Table of contents | |
कल्पना करो | |
आओ याद करें | |
आओ चर्चा करें | |
आओ करके देखें |
प्रश्न. तुम लगभग 2500 वर्ष पूर्व के एक उपदेशक को सुनने जाना चाहती हो। वहाँ जाने की अनुमति लेने के लिए तुम अपने माता-पिता को कैसे सहमत करोगी, इसका वर्णन करो।
मैं अपने माता-पिता को उपदेशक की शिक्षाओं के विषय में जानकारी देंगी। उनके द्वारा समाज की भलाईतथा स्त्रियों की भलाई के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देंगी। उनसे जुड़े लोगों के जीवन में आए बदलावों के विषय में जानकारी देंगी और उनसे अपने लिए उपदेश सुनने की अनुमति माँगूगी।
प्रश्न.1. बुद्ध ने लोगों तक अपने विचारों का प्रसार करने के लिए किन-किन बातों पर जोर दिया?
बुद्ध ने लोगों तक अपने विचारों का प्रसार करने के लिए निम्नलिखित बातों पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि सब का जीवन कष्टों और दुखों से भरा हुआ है। इस कारण हमारी इच्छाएं और लालसाए भी बढ़ती रहती है। अगर हम लड़ते रहेंगे तो हमें कुछ प्राप्त नहीं होगा। अपितु हमारा ही विनाश होगा। लोगों को दयालु होना चाहिए और मनुष्यों के साथ साथ जानवरों के जीवन का भी आदर करना चाहिए।
कभी-कभी हम जो चाहते है वे प्राप्त कर लेने के बाद भी संतुष्ट नहीं होते और अधिक चीजो को पाने की भी इच्छा करते है। बुद्ध ने इस लिप्सा को तृष्णा कहा है। बुद्ध ने कहा कि आत्मसयम् अपनाकर हम इन लालसाओ से मुक्ति पा सकते है। बुद्ध कहते है कि हमारे द्वारा किया गया कम अच्छा हो या बुरा इसका प्रभाव वर्तमान के साथ आने वाले जीवन को भी प्रभावित करता है। बुद्ध ने अपनी शिक्षा सामान्य लोगों को प्राकृत भाषा में दी थी ताकि लॉगो को आसानी से समझ भी आ सके।
प्रश्न.2. ‘सही’ व ‘गलत’ वाक्य बताओ।
(क) बुद्ध ने पशुबलि को बढ़ावा दिया।
(ख) बुद्ध द्वारा प्रथम उपदेश सारनाथ में देने के कारण इस जगह का बहुत महत्त्व है।
(ग) बुद्ध ने शिक्षा दी कि कर्म का हमारे जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
(घ) बुद्ध ने बोध गया में ज्ञान प्राप्त किया।
(ङ) उपनिषदों के विचारकों का मानना था कि आत्मा और ब्रह्म वास्तव में एक ही हैं।
(क) गलत
(ख) सही
(ग) गलत
(घ) सही
(ङ) सही
प्रश्न.3. उपनिषदों के विचारक किन प्रश्नों का उत्तर देना चाहते थे?
उपनिषदो के विचारक अनेक प्रश्नों का उत्तर ढूंढने का प्रयास कर रहे थे। जैसे वो जानना चाह्ते थे कि मृत्यु के बाद का जीवन कैसा होता होगा। मनुष्य के शरीर के साथ क्या होता होगा। क्या उनका फिर से जन्म होता होगा। जो हम यज्ञ करते है वो कैसे लाभदायक होते है। कैसे मनुष्य को उसका फल मिलता होगा। और ऐसी कौन सी चीज़ है जो स्थायी है और हमेशा जीवित रहती है।
प्रश्न.4. महावीर की प्रमुख शिक्षाएँ क्या थीं?
महावीर जानते थे और सबको यही शिक्षा देते थे जो उन्होंने अपने जीवन में अपनाई थी। वो कहते थे कि जो व्यक्ति ज्ञान की प्राप्ति करना चाहता है, अपने जीवन की सच्चाई जानना चाह्ता है उसे अपना घर त्याग देना चहिए। किसी भी व्यक्ति को लड़ना नहीं चहिए और सच्चाई के रास्ते पर अहिंसा के साथ चलना चहिए। हमें जानवरो को भी हमारी तरह समझना चहिए उनका आदर सत्कार करना चहिए। उन्हें कष्ट नहीं देना चहिए। जानवरो को मारने के वे सख्त खिलाफ थे। भोजन के लिए भिक्षा मांगकर सदा सरल जीवन व्यतीत करना चहिए। अपना जीवन ईमानदारी से जीना चहिए और कभी किसी के साथ छल कपट नहीं करना चहिए।
प्रश्न.5. अनघा की माँ क्यों चाहती थी कि उनकी बेटी बुद्ध की कहानी से परिचित हो? तुम्हारा इसके बारे में क्या कहना है?
