UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12)  >  NCERT Solutions: काम, आराम और जीवन (Work, Life & Leisure)

काम, आराम और जीवन (Work, Life & Leisure) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC PDF Download

संक्षेप में लिखें

प्रश्न.1. अठारहवीं सदी के मध्य से लंदन की आबादी क्यों फैलने लगी? कारण बताइए।

अठारहवीं सदी के मध्य से लंदन की आबादी तेज़ी से बढ़ने लगी। इसकी आबादी 6,75,000 तक पहुँच चुकी थी। इसके लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदायी थे:
(i) लंदन में औद्योगिक क्रांति के कारण आबादी तेज़ी से बढ़ी। हालाँकि, लंदन में विशाल कारखाने नहीं थे, फिर भी प्रवासी आबादी चुंबक की तरह उसी तरफ़ खिंची चली आती थी। गैरेथ स्टेडमैन जोन्स के शब्दों में, “19वीं शताब्दी का लंदन क्लर्को और दुकानदारों, छोटे पेशेवरों और निपुण कारीगरों, नौकरों, दिहाड़ी मजदूरों, कुशल व शारीरिक श्रम करने वालों की बढ़ती आबादी, सिपाहियों, फेरीवालों और भिखारियों का शहर था।”
(ii) रोजगार प्राप्त करने लोग लंदन की तरफ़ आ रहे थे। लंदन की गोदी के अलावा मुख्य रूप से पाँच तरह के बड़े उद्योगों में बहुत सारे लोगों को काम मिला हुआ था । ये उद्योग थे—परिधान और जूता उद्योग, लकड़ी व फर्नीचर उद्योग, धातु एवं इंजीनियरिंग उद्योग, छपाई और स्टेशनरी उद्योग तथा शल्य चिकित्सा उपकरण के घड़ी जैसे सटीक माप वाले उत्पादों और कीमती धातुओं की चीजें बनाने वाले उद्योग।
(iii) पहले विश्व युद्ध के दौरान लंदन में मोटरकार और बिजली के उपकरणों का भी उत्पादन होने लगा और विशाल कारखानों की संख्या बढ़ते-बढ़ते इतनी हो गई कि शहर की तीन-चौथाई नौकरियाँ इन्हीं कारखानों में सिमट गईं।


प्रश्न.2. उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के बीच लंदन में औरतों के लिए उपलब्ध कामों में किस तरह के बदलाव आए? ये बदलाव किन कारणों से आए?

18वीं सदी के अंत में और 19वीं सदी के प्रारंभ में फैक्टरियों में बहुत सारी औरतें काम करती थीं। जैसे-जैसे तकनीक में सुधार आया, कारखानों में औरतों की नौकरियाँ छिनने लगीं और वे घरेलू कामों में सिमट कर रह गईं। 1861 की जनगणना से पता चला कि लंदन में लगभग ढाई लाख नौकर हैं। उनमें औरतों की संख्या बहुत ज्यादा थी। उनमें से अधिकांश हाल । ही में शहर में आई थीं। बहुत सारी औरतें परिवार की आय बढ़ाने के लिए अपने मकानों का भी इस्तेमाल करती थीं। वे या तो किसी को भाड़े पर रख लेती थीं या घर पर ही रहकर सिलाई-बुनाई, कपड़े धोने या माचिस बनाने जैसे काम करती थीं। 20वीं सदी में हालात फिर बदले। जब औरतों को युद्धकालीन उद्योगों और दफ्तरों में काम मिलने लगा तो वे घरेलू काम छोड़कर फिर बाहर आने लगीं।


प्रश्न.3. विशाल शहरी आबादी के होने से निम्नलिखित पर क्या असर पड़ता है? ऐतिहासिक उदाहरणों के साथ समझाइए।
(i) ज़मींदार

यह वर्ग बड़ी-बड़ी जमीनों का मालिक होता था। जब शहरों का विकास हुआ तो यह वर्ग शहरों में आकर रहने लगा था । इनकी ग्रामीण जीवन शैली पूरी तरह से बदल गई। जब शहरों में आबादी बढ़ने के कारण रहने की समस्या उत्पन्न हुई, तब इस वर्ग ने इस समस्या को हल करने में अपना योगदान दिया। जब मिलमालिकों और सरकार ने शहरों में निवास के नए मकान बनाने की जिम्मेवारी नहीं ली, तब इस वर्ग ने अपनी भूमि पर छोटे-छोटे मकान या चॉल आदि बनाकर मजदूरों और कारीगरों को किराए पर दिए जिससे ये धनी हो गए और जल्द ही इस धन से शहरों में इन्होंने अपने कारखाने स्थापित कर लिए। जब शहरों में शराबखोरी और गंदगी का माहौल उत्पन्न हो गया तो इस वर्ग ने इनसे निपटने के लिए संयमता आंदोलन प्रारंभ किया।

