Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  NCERT Textbooks & Solutions for Class 10  >  NCERT Solutions: पाठ 8- बालगोबिन भगत, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10

पाठ 8- बालगोबिन भगत, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 10 PDF Download

प्रश्न अभ्यास 

प्रश्न 1: खेतीबारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे?
उत्तर: 
बालगोबिन भगत एक गृहस्थ थे परन्तु उनमें साधु कहलाने वाले गुण भी थे –
1. कबीर के आर्दशों पर चलते थे, उन्हीं के गीत गाते थे।
2. कभी झूठ नहीं बोलते थे, खरा व्यवहार रखते थे।
3. किसी से भी दो-टूक बात करने में संकोच नहीं करते, न किसी से झगड़ा करते थे।
4. किसी की चीज़ नहीं छूते थे न ही बिना पूछे व्यवहार में लाते थे।
5. कुछ खेत में पैदा होता, सिर पर लादकर पहले उसे कबीरपंथी मठ में ले जाते, वहाँ से जो कुछ भी भेंट स्वरुप मिलता था उसे प्रसाद स्वरुप घर ले जाते थे।
6. उनमें लालच बिल्कुल भी नहीं था।

प्रश्न 2: भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी?
उत्तर: भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले छोड़कर नहीं जाना चाहती थी क्योंकि भगत के बुढ़ापे का वह एकमात्र सहारा थी। उसके चले जाने के बाद भगत की देखभाल करने वाला और कोई नहीं था।

प्रश्न 3: भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ किस तरह व्यक्त कीं?
उत्तर: बेटे की मृत्यु पर भगत ने पुत्र के शरीर को एक चटाई पर लिटा दिया, उसे सफेद चादर से ढक दिया तथा वे कबीर के भक्ति गीत गाकर अपनी भावनाएँ व्यक्त करने लगे। भगत ने अपने पुत्रवधू से कहा कि यह रोने का नहीं बल्कि उत्सव मनाने का समय है| विरहिणी आत्मा अपने प्रियतम परमात्मा के पास चली गई है| उन दोनों के मिलन से बड़ा आनंद और कुछ नहीं हो सकती| इस प्रकार भगत ने शरीर की नश्वरता और आत्मा की अमरता का भाव व्यक्त किया|

प्रश्न 4: भगत के व्यक्तित्व और उनकी वेशभूषा का अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर: बालगोबिन भगत एक गृहस्थ थे लेकिन उनमें साधु संन्यासियों के गुण भी थे। वे अपने किसी काम के लिए दूसरों को कष्ट नहीं देना चाहते थे। बिना अनुमति के किसी की वस्तु को हाथ नहीं लगाते थे। कबीर के आर्दशों का पालन करते थे। सर्दियों में भी अंधेरा रहते ही पैदल जाकर गंगा स्नान करके आते थे तथा भजन गाते थे।
वेशभूषा से ये साधु लगते थे। इनके मुख पर सफे़द दाढ़ी तथा सिर पर सफे़द बाल थे, गले में तुलसी के जड़ की माला पहनते थे, सिर पर कबीर पंथियों की तरह टोपी पहनते थे, शरीर पर कपड़े बस नाम मात्र के थे। सर्दियों के मौसम में बस एक काला कंबल ओढ़ लेते थे तथा मधुर स्वर में भजन गाते-फिरते थे।

प्रश्न 5: बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी?
उत्तर: बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण इसलिए बन गई थी क्योंकि वे जीवन के सिद्धांतों और आदर्शों का अत्यंत गहराई से पालन करते हुए उन्हें अपनेआचरण में उतारते थे। वृद्ध होते हुए भी उनकी स्फूर्ति में कोई कमी नहीं थी। सर्दी के मौसम में भी, भरे बादलों वाले भादों की आधी रात में भी वे भोर में सबसे पहले उठकर गाँव से दो मील दूर स्थित गंगा स्नान करने जाते थे, खेतों में अकेले ही खेती करते तथा गीत गाते रहते। विपरीत परिस्थिति होने के बाद भी उनकी दिनचर्या में कोई परिवर्तन नहीं आता था। एक वृद्ध में अपने कार्य के प्रति इतनी सजगता को देखकर लोग दंग रह जाते थे।

प्रश्न 6: पाठ के आधार पर बालगोबिन भगत के मधुर गायन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर: भगत जी कबीर के गीत गाते थे। वे बहुत मस्ती से गाया करते थे।कबीर के पद उनके कंठ से निकलकर सजीव हो उठते थे , उनका स्वर बहुत मधुर था। उनके गीत सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे। औरतें उस गीत को गुनगुनाने लगतीं थी। उनके गीत का मनमोहक प्रभाव सारे वातावरण में छा जाता था।