अनघा अपने विद्यालय की तरफ से घूमने जा रही थी। इसके लिए उन्होंने देर रात पूणे से वाराणसी की ट्रेन पकड़ी थी। अनघा की माँ चाहती थी कि उसकी बेटी को भारत के महान संत गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़े स्थान देखने का अवसर मिले ताकि उसके मन में भी सत्य, अहिंसा और ईमानदारी का भाव उत्पन हो। वो बुद्ध के बताए हुए रास्ते पर ही चलें। सबसे प्रेम भाव रखे। कभी किसी से झगड़ा ना करें। इसलिए उसकी माँ चाहती थी कि उनकी बेटी बुद्ध के जीवन से परिचित हो।
प्रश्न.6. क्या तुम सोचते हो कि दासों के लिए संघ में प्रवेश करना आसान रहा होगा, तर्क सहित उत्तर दो।
नहीं क्योंकि उस समय भी जैसे दास प्रथा चलती आ रही थी। राजा महाराज अपने हर छोटे से छोटे कम अपने दास दासीयों से करवाते थे। महावीर तथा बुद्ध ने भी जो संघ बनाये थे उसमें ये कहा था अगर कोई दास अपना घर त्यागना चाहता है और संघ में प्रवेश लेना चाहता है तो उसे अपने मालिक की अनुमति लेनी होगी। तो मालिक ये अनुमति उन्हें आसानी से नहीं देते होंगे क्योंकि सब काम करने की उनकी सुख सुविधाऐं खत्म हो जाती।
प्रश्न.7. इस अध्याय में उल्लिखित कम से कम पाँच विचारों तथा प्रश्नों की सूची बनाओ। उनमें से किन्हीं तीन का चुनाव कर चर्चा करो कि वे आज भी क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?
विचार:
(i) आत्मसंयम
(ii) दयालुता
(iii) अहिंसा
(iv) अच्छे कर्म
(v) मृत्यु जीवन का अटल सत्य हैप्रश्न:
(i) जीवन कष्टों व दु:खों से भरा हुआ क्यों है?
(ii) क्या मृत्यु के बाद जीवन है?
(iii) यज्ञों की क्या उपयोगिता है?
(iv) विश्व में ऐसा क्या है? जो कि स्थायी है और मृत्यु के बाद भी बचता है।
(v) आत्मा और ब्रह्म में क्या संबंध है?आज की उपयोगिता के कारण:
(i) आत्मसंयम: आज मनुष्य की इच्छाएँ और लालसाएँ बढ़ती ही जा रही हैं जो उसके बढ़ते दु:खों का कारण है अतः आज भी मनुष्य आत्मसंयम अपनाकर दुःखों से छुटकारा पा सकता है।
(ii) अहिंसा: आज चारों तरफ अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए हिंसा का रास्ता अपनाया जा रहा | है, लेकिन समस्याओं का हल हिंसा से नहीं, बल्कि बातचीत और अहिंसा के रास्ते पर चलकर ही निकाला जा सकता है।
(iii) अच्छे कर्म: आज व्यक्ति जल्दी-से-जल्दी से अमीर बनने के चक्कर में बुरे कर्म करने लगा हुआ है, जिस कारण चारों तरफ भ्रष्टाचार फैला हुआ है। अच्छे कर्म करके भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
प्रश्न.8. आज दुनिया का त्याग करने वाले स्त्रियों और पुरुषों के बारे में और अधिक जानने का प्रयास करो। ये लोग कहाँ रहते हैं, किस तरीके के कपड़े पहनते हैं तथा क्या खाते हैं? ये दुनिया का त्याग क्यों करते हैं?
आज कल की दुनिया में भी पहले वाली प्रथा लगभग चली आ ही रही है। जैसे पहले लोग अपना घर त्याग करके जगंल में , संघ में, आश्रम मैं रहने चलें जाते थे। वैसै ही आज भी कई स्त्री और पुरुष ऐसे है जो अपने घर के क्लेश से मुक्ति पाने के लिए, या ब्रह्मचारी जीवन व्यतीत करने के लिए अपना घर त्याग देते है। आज कल ऐसे लॉगो के लिए आश्रम बनाये गए है जहाँ लोग अपना जीवन व्यतीत करते है। और वहां खुश भी रहते है। कई लोग पीले तथा कई लोग सफ़ेद वस्त्र पहनते है।
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