(ii) कानून-व्यवस्था संभालने वाला पुलिस अधीक्षक

शहरों में जब जनसंख्या बढ़ने लगी तब यहाँ पर कई तरह के अपराध भी होने लगे, क्योंकि गाँवों से ज्यादातर लोग यहाँ पर काम की तलाश में आए और जब उन्हें काम नहीं मिला तो अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए अपराध करने लगे। ऐसे में जिला प्रमुख पुलिस अधिकारी या पुलिस अधीक्षक की कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका हो गई, क्योंकि परोपकारी जहाँ र गज में नैतिकता को लेकर चिंतित थे, वहीं उद्योगपति परिश्रमी और अनुशासित मजदूर वर्ग की चाह के कारण परेशान थे। अतः पुलिस द्वारा अपराधियों पर नजर रखी गई। साथ ही उनकी जिंदगी के तौर-तरीकों की जाँच की जाने लगी। जनता में अनुशासन बनाए रखने के लिए पुलिस और शासन द्वारा अपराधों के लिए कड़ी से कड़ी सज़ा दी गई। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटा गया। ये सभी कार्य पुलिस अधीक्षक के अधीन पुलिस विभाग के अन्य अधिकारियों द्वारा किए गए। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा लायक गरीब लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध करवाए गए ताकि वे अपराध की ओर आकर्षित न हो।

(ग) राजनीतिक दल का नेता

जब शहरों का विकास हुआ तो यहाँ पर अन्य चीजों के विकास के साथ-साथ राजनैतिक गतिविधियाँ भी आरंभ हुईं। जब जनसंख्या वृद्धि के कारण यहाँ पर अनेक समस्याएँ उत्पन्न हुईं तब अवसरवादी नेताओं ने इनका लाभ उठाते हुए मजदूरों और कारीगरों के संगठन बनाए तथा हड़तालें आदि करवाने लगे। इन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि वे उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द हल करवाएंगे। इस प्रकार से इन्होंने अपने और अपने दल के लिए जनसमर्थन प्राप्त करने का प्रयास किया।


प्रश्न.4. निम्नलिखित की व्याख्या करें:
(क) 19वीं सदी में धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की ज़रूरत का समर्थन क्यों किया?

19वीं सदी में धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने का समर्थन निम्नलिखित कारणों से किया:
(i) गरीबों के एक कमरे वाले मकानों में भीड़ रहती थी, वहाँ हवा निकासी का इंतजाम नहीं था और साफ़-सफ़ाई की सुविधाएँ नहीं थीं।
(ii) खस्ताहाल मकानों के कारण आग लगने का खतरा बना रहता था।
(iii) इस विशाल जनसमूह के कारण सामाजिक उथल-पुथल की आशंका दिखाई देने लगी थी। 1917 की रूसी क्रांति के बाद यह डर काफ़ी बढ़ गया था। लंदन के गरीब कहीं विद्रोह न कर दें, इस आशंका से निपटने के लिए मजदूरों के लिए आवासीय योजनाएँ शुरू की गईं।

(ख) बंबई की बहुत सारी फ़िल्में शहर में बाहर से आने वालों की जिंदगी पर आधारित क्यों होती थीं?

