प्रश्न.1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में सही विकल्प चुनिए:
(i) निम्नलिखित में से किसी क्षेत्र में प्रवास, आबादी की संख्या, वितरण एवं संरचना में परिवर्तन लाता है।
(क) प्रस्थान करने वाले क्षेत्र में
(ख) आगमन वाले क्षेत्र में
(ग) प्रस्थान एवं आगमन दोनों क्षेत्रों में
(घ) इनमें से कोई नहीं।
सही उत्तर (ग) प्रस्थान एवं आगमन दोनों क्षेत्रों में
(ii) जनसंख्या में बच्चों का एक बहुत बड़ा अनुपात निम्नलिखित में से किसका परिणाम है?
(क) उच्च जन्म दर
(ख) उच्च मृत्यु दर
(ग) उच्च जीवन दर
(घ) अधिक विवाहिता जोडे
सही उत्तर (क) उच्च जन्म दर
(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक जनसंख्या वृद्धि का परिमाण दर्शाता है?
(क) एक क्षेत्र की कुल जनसंख्या
(ख) प्रत्येक वर्ष लोगों की संख्या में होने वाली वृद्धि
(ग) जनसंख्या वृद्धि की दर
(घ) प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या
सही उत्तर (ख) प्रत्येक वर्ष लोगों की संख्या में होने वाली वृद्धि
(iv) 2001 की जनसंख्या के अनुसार एक साक्षर व्यक्ति वह है।
(क) जो अपने नाम को पढ़ एवं लिख सकता है।
(ख) जो किसी भी भाषा में पढ़ एवं लिख सकता है।
(ग) जिसकी उम्र 7 वर्ष है तथा वह किसी भी भाषा को समझ के साथ पढ़ एवं लिख सकता है।
(घ) जो पढ़ना-लिखना एवं अंकगणित, तीनों जानता है।
सही उत्तर (ग) जिसकी उम्र 7 वर्ष है तथा वह किसी भी भाषा को समझ के साथ पढ़ एवं लिख सकता है।
प्रश्न.2. निम्नलिखित के उत्तर संक्षेप में दें।
(क) जनसंख्या वृद्धि के महत्त्वपूर्ण घटकों की व्याख्या करें।
जनसंख्या वृद्धि के महत्त्वपूर्ण घटक जन्म दर, मृत्यु दर एवं प्रवास हैं।
- जन्म दर (Birth Rate): एक वर्ष के दौरान 1000 लोगों पर जीवित पैदा हुए बच्चों की संख्या। यह जनसंख्या के आकार तथा घनत्व दोनों में वृद्धि करती है। यदि किसी वर्ष के दौरान जन्मों की संख्या मृतकों की संख्या से अधिक हो तो उस वर्ष के दौरान कुल जनसंख्या में वृद्धि हो जाएगी।
- मृत्यु दर (Death rate): यह एक वर्ष के दौरान 1000 लोगों पर मृतकों की संख्या को प्रदर्शित करती है। यह जनसंख्या के आकार तथा घनत्व दोनों में कमी ला देता है। यदि किसी वर्ष के दौरान मृतकों की संख्या जन्मों की संख्या से अधिक हो तो उस वर्ष के दौरान कुल जनसंख्या में कमी हो जाएगी।
- प्रवास (Migration): लोगों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाने को प्रवास कहते हैं। जनसंख्या वितरण एवं उसके घटकों को परिवर्तित करने में प्रवास की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि यह आगमन तथा प्रस्थान दोनों ही स्थानों के जनसांख्यिकीय आंकड़ों को प्रभावित करता है। प्रवास आंतरिक (देश के भीतर) या अंतर्राष्ट्रीय (देशों के बीच) हो सकता है। आंतरिक प्रवास जनसंख्या के आकार में परिवर्तन नहीं करता लेकिन देश में जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करता है।
(ख) 1981 से भारत में जनसंख्या की वृद्धि दर क्यों घट रही है?
