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राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ (Lifelines of National Economy) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC PDF Download

अभ्यास

प्रश्न.1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
(i) निम्न में से कौन-से दो दूरस्थ स्थित स्थान पूर्वी-पश्चिमी गलियारे से जुड़े हैं?
(क) मुंबई तथा नागपुर
(ख) मुंबई तथा कोलकाता
(ग) सिलचर तथा पोरबंदर
(घ) नागपुर तथा सिलिगुड़ी।

सही उत्तर (ग) सिलचर तथा पोरबंदर

(ii) निम्नलिखित में से परिवहन का कौन-सा साधन वहनांतरण हानियों तथा देरी को घटाता है?
(क) रेल परिवहन
(ख) पाइपलाइन
(ग) सड़क परिवहन
(घ) जल परिवहन।

सही उत्तर (क) रेल परिवहन

(iii) निम्न में से कौन-सा राज्य हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर पाइपलाइन से नहीं जुड़ा है?
(क) मध्य प्रदेश
(ख) गुजरात
(ग) महाराष्ट्र
(घ) उत्तर प्रदेश।

सही उत्तर (ग) महाराष्ट्र

(iv) इनमें से कौन-सा पत्तन पूर्वी तट पर स्थित है जो अंत:स्थलीय तथा अधिकतम गहराई का पत्तन है तथा पूर्ण सुरक्षित है?
(क) चेन्नई
(ख) तूतीकोरिन
(ग) पारादीप
(घ) विशाखापटनम्।

सही उत्तर (घ) विशाखापटनम्

(v) निम्न में से कौन-सा परिवहन साधन भारत में प्रमुख साधन है?
(क) पाइपलाइन
(ख) सड़क परिवहन
(ग) रेल परिवहन
(घ) वायु परिवहन।

सही उत्तर (ग) रेल परिवहन

(vi) निम्न में से कौन-सा शब्द दो या अधिक देशों के व्यापार को दर्शाता है?
(क) आंतरिक व्यापार
(ख) बाहरी व्यापार
(ग) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
(घ) स्थानीय व्यापार ।

सही उत्तर (ग) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार


प्रश्न.2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

(i) सड़क परिवहन के तीन गुण बताएँ।

भारत विश्व के सर्वाधिक सड़क जाल वाले देशों में से एक है। सड़क परिवहन के कुछ प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं:

  • सड़क परिवहन, अन्य परिवहन साधनों के उपयोग में एक कड़ी के रूप में भी कार्य करता है। जैसे-सड़कें, रेलवे स्टेशन, वायु व समुद्री पत्तनों को जोड़ती हैं।
  • सड़कों की निर्माण लागत कम होती है तथा यह ऊबड़-खाबड़ भू-भागों पर भी बनाई जा सकती है।
  • यह घर-घर सेवाएँ उपलब्ध करवाता है तथा सामान चढ़ाने व उतारने की लागत भी अपेक्षाकृत कम है।

(ii) रेल परिवहन कहाँ पर अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन साधन है तथा क्यों?

भारत में रेल परिवहन वस्तुओं तथा यात्रिओं के परिवहन का प्रमुख साधन है। रेल परिवहन अनेक कार्यों में सहायक है; जैसे-व्यापार, भ्रमण, तीर्थ यात्राएँ व लंबी दूरी तक सामान का परिवहन आदि। भारत के उत्तरी मैदानों में रेल परिवहन अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन है, क्योंकि उत्तरी मैदान अपनी विस्तृत समतल भूमि, सघन जनसंख्या घनत्व, संपन्न कृषि व प्रचुर संसाधनों के कारण रेल परिवहन के विकास व वृद्धि में सहायक रहा है।

(iii) सीमांत सड़कों का महत्त्व बताएँ।

भारत के सीमांत क्षेत्र में सड़कों के निर्माण व देख-रेख का कार्य सीमा सड़क संगठन करता है। यह उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में सामरिक महत्त्व की सड़कों का विकास करता है। इन सड़कों का महत्त्व इस प्रकार है:

  • ये सड़कें सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों विशेषकर चौकियों की रखवाली करने वाले सैनिकों की प्रतिदिन की आवश्यकताओं को पूरा करने में बड़ी सहायक सिद्ध होती हैं।
  • युद्ध के समय इन्हीं सड़कों से फौजियों को लड़ाई का सामान, खाद्य सामग्री तथा अन्य सहायता पहुँचाई जाती है।
  • इन सड़कों से दुर्गम क्षेत्रों में आना-जाना सरल हुआ है।
  • ये सड़कें इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में भी सहायक हुई हैं।

