प्रश्न.1. कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
हाँ, वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है। एक वर्षा की बूँद स्थिर वेग से नीचे गिरती है। बूँद का वजन उत्क्षेप तथा वायु के वेग द्वारा संतुलित होता है। इस प्रकार, बूँद पर नेट भार शून्य होता है।
प्रश्न.2. जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।
जब दरी को छड़ी से पीटते हैं तो यह अचानक गति में आ जाती है। परंतु धूल कण जड़त्व के कारण विरामावस्था में होते हैं और दरी से अलग हो जाते हैं।
प्रश्न.3. बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है?
क्योंकि अचानक लगने वाले झटकों तथा सड़क पर तेजी से बस को मोड़ते समय सामान नीचे गिर सकता है। क्योंकि छत पर रखे समान का निचला हिस्सा बस के संपर्क में रहने के कारण गति में आ जाता है। लेकिन समान का उपर हिस्सा स्थिरता के जड़त्व के कारण विरामावस्था में रहता है। इसलिए ऊपरी भाग पीछे छूट जाता है तथा समान गिर जाता है। क्योंकि इसकी प्रवृत्ति अपनी मूल दिशा में लगातार गति करने की होती है। इससे बचाव के लिए सामान को रस्सी से बाँध दिया जाता है।
प्रश्न.4. किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद ज़मीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि:
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अतः गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है।
(सही विकल्प का चयन करें।)
सही उत्तर (c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
प्रश्न.5. एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना प्रारंभ करता है। यह 20s में 400m की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात करें। यदि इसका द्रव्यमान 7 मीट्रिक टन है तो इस पर लगने वाले बल की गणना करें। (1 मीट्रिक टन = 1000 kg )।
प्रारम्भिक वेग (u) = 0
तय की गई दूरी (s) = 400 m
लिया गया समय (t) = 20 s
ट्रक F का द्रव्यमान (m) = 7000 kg
बल, F = m x a = 7000 x 2 = 14000N
प्रश्न.6. 1 kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20m/s के वेग से झील की ज़मी हुई सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50m की दूरी तय करने के पश्चात् रुक जाता है। पत्थर और बर्फ़ के मध्य लगने वाले घर्षण बल की गणना करें।
पत्थर का द्रव्यमान (m) = 1kg
तय कि गई दूरी(s) = 50 m
पत्थर का प्रारंभिक वेग(u) = 20 m/s
पत्थर का अंतिम वेग(v) = 0 m/s
गति के तीसरे समीकरण से
v2 = u2 + 2as
02 = (20)2 + 2 × a × 50
0 = 400 + 100a
−400 = 100a
a = −4 ms2
पत्थर और बर्फ़ के बीच लगने वाले घर्षण बल
F = m × a
F = 1 × 4
= 4N
अत: पत्थर और बर्फ़ के बीच लगने वाले घर्षण बल = 4N
प्रश्न.7. एक 8000 kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000 kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40000 N का बल आरोपित करता है तथा यदि पटरी 5000 N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें:
(a) नेट त्वरण बल, तथा
(b) रेल का त्वरण
इंजन तथा पाँच डिब्बों का कुल द्रव्यमान m = 8000 + 5 x 2000 = 18,000kg
(a) नेट त्वरण बल F = इंजन बल – घर्षण बल
⇒ 40,000 – 5000 = 35,000 N
प्रश्न.8. एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 kg है। यदि गाड़ी को 1.7 ms-2 के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है, तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?
m = 1,5000kg, a = -1.7ms-2
F = ma = 1,500 x ( – 1.7)
= -2550 N
गाड़ी और सड़क के बीच लगने वाला बल गाड़ी की विपरीत दिशा में 2550N है।
प्रश्न.9. किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग है का संवेग क्या होगा?
(a) (mu)2
(c) mu2
(b)1/2mv2
(d) mv
(उपरोक्त में से सही विकल्प चुनें।)
सही उत्तर (d) mv
प्रश्न.10. हम एक लकड़ी के बक्से को 200 N बल लगाकर उसे नियत वेग से फ़र्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?
बक्सा नियत वेग से तभी चलेगा जब नेट बल शून्य होगा।
बक्से का घर्षण बल = 200N, बक्से की गति की दिशा के विपरीत।
प्रश्न.11. दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1.5 kg है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही हैं। टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5ms-1 है। टकराने के पश्चात् यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, तब उनका सम्मिलित वेग क्या होगा?