बम्बई में जो फिल्में बनीं उनमें से कई फिल्में बाहर से आने वाले लोगों की जिंदगी पर आधारित होती थीं। इसके कई कारण थे:
(i) इनमें उनके जीवन में आने वाली दैनिक समस्याओं को दिखाया गया।
(ii) इनमें लोकप्रिय गीतों द्वारा शहरों के अंतर्विरोधों को दर्शाया गया जैसे सी.आई.डी. का गाना ‘ऐ दिल है मुश्किल जीना यहाँ, जरा हटके जरा बचके यह है बंबई मेरी जान।
(iii) इनमें उन लोगों के जीवन को भी दर्शाया गया जो बंबई को सपनों का शहर समझकर आते थे और यहाँ पर अनेक कठिनाईयों का सामना करते थे।
(iv) इनमें शहरी अमीरों और बाहर से आने वाले गरीबों के बीच के अंतर्विरोधों को स्पष्ट रूप से दर्शाया जाता था।
(v) बाहर से आने वाले लोगों को बंबई के जीवन में गंदा वातावरण, आवासी मकानों का अभाव, लोगों का संकीर्ण दृष्टिकोण, मानव-मूल्यों की उपेक्षा, गरीबी और अपराध को फिल्मों में दिखाया गया।

(ग) 19वीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई?

19वीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि के कारण:
शहरी आकर्षण: बंबई की आबादी बढ़ने का मुख्य कारण लोगों का शहरों के प्रति बढ़ता आकर्षण था, जिससे आकर्षित होकर लोग यहाँ पर आकर रहने लगे। उन्होंने आधुनिक जीवन शैली को अपनाने के साथ-साथ रोजगार के नये अवसरों की तलाश कर अपना जीवन-स्तर ऊँचा उठाया। जैसे-रहन-सहन की आधुनिक जीवन पद्धति, रोजगार के नए अवसर, आदि।
व्यापारिक कारण: बंबई देश की प्रमुख बंदरगाहों में से एक है। यहां से बड़ी मात्रा में वस्तुओं का आयात निर्यात होता था। इस कारण यह पश्चिमी भारत का प्रशासनिक और व्यापारिक केन्द्र बन गया जिससे लोग नवीन व्यापारिक अवसरों को प्राप्त करने के लिए यहाँ आने लगे।
रोजगार के नवीन अवसर: 1819 में बंबई को प्रेसीडेंसी की राजधानी घोषित कर दिया गया। परिणामस्वरूप बंबई एक प्रमुख व्यापारिक केन्द्र के रूप में प्रकट हो गया। इस कारण व्यापारी, महाजन, जमींदार आदि यहाँ पर नवीन व्यापार के लिए आने लगे। आम ग्रामीण लोग यहाँ पर रोजगार के अवसर को प्राप्त करने के लिए तथा फिल्मी जगत में अपना भाग्य आजमाने के लिए आने लगे।
आवागमन का विकास: बंबई जब प्रमुख व्यापारिक और प्रशासनिक केन्द्र बन गया तब यहाँ पर आवागमन की सुविधाओं का भी विकास हुआ, जिस कारण लोगों का यहाँ आना जाना आसान हो गया।
प्राकृतिक प्रकोप: 1888-89 के बीच कच्छ के सूखे क्षेत्रों में अकाल पड़ने के कारण लोग यहाँ पर काम की तुलाश में आए। 1898 में जब प्लेग एक महामारी के रूप में फैला तब भी लोग इससे बचने के लिए बंबई आ गए। अंतत: उपरोक्त कारणों से बंबई की आबादी बढ़ गई।

चर्चा करें।

प्रश्न.1. लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इंग्लैंड में 19वीं सदी में मनोरंजन के कौन-कौन से साधन सामने आए?

19वीं सदी में इंग्लैंड में मनोरंजन के निम्नलिखित साधन सामने आए:
(i) 
लंदन के अमीर वर्ग के लोगों के लिए एक वार्षिक उत्सव होता था जिसे ‘लंदन सीजन’ कहा जाता था। इसमें ऑपेरा, रंगमंच और शास्त्रीय संगीत आदि कई प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन किए जाते थे।
(ii) मेहनतकश अपना खाली समय पब या शराबघरों में बिताते थे। इस मौके पर वे खबरों का आदान-प्रदान भी करते थे और कभी-कभी राजनीतिक कर्रवाइयों के लिए गोलबंदी भी करते थे।
(iii) 19वीं सदी में लोगों को इतिहास की जानकारी देने के लिए बहुत सारे पुस्तकालय, कला दीर्घाएँ और संग्रहालय खोले गये जिसमें काफी संख्या में दर्शक आते थे।
(iv) निचले वर्ग के लोगों में मनोरंजन के साधन के रूप में संगीत सभा काफी लोकप्रिय थी।
(v) 20वीं सदी के प्रारंभ तक विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के लिए सिनेमा मनोरंजन का जबरदस्त साधन बन गया।
औद्योगिक मजदूर छुट्टी के दिनों में समुद्र के किनारे जाकर धूप और स्वच्छ हवा का आनंद उठाने लगे।


प्रश्न.2. लंदन में आए उन सामाजिक परिवर्तनों की व्याख्या करें जिनके कारण भूमिगत रेलवे की जरूरत पैदा हुई। भूमिगत रेलवे के निर्माण की आलोचना क्यों हुई?