प्रश्न 7: कुछ मार्मिक प्रसंगों के आधार पर यह दिखाई देता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। पाठ के आधार पर उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए।
 उत्तर: 
कुछ ऐसे मार्मिक प्रसंग है, जिनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि बालगोबिन भगत उनप्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे, जो विवेक की कसौटी पर खरी नहीं उतरती थीं। उदाहरणस्वरुप:
1. बालगोबिन भगत के पुत्र की मृत्यु हो गई, तो उन्हों ने सामाजिक परंपराओं के अनुरूप अपने पुत्र का क्रिया-कर्म नहीं किया। उन्होंने कोई तूल न करते हुए बिना कर्मकांड के श्राद्ध-संस्कार कर दिया।
2. सामाजिक मान्यता है की मृत शरीर को मुखाग्नि पुरूष वर्ग के हाथों दी जाती है। परंतु भगत ने अपने पुत्र को मुखाग्नि अपनी पुत्रवधू से ही दिलाई।
3. हमारे समाज में विधवा विवाह को मान्यता नहीं दी गई है, परंतु भगत ने अपननी पुत्रवधू को पुनर्विवाह करने का आदेश दे दिया।
4. अन्य साधुओं की तरह भिक्षा माँगकर खाने के विरोधी थे।

प्रश्न 8: धान की रोपाई के समय समूचे माहौल को भगत की स्वर लहरियाँ किस तरह चमत्कृत कर देती थीं ? उस माहौल का शब्द-चित्र प्रस्तुत कीजिए।
 उत्तर: 
आषाढ़ की रिमझिम फुहारों के बीच खेतों में धान की रोपाई चल रही थी। बादल से घिरे आसमान में, ठंडी हवाओं के चलने के समय अचानक खेतों में से किसी के मीठे स्वर गाते हुए सुनाई देते हैं। बालगोबिन भगत के कंठ से निकला मधुर संगीत वहाँ खेतों में काम कर रहे लोगों के मन में झंकार उत्पन्न करने लगा। स्वर के आरोह के साथ एक-एक शब्द जैसे स्वर्ग की ओर भेजा जा रहा हो। उनकी मधुर वाणी को सुनते ही लोग झूमने लगते हैं, स्त्रियाँ स्वयं को रोक नहीं पाती है तथा अपने आप उनके होंठ काँपकर गुनगुनाते लगते हैं। हलवाहों के पैर गीत के ताल के साथ उठने लगे। रोपाई करने वाले लोगों की उँगलियाँ गीत की स्वरलहरी के अनुरूप एक विशेष क्रम से चलने लगीं बालगोबिन भगत के गाने सेसंपूर्ण सृष्टि मिठास में खो जाती है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 9: पाठ के आधार पर बताएँ कि बालगोबिन भगत की कबीर पर श्रद्धा किन-किन रूपों में प्रकट हुई है?
 उत्तर: 
बालगोबिन भगत द्वारा कबीर पर श्रद्धा निम्नलिखित रुपों में प्रकट हुई है –
1. कबीर गृहस्थ होकर भी सांसारिक मोह-माया से मुक्त थे। उसी प्रकार बाल गोबिन भगत ने भी गृहस्थ जीवन में बँधकर भी साधु समान जीवन व्यतीत किया।
2. कबीर के अनुसार मृत्यु के पश्चात् जीवात्मा का परमात्मा से मिलन होता है। बेटे की मृत्यु के बाद बाल गोबिन भगत ने भी यही कहा था। उन्होंने बेटे की मृत्यु पर शोक मानने की बजाए आनंद मनाने के लिए कहा था।
3. भगतजी ने अपनी फसलों को भी ईश्वर की सम्पत्ति माना। वे फसलों को कबीरमठ में अर्पित करके प्रसाद रूप में पाई फसलों का ही उपभोग करते थे।
4. पहनावे में भी वे कबीर का ही अनुसरण करते थे।
5. कबीर गाँव-गाँव, गली-गली घूमकर गाना गाते थे, भजन गाते थे। बाल गोबिन भगत भी इससे प्रभावित हुए। कबीर के पदों को वे गाते फिरते थे।
6. बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को कबीर की तरह ही नहीं मानते थे।

