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 150 वर्ष | |
रॉक ग्लेशियर | |
कृष्णा-गोदावरी बेसिन में तेल की उपलब्धता | |
चिल्का झील: ओडिशा |
सार्वजनिक मौसम सेवाएँ प्रदान करने के अधिदेश के साथ भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department- IMD) 15 जनवरी, 2025 को अपनी उपस्थिति के 150 वर्ष पूरे कर लिये।
एक हालिया अध्ययन ने कश्मीर हिमालय के झेलम बेसिन में 100 से अधिक सक्रिय पर्माफ्रॉस्ट संरचनाओं की उपस्थिति पर प्रकाश डाला है। ये संरचनाएँ, जिन्हें रॉक ग्लेशियर के रूप में जाना जाता है, क्षेत्र के जल विज्ञान पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं और जलवायु के गर्म होने पर संभावित जोखिम उत्पन्न करती हैं।
ONGC ने कृष्णा-गोदावरी बेसिन के गहरे पानी (KG-DWN-98/2 ब्लॉक) वाले क्षेत्र से पहली बार तेल का उत्पादन शुरू किया।
चिल्का झील में किये गए जलपक्षी स्थिति सर्वेक्षण-2022 के अनुसार, लगभग 11 लाख जलपक्षी और आर्द्रभूमि पर निर्भर अन्य प्रजातियाँ इस झील की तरफ आईं। चिल्का झील भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित सबसे बड़ी खारे पानी की झील और शीत ऋतु के दौरान पक्षियों के आगमन हेतु सबसे बड़ा स्थान है।
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