भूमिगत रेलवे की आवश्यकता:
(i) इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के बाद लोग बड़ी संख्या में शहरों की तरफ रूख करने लगे। हालाँकि लंदन में विशाल | कारखाने नहीं थे फिर भी प्रवासी आबादी लंदन की तरफ आने लगी।
(ii) लंदन की गोदी के अलावा मुख्य रूप से पाँच तरह के बड़े उद्योगों में बहुत सारे लोग काम पर लगे हुए थे-परिधान और जूता उद्योग, लकड़ी के फर्नीचर उद्योग, धातु एवं इंजीनियरिंग उद्योग, छपाई और स्टेशनरी उद्योग तथा शल्य चिकित्सा उपकरण उद्योग आदि।
(iii) लंदन में आबादी बढ़ने के साथ-साथ अपराध भी बढ़ने लगे। 1870 के दशक में लंदन में आवास, भोजन तथा साफ सफाई की समस्याएँ बढ़ने लगी।
(iv) लोगों के लिए अच्छे आवास की व्यवस्था करना जरूरी हो गया था। विश्व युद्धों के दौरान मजदूर वर्ग के लिए आवास का इंतजाम करने की जिम्मेदारी ब्रिटिश राज्य ने अपने ऊपर ले ली और स्थानीय शासन के जरिए 10 लाख मकान बनाए गए। शहर के आसपास उपशहरी बस्तियाँ अस्तित्व में आ चुकी थीं।
(v)  लोगों को उपनगरीय बस्तियों से शहर तक लाने के लिए परिवहन की कोई सुविधा नहीं थी।
(vi)  लोगों को उपशहरी बस्तियों में रहने के लिए तभी तैयार किया जा सकता था जबकि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बनाई जाती।
(vii)  इसी बात को ध्यान में रखकर लंदन में भूमिगत रेलवे का निर्माण किया गया। लंदन की भूमिगत रेलवे ने आवास की समस्या को काफी हद तक हल कर दिया था। लोग इसके जरिए शहर के भीतर-बाहर आ-जा सकते थे।
भूमिगत रेलवे की आलोचना के कारण: दुनिया की सबसे पहली भूमिगत रेल के पहले खंड का उद्घाटन 10 जनवरी 1863 को किया गया। पहले दिन 10,000 यात्रियों ने इसमें यात्रा की। 1880 तक भूमिगत रेल नेटवर्क का विस्तार हो चुका था। प्रारंभ में भूमिगत यात्रा की कल्पना से लोग डर जाते थे। इस भूमिगत रेल की निम्नलिखित आधारों पर आलोचना की जाने लगी:
(i) रेल के डिब्बे मुसाफिरों से भरे रहते थे। डिब्बे का माहौल सल्फर, कोयले की धूल और ऊपर लगे गैस के लैंप से निकलती गंध से भरा हुआ था।
(ii) लोग अपने गंतव्य स्थल पर पहुँचने तक श्वासावरोधन और गर्मी के कारण बेहाल हो जाते थे। लोगों का कहना था कि इन रेलगाड़ियों को फौरन बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए खतरा है।
(iii) बहुत सारे लोगों का मानना था कि इन “लौह दैत्यों’ ने शहर में अफरा-तफरी और अस्वास्थ्यकर माहौल बढ़ा दिया है।
(iv) भूमिगत रेलवे के निर्माण की प्रक्रिया में होने वाले बेहिसाब विनाश के कारण भी लोगों ने इसका विरोध किया। एक नागरिक का कहना था कि मकान गिरा दिए गए, सड़कों को तोड़कर बंद कर दिया गया, जमीन में गहरे गड्ढे और खाइयाँ खोद दी गईं और चारों तरफ बेहिसाब मिट्टी और धूल के अंबार लगा दिए गए।
इस प्रकार लंदन में बनी भूमिगत रेलवे के कारण लंदन के गरीबों को काफी बड़ी संख्या में उजाड़ा गया। इन सारी आलोचनाओं के बावजूद इस भूमिगत रेलवे को जबरदस्त कामयाबी हासिल हुई।


प्रश्न.3. पेरिस के हॉसमानीकरण से क्या अभिप्राय है? इस तरह के विकास को आप किस हद तक सही या गलत मानते हैं? इस बात का समर्थन या विरोध करते हुए अखबार के संपादक को पत्र लिखिए और उसमें अपने दृष्टिकोण के पक्ष में कारण दीजिए?