(iv) व्यापार से आप क्या समझते हैं? स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अंतर स्पष्ट करें।

राज्यों व देशों के बीच विभिन्न वस्तुओं का आदान-प्रदान व्यापार कहलाता है। स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अंतर निम्नलिखित हैं:
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार: दो देशों के मध्य विभिन्न वस्तुओं का आदान-प्रदान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है। यह समुद्री, हवाई व स्थलीय मार्गों द्वारा हो सकता है। किसी देश के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रगति उसके आर्थिक विकास का सूचक है।
स्थानीय व्यापार: एक देश के अंदर विभिन्न वस्तुओं को आदान-प्रदान स्थानीय व्यापार कहलाता है। स्थानीय व्यापार शहरों, कस्बों व गाँवों में होता है।


प्रश्न.3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।
(i) परिवहन तथा संचार के साधन किसी देश की जीवन रेखा तथा अर्थव्यवस्था क्यों कहे जाते हैं?

वस्तुओं, सेवाओं तथा लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना परिवहन कहलाता है। यह परिवहन तीन महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों से किया जाता है-स्थल, जल तथा वायु ।
संचार के साधन वे साधन हैं जिनका प्रयोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने के लिए किया जाता है। ये दोनों ही किसी देश की जीवन रेखा कहे जाते हैं क्योंकि:

  • एक देश के विकास की गति वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन के साथ उनके एक स्थान से दूसरे स्थान तक वहन की सुविधा पर भी निर्भर करता है। इसलिए सक्षम परिवहन के साधन तीव्र विकास हेतु पूर्व अपेक्षित हैं।
  • भारत अपने विशाल आकार, विविधताओं, भाषाई तथा सामाजिक व सांस्कृतिक बहुलताओं के बावजूद संसार के सभी क्षेत्रों से सुचारू रूप से जुड़ा है। इसका कारण अच्छे परिवहन तथा संचार के साधन हैं।
  • सक्षम व तीव्र गति वाले परिवहन से आज संसार एक बड़े गाँव में परिवर्तित हो गया है। परिवहन का यह विकास | संचार साधनों के विकास की सहायता से ही संभव हो सका है।
  • युद्ध के समय इन साधनों का महत्त्व बहुत बढ़ जाता है। इनके द्वारा सारा देश रक्षा सेनाओं की सहायता में कटिबद्ध हो जाता है। हथियारों, गोला बारूद तथा रसद पहुँचाने का काम आसान हो जाता है।

आधुनिक संचार तथा परिवहन के साधन हमारे देश और इसकी आधुनिक अर्थव्यवस्था को संचालित करते हैं। अत: यह स्पष्ट है कि सघन व सक्षम परिवहन का जाल तथा संचार के साधन आज विश्व राष्ट्र व स्थानीय व्यापार हेतु पूर्व अपेक्षित है।

(ii) पिछले पंद्रह वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रवृत्ति पर एक लेख लिखें।

दो देशों के मध्य व्यापार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है। एक देश के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रगति उसके आर्थिक व्यापार का सूचक है, इसलिए इसे राष्ट्र का आर्थिक बैरोमीटर भी कहा जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् औद्योगिक विकास के फलस्वरूप भारत के विदेशी व्यापार में भी प्रगति हुई है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में पिछले 15 वर्षों में भारी बदलाव आया है। वस्तुओं के आदान-प्रदान की अपेक्षा सूचनाओं, ज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान बढ़ा है। भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक सॉफ्टवेयर महाशक्ति के रूप में उभरा है तथा सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से अत्यधिक विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है।
विश्व के सभी भौगोलिक प्रदेशों तथा सभी व्यापारिक खंडों के साथ भारत के व्यापारिक संबंध हैं। पिछले कुछ वर्षों से निर्यात वृद्धि वाली वस्तुएँ ये हैं-कृषि संबंधित उत्पाद, खनिज व अयस्क, रत्न व जवाहरात, रसायन व संबंधित उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान तथा पेट्रोलियम उत्पाद आदि।
भारत में आयातित वस्तुओं में पेट्रोलियम तथा पेट्रोलियम उत्पाद, मोती व बहुमूल्य रत्न, अकार्बनिक रसायन, कोयला, कोक तथा कोयले का गोला मशीनरी आदि शामिल हैं। भारी वस्तुओं के आयात में 39.09 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हमें आयात की अपेक्षा निर्यात को बढ़ाने की कोशिश करनी होगी जिससे विश्व बाजार में भारत सम्माननीय स्थान पा सके।

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