UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12)  >  NCERT Solutions: दहन और ज्वाला (Combustion & Flame)

दहन और ज्वाला (Combustion & Flame) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC PDF Download

अभ्यास

प्रश्न.1. दहन की परिस्थितियों की सूची बनाइए।

रासायनिक प्रक्रम जिसमे पदार्थ ऑक्सीजन से अभिक्रिया कर ऊष्मा देता है, दहन कहलाता है। जिस पदार्थ का दहन होता है, दाह्या कहलाता है। कभी-2 दहन के समय ज्वाला के रूप में अथवा लपट के रूप में प्रकाश उत्पन्न होता है।


प्रश्न.2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:-
(क) लकड़ी और कोयला जलने से वायु का ___  होता है।
(ख) घरों में काम आने वाला एक द्रव ईंधन ___ है।
(ग) जलना प्रारम्भ होने से पहले ईंधन को उसके ___ तक गर्म करना आवश्यक है।
(घ) तेल द्वारा उत्पन्न आग को ___ द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता।

(क) प्रदूषण
(ख) मिट्टी का तेल
(ग) ज्वलन-ताप
(घ) पानी


प्रश्न.3. समझाइए कि मोटर वाहनों में सीएनजी के उपयोग से हमारे शहरों का प्रदूषण किस प्रकार कम हुआ है?

क्योंकि सीएनजी सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइडों का उत्पादन अल्प मात्रा में करती है। सीएनजी एक अधिक स्वच्छ इंधन है जो किसी प्रकार की कोई हानिकारक गैस उत्पन्न नहीं करता।


प्रश्न.4. ईंधन के रूप से एलपीजी और लकड़ी की तुलना कीजिए।

एलपीजी को सिलेंडर में आसानी से भंडारित कर सकते है जबकि इसका भंडारण सुविधाजनक नहीं है। इसका ऊष्मीय मान 55,000 KJ है जबकि लकड़ी का ऊष्मीय मान 22000 KJ है। यह गैस वायु प्रदूषित नहीं करती जबकि लकड़ी निश्चित रूप से वायु प्रदूषित का कारण बनती है।


प्रश्न.5. कारण बताइए-

(क) विद्युत उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।

विद्युत उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं कर सकते, क्योंकि जल विद्युत का चालन कर सकता है तथा आग बुझाने वालों को हानि हो सकती है। इससे जान जाने तक का खतरा हो सकता है।

(ख) एलपीजी लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।

एलपीजी को सिलेंडर में आसानी से भंडारित कर सकते हैं जबकि इसका भंडारण सुविधाजनक नहीं है। इसका ऊष्मीय मान 55,000 KJ है जबकि लकड़ी का ऊष्मीय मान 22000 KJ है। यह गैस वायु प्रदूषित नहीं करती जबकि लकड़ी निश्चित रूप से वायु प्रदूषित का कारण बनती है।

(ग) कागज़ स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि ऐलुमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।

कागज के कम प्रज्वलन तापमान के कारण कागज अपने आप सरलता से आग पकड़ लेता है। जब कागज को एक ऐलुमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा जाता है तो प्रज्वलन तापमान तक पहुचने से पहले गर्मी के कुछ हिस्से को पाइप में स्थानांतरित कर देता है इसलिए कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ पाता।


प्रश्न.6. मोमबत्ती की ज्वाला का चिह्नित चित्र बनाइए।

दहन और ज्वाला (Combustion & Flame) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC


प्रश्न.7. ईंधन के ऊष्मीय मान को किस मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है?

ईंधन के ऊष्मीय मान को किलोजूल प्रति किलोग्राम मापक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।


प्रश्न.8. समझाइए कि CO2 किस प्रकार आग को नियंत्रित करती है?

विद्युत उपकरण और पेट्रोल जैसे ज्वलनशील पदार्थों में लगी आग के लिए कार्बन डाइऑक्साइड सबसे अच्छा अग्निशामक है। ऑक्सीजन से भारी होने के कारण CO2 आग को एक कम्बल की तरह लपेट लेती है। इससे ईधन और ऑक्सीजन के बीच सम्पर्क टूट जाता है। अतः आग पर नियंत्रण हो जाता है। CO2 का एक अतिरिक्त लाभ यह है कि सामान्यत: यह विद्युत उपकरणों को हानि नही पहुँचाती।


प्रश्न.9. हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है परन्तु सूखी पत्तियों में आग आसानी से लग जाती है, समझाइए।

हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है परन्तु सूखी पत्तियों में आग आसानी से लग जाती है, क्योंकि हरी पत्तियों में नमी की मात्रा बहुत अधिक होती है और हरी पत्तियों के ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। परन्तु सुखी पत्तियों में नमी की मात्रा कम होती है और सूखी पत्तियों के ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है।


प्रश्न.10. सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के किस क्षेत्र का उपयोग करते हैं और क्यों?

स्वर्णकार ज्वाला के सबसे ऊपरी क्षेत्र का उपयोग सोने और चांदी को पिघलाने के लिए करते है क्योंकि यह ज्वाला का सबसे अधिक गर्म क्षेत्र होता है।


प्रश्न.11. एक प्रयोग में 4.5 kg ईंधन का पूर्णतया दहन किया गया। उत्पन्न ऊष्मा का माप 180,000 kJ था। ईंधन का ऊष्मीय मान परिकलित कीजिए।

इंधन का द्रव्यमान  = 4.5 kg
उत्पन्न ऊष्मा का माप = 1,80,000 kj
अब इंधन का ऊष्मीय मान =  उत्पन्न ऊष्मा का मान/द्रव्यमान
= 1,80,000kj/ 4.5kg
= 40,000kj/kg


प्रश्न.12. क्या जंग लगने के प्रक्रम को दहन कहा जा सकता है? विवेचना कीजिए।

नहीं, जंग लगने के प्रक्रम को हम दहन नहीं कह सकते हैं क्योंकि जब लोहे को नमी युक्त वायु में रखा जाता है, तो यह जलीय आयरन ऑक्साइड की परत से ढक जाता है। यह प्रक्रम जंग लगना कहलाता है और परत को जंग कहते है। रासायनिक जंग, आयरन ऑक्साइड का जलीय रूप है अर्थात् Fe2O3, xH2O  यह भूरे लाल रंग का होता है। जंग लगना एक ऑक्सीजन अभिक्रिया है, परन्तु धीमी गति से होने वाली अभिक्रिया है।
Fe2O3 + xH2O  à Fe2O3.xH2O


प्रश्न.13. आबिदा और रमेश ने एक प्रयोग किया जिसमें बीकर में रखे जल को गर्म किया गया। आबिदा ने बीकर को मोमबत्ती ज्वाला के पीले भाग के पास रखा। रमेश ने बीकर को ज्वाला के सबसे बाहरी भाग के पास रखा। किसका पानी कम समय में गर्म हो जाएगा?

ज्वाला का बाहरी भाग गर्म होने के कारण रमेश का पानी कम समय में गर्म हो जाएगा।

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