पेरिस का हाँसमानीकरण
(i) 1852 में लुई नेपोलियन तृतीय को फ्रांस का सम्राट घोषित किया गया।
(ii) सम्राट बनते ही उसने पेरिस के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ किया। इसके लिए उसने बैरान हॉसमान नामक वास्तुकार को चुना जिसने 17 वर्षों (1852-59) में यह कार्य पूर्ण किया। इसके लिए उसने पेरिस के मध्य से गरीबों की बस्तियों को साफ किया ताकि कोई विद्रोह ना हो। शहर में सीधी और चौड़ी सड़कें बनाई गईं, खुले मैदान बनाए गए और बड़ेबड़े पेड़ लगवाए गए तथा सुरक्षा के लिए पुलिस का प्रबंध किया गया, पानी का प्रबंध किया गया और बस अड्डे बनाए गए। इस कायाकल्प को पेरिस का हॉसमानीकरण कहा जाता है। इस कार्य में लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ।
पक्ष में तर्क
(i) इससे पेरिस का पुनर्निर्माण हुआ।
(ii) सड़कों को चौड़ा किया गया और उसके दोनों किनारों पर छायादार वृक्ष लगवाए गए।
(iii) खुले मैदान बनाए गए।
(iv) सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया और रात में गश्त प्रारंभ की गई।
(v) हजारों लोगों को रोजगार मिला।
(vi) शहर में पानी की व्यवस्था की गई।
(vii) बस अड्डे बनाए गए यानि आवागमन की व्यवस्था को भी सुधारा गया।

विपक्ष में तर्क
(i) इसके लिए लगभग 3,50,000 लोगों के घरों को उजाड़ा गया।
(ii) गरीबों की बस्तियों को उजाड़ा गया।
(iii) प्राचीन जीवन पद्धति जिसमें मेल-मिलाप और अपनापन था वह खत्म हो गया। उसकी जगह उच्चवर्गीय संस्कृति की स्थापना हुई।
(iv) इससे वृद्ध और परंपरागत विचारधारा वाले लोगों को बहुत दुख हुआ। उनकी भावनाओं को ठेस पहुँची।

अखबार के संपादक को पत्र
संपादक जी,
हिन्दुस्तान टाइम्स,
दिल्ली-110001
विषय – हॉसमानीकरण के पक्ष में विचार!
आपका अखबार फ्रांस के ज्यादातर लोगों द्वारा पढ़ा जाता है। अतः मैं आपके अखबार के माध्यम से पेरिस हॉसमानीकरण के पक्ष में अपने विचार व्यक्त करना चाहता हूँ। यद्यपि इसके विरोध में कई जगहों पर प्रदर्शन आदि हो रहे हैं पर हमें इसके अच्छे पक्ष को भी देखना चाहिए जो इस नवीन रचना का उद्देश्य है।
इससे पेरिस का पुनर्निर्माण हुआ है, शहर की गंदगी साफ हुई है, सुरक्षा, यातायात, पानी आदि की व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है। पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सड़कों के दोनों तरफ छायादार वृक्ष लगाए गए हैं। तथा बाग बनाए गए हैं। सड़कों को सीधा और चौड़ा किया जा रहा है। इससे पेरिस एक नवीन रूप लेकर सामने आ रहा है जो आने वाले समय में सबके आकर्षण का केन्द्र बनेगा । अतः मैं हॉसमानीकरण का समर्थन करता हूँ और चाहता हूँ। कि आप मेरे पत्र को अपने अखबार में छापकर अन्य लोगों को भी इस परिवर्तन के पक्ष में सोच-विचार करने का मौका दें।
भवदीय
क ख ग


प्रश्न.4. सरकारी नियमन और नये कानूनों ने प्रदूषण की समस्या को किस हद तक हल किया? निम्नलिखित के स्तर में | परिवर्तन के लिए बने कानूनों की सफलता और विफलता का एक-एक उदाहरण दीजिए
(क) सार्वजनिक जीवन
(ख) निजी जीवन

