प्रश्न.1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) वर्षण क्या है?
वायुमण्डलीय जल के संघनित होकर किसी भी रूप में पृथ्वी की सतह पर वापस आने को वर्षण कहते हैं। वर्षण के कई रूप हो सकते हैं, जैसे वर्षा, फुहार, हिमवर्षा, हिमपात। यह वर्षा, ओलावृष्टि, बर्फ या बर्फ के रूप में पृथ्वी पर पानी का जमाव है।
(ख) जल चक्र क्या है?
सूर्य के ताप के कारण जल वाष्पित हो जाता है और ठंडा होने पर जलवाष्प संघनित होकर बादलों का रूप ले लेता है। यहाँ से यह वर्षा, हिम अथवा सहिम वृष्टि के रूप में धरती या समुद्र पर नीचे गिरता है। जिस प्रक्रम में जल लगातार अपने स्वरूप को बदलता रहता है और महासागरों, वायुमंडल एवं धस्तों के बीच चक्कर लगाता रहता है, उस को जल चक्र कहते है।
(ग) लहरों की ऊँचाई प्रभावित करने वाले कारक कौन – से है?
लहरों की ऊँचाई को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित है, जैसे:- तूफ़ान में तेज वायु के कारण, सूर्य एवं चन्द्रमा के शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल के कारण, जल के नीचे भूस्खलन के कारण, ज्वालामुखी के उद्गार के कारण।
(घ) महासागरीय जल की गति को प्रभावित करने वाले कारक कौन – से हैं?
महासागरीय जल की गति को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित है, जैसे: समुन्द्र के नीचे या आस – पास भूकंप के कारण, पानी के तापमान के ज्यादा होने के कारण, ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण।
(च) ज्वार-भाटा क्या हैं तथा ये कैसे उत्पन्न होते हैं?
दिन में दो बार नियम से महासागरीय जल का उठना एवं गिरना ‘ज्वार-भाटा’ कहलाता है। जब सर्वाधिक ऊँचाई तक उठकर जल, तट के बड़े हिस्से को डुबो देता है, तब उसे ज्वार कहते हैं। जब जल अपने निम्नतम स्तर तक आ जाता है एवं तट से पीछे चला जाता है, तो उसे भाटा कहते हैं। सूर्य एवं चन्द्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण ज्वार-भाटा उत्पन्न होते हैं।
(छ) महासागरीय धाराएँ क्या हैं?
महासागरीय धाराएँ निश्चित दिशा में महासागरीय सतह पर नियमित रूप से बहने वाली धाराएँ होती हैं। महासागरीय धाराएँ गर्म या ठंडी हो सकती हैं।
प्रश्न.2. कारण बताइए-
(क) समुंद्री जल नमकीन होता है।
समुंद्र में नदियाँ अपना जल बहाकर लाती हैं। ये बड़ी मात्रा में खनिज लवणों को बहाकर समुंद्र में लाती है। समुंद्र में जल का नियमित रूप से भारी मात्रा में वाष्पीकरण होता रहता है। लवणीय पदार्थों का वाष्पीकरण नहीं होता। इसलिए समुंद्र का जल नमकीन हो जाता हैं।
(ख) जल की गुणवत्ता का हास हो रहा है।
मनुष्य की वजह से जल की गुणवता के ह्रास होने के निम्नलिखित कारण हैं:
- नदियों में कूड़ा – करकट फेंक दिया जाता है ।
- उद्योगों से रसायन व प्रदूषित जल की निकासी नदियों में होती है।
- नदियों में मानव की जली तथा अधजली लाशें, जानवरों के शव, आदि फेंक दिए जाते हैं।
- खेतों में कीटनाशकों तथा उर्वरकों के हानिकारक तत्त्व भी पानी में मिलते रहते हैं।
प्रश्न.3.सही (√) उत्तर चिह्नित कीजिए-
(क) वह प्रक्रम जिस में जल लगातार अपने स्वरूप को बदलता रहता है और महासागर, वायुमंडल एवं स्थल के बीच चक्कर लगाता रहता है।
(i) जल चक्र
(ii) ज्वार – भाटा
(iii) महासागरीय धाराएँ
सही उत्तर (i) जल चक्र
(ख) सामान्यत: गर्म महासागरीय धाराएँ उत्पन्न होती हैं
(i) ध्रुवों के निकट
(ii) भूमध्य रेखा के निकट
(iii) दोनों में से कोई नहीं
सही उत्तर (ii) भूमध्य रेखा के निकट
(ग) दिन में दो बार नियम से महासागरीय जल का उठना एवं गिरना कहलाता है ?
(i) ज्वार – भाटा
(ii) महासागरीय धाराएँ
(iii) तरंग
सही उत्तर (i) ज्वार – भाटा
प्रश्न.4. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए-
916 docs|393 tests
|
916 docs|393 tests
|
|
Explore Courses for UPSC exam
|