प्रश्न.1. आज दक्षिण अफ्रीका में माया का जीवन कैसा होगा?
दक्षिणी अफ्रीका एक ऐसा देश है जहां कई प्रकार के प्रजातियों के लोग रहते हैं। पहले के समय में श्वेत और अश्वेत लोगों में बहुत भेदभाव किया जाता था। यहां तक कि श्वेत और अश्वेत लोगों के लिए बस स्टैंड तक अलग होता था। इन सबको खत्म करने के लिए अफ़्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस और उनके जाने माने नेता नेल्सन मंडेला ने मिलकर रंगभेद के खिलाफ काफी समय तक संघर्ष किया। अंतत 1944 में उन्हें सफलता मिली और दक्षिणी अफ्रीका एक लोकतान्त्रिक देश बना और सभी प्रजातियों के साथ बराबर भाव के कारण माया का जीवन भी अब बहुत खुश होगा जो की दक्षिण अफ्रीका में रहने वाली ग्यारह वर्षीय लड़की थी।
प्रश्न.2. किन विभिन्न तरीकों से लोग सरकार की प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं?
लोग विभिन्न तरीको से सरकार द्वारा चलाई गई प्रक्रियाओं में भाग लेते है जैसे :- लोग लोकतंत्र में निर्णय लेते है। चुनाव में वोट देकर अपना प्रतिनिधित्व चुनते है। ये प्रतिनिधि ही लोगों की तरफ से निर्णय लेते है। ये चूनाव हर पाँच साल में नियमित रूप से होते है जिसकी वजह से लोगों का सरकार के ऊपर नियंत्रण बना रहता है। वोट देने के अलावा सरकार के नीतियों और निर्णयों में भाग लेने के और भी तरीके होते है। लोग सरकार के कार्यों में रूचि लेकर और उसकी आलोचना करके अपनी भागीदारी निभाते है। कई कार्य ऐसे होते है जिसमें जनता सरकार को बताती है कि उन्हें निर्णय किस प्रकार से लेने है और अगर सरकार नहीं मानती तो धरने, हड़ताल, जलूस द्वारा तरीके अपनाकर जो निर्णय सरकार द्वारा न्यायसंगत नहीं है और गलत है तो सरकार के सामने लाया जाता है। लोकतंत्र लोगों को भागीदारी का मौका देता है। अगर देश के लोग सजग है और इस बारे में रूचि लेते है कि देश को कैसे चलाया जाए तो उस देश की सरकार का लोकतान्त्रिक स्वारूप और भी अधिक मजबूत हो जाता है।
प्रश्न.3. विभिन्न विवादों और मुद्दों को सुलझाने के लिए सरकार की जरूरत क्यों होती है?
कई बार ऐसा होता है कि जनता में कई विवाद और मुद्दों को सुलझाते समय हिंसा का प्रयोग किया जाता है। ऐसा इसलिए होता है की एक समूह यह मान लेता है कि दूसरे समूह को विरोध करने से रोकने के लिए बल का प्रयोग करना उचित है। विवाद तब उभरता है जब विभिन्न संस्कृतियों , धर्मो, क्षेत्रों और आर्थिक पृष्टभूमि वाले लोग एक दूसरे के साथ तालमेल नहीं बैठा पाते। ऐसा तब भी होता है जब कई लोगों को लगता है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है।
लोग अपने विवादों को खत्म करने के लिए हिंसात्मक तरीके अपनाते है जिससे अन्य लोगों में डर और असुरक्षा की भावना पैदा होती है। इसलिए सरकार की यह जिम्मेदारी होती है कि वो इन विवादों का समाधान करे। उदाहरण के लिए धार्मिक जलूस किसी रास्ते पर निकले, यही किसी विवाद का कारण बन जाता है। कई बार हिंसा बढ़ने का खतरा रहता है। कई बार लोग इसे रोकने के लिए एक दूसरे के ऊपर पत्थर फैकने की कोशिश करते है। सरकार, खासकर पुलिस ऐसे मोको पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पुलिस की जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करने की होती है कि आपस में टकराव की स्थिति पैदा न हो, हिंसा न भडके। इसलिए ऐसे ही कई विवाद हो जाते है जिन्हें सुलझाने के लिए सरकार की जरूरत होती है।
प्रश्न.4. सभी लोगों के साथ समानता का व्यवहार हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार क्या कदम उठाती है?
लोकतान्त्रिक सरकार के मुख्य विचारों में से एक है उसका न्याय एवं सब में समानता के प्रति वचनबद्ध होना। न्याय एवं समानता को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। छूआछूत की प्रथा पर भी अब रोक लगा दी गई है। लंबे समय तक दलित लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं यातायात की सुविधाओं से वाँछित रखा गया था। पहले हालात यह थे कि उन्हें सार्वजनिक मंदिरों में जाने नहीं दिया जाता था। कई अन्य लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि यह प्रथा अमानवीय है। न्याय तभी प्राप्त हो सकता है जब लोगों के सामान व्यवहार हो।
यह सब देखकर सरकार भी समानता और न्याय की जरूरत को पहचानती थी और उन समूह वाले लोगों के लिए विशेष प्रावधान करती थी जिन्हें अभी भी कई आधिकार प्राप्त नहीं है और जिनके साथ सामान व्यवहार नहीं किया जा रहा हो। सरकार ने कुछ ऐसे भी विशेष प्रावधान किये है जिससे लड़किया अपने साथ होने वाले अन्याय से छुटकारा पा सकेगी। उदाहरण के लिए सरकारी स्कूलों और कॉलेजो में लड़कियों की फीस कम और खत्म करने का प्रावधान किया गया।
प्रश्न.5. पाठ को एक बार और पढ़कर लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्त्वों की एक सूची बनाइए। उदाहरण के लिए सभी लोग बराबर हैं।
लोकतान्त्रिक सरकार के मुख्य तत्वों में ऐसे कई कार्य है जिससे सभी लोग बराबर समझे जाए जैसे:- लडकियो को सामान शिक्षा प्रदान की जाए। किसी भी व्यक्ति के साथ रंग, लिंग, जाति के आधार पर कोई भेदभाव न हो। सभी लोगों को वोट देने का अधिकार हो, कोई भी वंचित ना रह सके। सभी को अपने धर्म, सांसकृति, परम्पराओं के आधार पर निर्णय लेने का अधिकार हो।
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