औद्योगीकरण के कारण लंदन की बढ़ती आबादी ने सफाई और स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याएँ पैदा कर दीं। गरीबों के एक कमरे वाले मकानों में जनता के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा था। इन मकानों में भीड़ रहती थी, हवा निकासी का इंतजाम नहीं था। लंदन को साफ-सुथरा बनाने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए गए। भीड़ भरी बस्तियों की भीड़ कम करने, खुले स्थानों को हरा-भरा बनाने, आबादी कम करने और शहर को योजनानुसार बसाने के लिए कोशिशें शुरू कर दी गई।
(क) सार्वजनिक जीवन में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदम
(i) मकानों की भारी किल्लत के असर को काबू करने के लिए प्रथम विश्व युद्ध के दौरान किराया नियंत्रण कानून लागू किया गया।
(ii) वास्तुकार और योजनाकार एवेनेजर हावर्ड ने गार्डन सिटी की अवधारणा दी। उन्होंने एक ऐसे शहर का खाका खींचा जहाँ पेड़-पौधों की भरमार हो और जहाँ लोग रहते भी हों, काम भी करते हों।
(iii) हावर्ड के विचारों के आधार पर रेमंड अनविन और बैरी पार्कर ने न्यू अर्जविक नाम से एक गार्डन सिटी का डिजाइन तैयार किया। इसमें साझा बाग-बगीचे, खूबसूरत नजारों का इंतजाम किया गया था। हर चीज को बड़ी बारीकी से सजाया गया था।
लंदन के इर्द-गिर्द हरित पट्टी विकसित की गई।

(ख) निजी जीवन में सुधार के कदम
(i) बर्लिन और न्यूयार्क जैसे शहरों की तर्ज पर अपार्टमेंट्स के विशाल ब्लॉक बनाए गए।
(ii) विश्व युद्धों के दौरान मजदूर वर्ग के लिए आवास का इंतजाम करने की जिम्मेदारी ब्रिटिश राज्य ने अपने ऊपर ले ली और स्थानीय शासन के जरिये 10 लाख मकान बनाए गए।
इस प्रकार प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए किंतु उनका फायदा केवल समाज के अमीर वर्ग को ही मिला। गार्डन सिटी में बने मकानों को केवल खाते-पीते कामगार ही खरीद सकते थे। लंदन व पेरिस के अमीर देहात में अवकाश गृह बनवाने का खर्चा उठा सकते थे किंतु यह विकल्प सबके पास नहीं था।

परियोजना कार्य प्रश्न

प्रश्न.1. इस अध्याय में जिन बंबइया फ़िल्मों का उल्लेख किया गया है उनमें से कोई एक फ़िल्म देखिए। अब इस अध्याय में उल्लिखित एक फ़िल्म और बंबई पर आधारित किसी हालिया फ़िल्म में शहर को किस तरह दिखया गया है, इसकी तुलना कीजिए।

इस अध्याय में बंबई शहर की वास्तविकता पर आधारित दो फिल्मों सी.आई.डी. और गेस्ट हाउस का उल्लेख किया गया है। यदि हम 1956 में बनीं सी.आई.डी. की तुलना 2007 में बनी ट्रैफिक सिग्नल से करें तो इनमें ये अंतर स्पष्ट नज़र आयेंगे:

काम, आराम और जीवन (Work, Life & Leisure) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

The document काम, आराम और जीवन (Work, Life & Leisure) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC is a part of the UPSC Course NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12).
All you need of UPSC at this link: UPSC
916 docs|393 tests

Top Courses for UPSC

Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

काम

,

Exam

,

Previous Year Questions with Solutions

,

आराम और जीवन (Work

,

Free

,

Life & Leisure) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

ppt

,

Important questions

,

Extra Questions

,

काम

,

video lectures

,

Semester Notes

,

practice quizzes

,

pdf

,

shortcuts and tricks

,

past year papers

,

Summary

,

MCQs

,

study material

,

Life & Leisure) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

Objective type Questions

,

आराम और जीवन (Work

,

Sample Paper

,

mock tests for examination

,

काम

,

Viva Questions

,

आराम और जीवन (Work

,

Life & Leisure) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

;