1981 से भारत में जन्म दर धीरे-धीरे घट रही है। इसके परिणामस्वरूप जनसंख्या वृद्धि में धीरे-धीरे कमी आ रही है।
(ग) आयु संरचना, जन्म दर एव मृत्यु दर को परिभाषित करें।
आयु संरचनाः किसी देश में जनसंख्या की आयु संरचना वहाँ के विभिन्न आयु समूहों के लोगों की संख्या को बताता है। यह जनसंख्या की मूल विशेषताओं में से एक है।
- जन्म दर (Birth rate): एक वर्ष के दौरान 1000 लोगों पर जीवित पैदा हुए बच्चों की संख्या ।
- मृत्यु दर (Death rate): एक वर्ष के दौरान 1000 लोगों पर मृतकों की संख्या को प्रदर्शित करता है।
(घ) प्रवास, जनसंख्या परिवर्तन का एक कारक।
प्रवास (Migration): लोगों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाने को प्रवास कहते हैं। जनसंख्या वितरण एवं उसके घटकों को परिवर्तित करने में प्रवास की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि यह आगमन तथा प्रस्थान दोनों ही स्थानों के जनसांख्यिकीय आंकड़ों को प्रभावित करता है। प्रवास आंतरिक (देश के भीतर) या अंतर्राष्ट्रीय (देशों के बीच) हो सकता है। आंतरिक प्रवास जनसंख्या के आकार में परिवर्तन नहीं करता लेकिन देश में जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करता है।
- प्रवास जनसंख्या के गठन एवं वितरण में बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- भारत में अधिकतर प्रवास ग्रामीण क्षेत्रों से ‘अपकर्षण (Push) कारक प्रभावी होते हैं। ये ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी एवं बेरोजगारी की प्रतिकूल अवस्थाएँ हैं तथा नगर का ‘कर्षण’ (Pull) प्रभाव रोजगार में वृद्धि एवं अच्छे जीवन स्तर को दर्शाता है। 1951 में शहरी जनसंख्या 17.29 प्रतिशत थी जो 2001 में बढ़कर 27.78 प्रतिशत हो गई।
- 1991 से 2001 के बीच एक ही दशक के दौरान “दस लाख से अधिक” की जनसंख्या वाले महानगर 23 से बढकर 35 हो गए हैं।
प्रश्न.3. जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या परिवर्तन के बीच अंतर स्पष्ट करें।
जनसंख्या वृद्धि: जनसंख्या वृद्धि का अर्थ होता है, किसी विशेष समय अंतराल में जैसे, 10 वर्षों के भीतर, किसी देश/ राज्य के निवासियों की संख्या में परिवर्तन। इस प्रकार के परिवर्तन को दो प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है। पहला, सापेक्ष वृद्धि तथा दूसरा, प्रतिवर्ष होने वाले प्रतिशत परिवर्तन के द्वारा।
जनसंख्या परिवर्तन: जनसंख्या में होने वाले परिवर्तन की तीन मुख्य प्रक्रियाएं हैं – जन्म दर, मृत्यु दर एवं प्रवास। जन्म दर एवं मृत्यु दर के बीच का अंतर जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि है।
प्रश्न.4. व्यावसायिक संरचना एवं विकास के बीच क्या संबंध है?
विभिन्न प्रकार के व्यवसायों के अनुसार किए गए जनसंख्या के वितरण को व्यावसायिक संरचना कहा जाता है। व्यवसायों को सामान्यतः प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। व्यवसायों को प्रायः प्राथमिक (कृषि, खनन, मछलीपालन आदि) द्वितीयक (उत्पादन करने वाले उद्योग, भवन एवं निर्माण कार्य) एवं तृतीयक (परिवहन, संचार, वाणिज्य, प्रशासन तथा सेवाएँ) श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। विकसित एवं विकासशील देशों में द्वितीयक एवं तृतीयक व्यवसायों में कार्य करने वाले लोगों का अनुपात अधिक होता है। विकासशील देशों में प्राथमिक क्रियाकलापों में कार्यरत लोगों का अनुपात अधिक होता है। भारत में कुल जनसंख्या का 64 प्रतिशत भाग केवल कृषि कार्य करता है। द्वितीयव, एवं तृतीयक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की संख्या का अनुपात क्रमशः 13 तथा 20 प्रतिशत है। वर्तमान समय में बढ़ते हुए औद्योगीकरण एवं शहरीकरण में वृद्धि होने के कारण द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्रों में व्यावसायिक परिवर्तन हुआ है।
प्रश्न.5. स्वस्थ जनसंख्या कैसे लाभकारी है?
स्वास्थ्य जनसंख्या की संरचना का एक महत्त्वपूर्ण घटक है जो कि विकास की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। स्वस्थ जनसंख्या राष्ट्र के लिए एक परिसंपत्ति होती है। एक अस्वस्थ व्यक्ति की अपेक्षाकृत स्वस्थ व्यक्ति अधिक उत्पादनशील तथा दक्ष होता है। वह अपने सामर्थ्य को क्रियान्वित कर सकता/सकती है तथा समाज एवं देश के विकास में अपना योगदान दे सकता/सकती है। सरकारी कार्यक्रमों के निरंतर प्रयास के द्वारा भारत की जनसंख्या के स्वास्थ्य स्तर में महत्त्वपूर्ण सुधार हुआ है। परिणामस्वरूप, मृत्यु दर जो 1951 में (प्रति हजार) 25 थी, 2001 में घटकर (प्रति हजार) 8.1 रह गई है। जीवन प्रत्याशा जो कि 1951 में 36.7 वर्ष थी, बढ़कर 2001 में 64.6 वर्ष हो गई है।
प्रश्न.6. राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
भारत सरकार ने व्यक्तिगत स्वास्थ्य को सुधारने तथा कल्याण एवं स्वैच्छिक आधार पर जिम्मेदार तथा सुनियोजित पितृत्व को बढ़ावा देने के लिए 1952 में विस्तृत परिवार नियोजन कार्यक्रम किया। राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 ने किशोर / किशोरियों की पहचान जनसंख्या के उस प्रमुख भाग के रूप में की, जिस पर बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 के उद्देश्यः
- 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना।
- शिशु मृत्यु दर को प्रति 100 में 30 से कम करना।
- व्यापक स्तर पर टीकारोधी बीमारियों से बच्चों को छुटकारा दिलाना।
- लड़कियों की शादी की उम्र को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- परिवार नियोजन को एक जन केंद्रित कार्यक्रम बनाना।
- किशोरों को पोषण सेवाएँ तथा खाद्य संपूरक सेवाएँ उपलब्ध कराना।
- गर्भ निरोधक सेवाओं को पहुँच और खरीद के भीतर बनाना।
- बाल-विवाह को रोकने के कानूनों को सुदृढ़ करना।
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