यहाँ
m1 = m2 = 1.5kg, u1 = 2.5ms-1,
u2 = -2.5 ms-1
u दो वस्तुओं का टकराने के बाद वेग है। संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार,
टकराने के बाद कुल संवेग = टकराने से पहले कुल संवेग
(m1 + m2)v = m1 u1 + m2 u2
(1.5 +1.5) v = 1.5 x 2.5 + 1.5 × (-2.5)
= 3.0 v = 0
v = 0ms-1
प्रश्न.12. गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?
क्रिया और प्रतिक्रिया हमेशा भिन्न वस्तुओं पर कार्य करती हैं। इसलिए वे एक-दूसरे को नहीं काट सकतीं यदि हम एक भरे हुए ट्रक को धकेलते हैं, तो इसके टायरों के और सड़क के बीच घर्षण बल बहुत अधिक होता है, इसलिए ट्रक गति नहीं करता।
प्रश्न.13. 200g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10ms-1 की वेग से सीधी रेखा में चलती हुई 5 kg द्रव्यमान के लकड़ी के गुटके से संघट्ट करती है तथा उससे जुड़ जाती है। उसके बाद दोनों एक साथ उसी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले और संघट्ट के बाद के कुल संवेगों की गणना करें। दोनों वस्तुओं की जुड़ी हुई अवस्था में वेग की गणना करें।
यहाँ,
m = 200g = 0.2 kg.
u = 10ms-1, v= -5ms-1
संवेग में परिवर्तन = m(v - u)= 2(-5 - 10)
= – 3kg ms-1
प्रश्न.14. 10g द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 ms-1 के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03 s के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना करें।
यहाँ,
गोली का द्रव्यमान (m) = 10 g = 0.01kg
गोली का प्रारम्भिक वेग (u) = 150 ms-1
गोली का अंतिम वेग (v) = 0 m/s
समय (t) = 0.03 s
त्रवन ऋणात्मक है
गोली पर लकड़ी के गुटके द्वारा लगाए गए बल का परिमाण,
F = ma
= 0.01 x 5000
= 50 N
प्रश्न.15. एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1 kg है, 10ms-1 के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5 kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके पश्चात् दोनों साथ-साथ उसी के सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पूर्व तथा पश्चात् के कुल संवेगों की गणना करें। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।
यहाँ,
वस्तु का द्रव्यमान (m1) = 1 kg
वेग (u1) = 10 ms-1
लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान (m2) =5 kg
वेग (u2) =0 m/s
संघट्ट के पहले का कुल संवेग,
m1u1 + m2u2 = 1 x 10 + 5 x 0 = 10 kg ms-1
संघट्ट के बाद, संयुक्त पिंड का संवेग,
(m1 + m2) v = (1 + 5)v = 6v kg ms-1
संवेग सरक्षण के नियम से,
6v = 10
अत: संघट्ट के पहले तथा बाद में कुल संवेग =
प्रश्न.16. 100kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6s में 5ms-1 से 8 ms-1 हो जाता है। वस्तु के पहले और बाद के संवेगों की गणना करें। उस बल के परिमाण की गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है।
यहाँ,
वस्तु का द्रव्यमान (m) = 100 kg
वस्तु का प्रारम्भिक वेग (u) = 5 ms-1
वस्तु का अंतिम वेग (v) = 8 ms-1
समय = 6 s
प्रारम्भिक संवेग = m.u = 100 x 50 = 500 kg ms-1
अंतिम संवेग = m.v = 100 x 8 = 800 kg ms-1
F = ma = 100 x 0.5 = 50 N
वस्तु पर लगे हुए बल का परिमाण = 50 N
प्रश्न.17. अख़्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा, गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख़्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख़्तर ने कहा कि चूँकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
कीड़ा और मोटरकार दोनों समान बल अनुभव करते हैं अतः उनके संवेग में परिवर्तन समान हैं। इसलिए हम राहुल से सहमत हैं, परंतु जड़त्व के बहुत कम द्रव्यमान के कारण कीड़ा मर जाता है।
प्रश्न.18. एक 10 kg द्रव्यमान की घंटी 80 cm की ऊँचाई से फ़र्श पर गिरी। इस अवस्था में घंटी द्वारा फ़र्श पर स्थानांतरित संवेग के मान की गणना करें। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10m s2 लें।
m = 10 kg, u = 0 s = 80cm
= 0.80m, a = 10ms-2
घंटी द्वारा प्राप्त किया गया वेग जैसे ही यह फ़र्श पर पहुँचाती है, = v
जैसा कि, v2 - u2 = 2as
v2 - u2 = 2 x 10 x 0.80 = 16
v = 4ms-1
घंटी द्वारा फर्श पर स्थानांतरित संवेग,
p = mv = 10 × 4
= 40 kg ms-1
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