प्रश्न 10: आपकी दृष्टि में भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के क्या कारण रहे होंगे?
उत्तर: भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के निम्नलिखित कारण रहे होंगे –
1. कबीर का आडम्बरों से रहित सादा जीवन
2. सामाजिक कुरीतियों का अत्यंत विरोध करना
3. कामनायों से रहित कर्मयोग का आचरण
4. ईश्वर के प्रति अनन्य प्रेम
5. भक्ति से परिपूर्ण मधुर गीतों की रचना
6. आदर्शों को व्यवहार में उतरना

प्रश्न 11: गाँव का सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश आषाढ़ चढ़ते ही उल्लास से क्यों भर जाता है?
उत्तर: 
आषाढ़ की रिमझिम बारिश में भगत जी अपने मधुर गीतों को गुनगुनाकर खेती करते हैं। उनके इन गीतों के प्रभाव से संपूर्ण सृष्टि रम जाती है, स्त्रियोँ भी इससे प्रभावित होकर गाने लगती हैं। इसी लिए गाँव का परिवेश उल्लास से भर जाता है।

प्रश्न 12: “ऊपर की तसवीर से यह नहीं माना जाए कि बालगोबिन भगत साधु थे।” क्या ‘साधु’ की पहचान पहनावे के आधार पर की जानी चाहिए? आप किन आधारों पर यहसुनिश्चित करेंगे कि अमुक व्यक्ति ‘साधु’ है?
उत्तर: 
एक साधु की पहचान उसके पहनावे से नहीं बल्कि उसके अचार – व्यवहार तथा उसकी जीवन प्रणाली पर आधारित होती है। यदि व्यक्ति का आचरण सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, त्याग, लोक-कल्याण आदि से युक्त है, तभी वह साधु है। साधु का जीवन सात्विक होता है। उसका जीवन भोग-विलास की छाया से भी दूर होता है।  उसके मन में केवल इश्वर के प्रति सच्ची भक्ति होती है।

प्रश्न 13. मोह और प्रेम में अंतर होता है। भगत के जीवन की किस घटना के आधार पर इस कथन का सच सिद्ध करेंगे?
उत्तर: 
मोह और प्रेम में निश्चित अंतर होता है मोह में मनुष्य केवल अपने स्वार्थ की चिंता करता प्रेम में वह अपने प्रियजनों का हित देखता है भगत को अपने पुत्र तथा अपनी पुत्रवधू से अगाध प्रेम था। परन्तु उसके इस प्रेम ने प्रेम की सीमा को पार कर कभी मोह का रुप धारण नहीं किया। दूसरी तरफ़ वह चाहते तो मोह वश अपनी पुत्रवधू को अपने पास रोक सकते थे परन्तु उन्होंने अपनी पुत्रवधू को ज़बरदस्ती उसके भाई के साथ भेजकर उसके दूसरे विवाह का निर्णय किया।इस घटना द्वरा उनका प्रेम प्रकट होता है। बालगोबिन भगत ने भी सच्चे प्रेम का परिचय देकर अपने पुत्र और पुत्रवधू की खुशी को ही उचित माना।

भाषा अध्यन 

प्रश्न 14: इस पाठ में आए कोई दस क्रिया विशेषण छाँटकर लिखिए और उसके भेद भी बताइए
उत्तर:
1. धीरे-धीरे – धीरे-धीरे स्वर ऊँचा होने लगा।
भेद:
रीतिवाचक क्रियाविशेषण

2. जब-जब – वह जब-जब सामने आता।
भेद: 
कालवाचक क्रियाविशेषण

3. थोडा – थोडा बुखार आने लगा।
भेद: 
परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

4. उस दिन भी संध्या – उस दिन भी संध्या में गीत गाए।
भेद:
कालवाचक क्रियाविशेषण

5. बिल्कुल कम – कपडे बिल्कुल कम पहनते थे।
भेद:
परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

6. सवेरे ही – इन दिनों सवेरे ही उठते थे।
भेद:
कालवाचक क्रियाविशेषण

7. हरवर्ष – हरवर्ष गंगा स्नान करने के लिए जाते।
भेद: 
कालवाचक क्रियाविशेषण

8. दिन-दिन – वे दिन-दिन छिजने लगे।
भेद: 
कालवाचक क्रियाविशेषण

9. हँसकर -हँसकर टाल देते थे।
भेद: 
रीतिवाचक क्रियाविशेषण

10. जमीन पर – जमीन पर ही आसन जमाए गीत गाए चले जा रहे हैं।
भेद: 
स्थानवाचक क्रियाविशेषण

The document पाठ 8- बालगोबिन भगत, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 10 is a part of the Class 10 Course NCERT Textbooks & Solutions for Class 10.
All you need of Class 10 at this link: Class 10
348 docs

Top Courses for Class 10

FAQs on पाठ 8- बालगोबिन भगत, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 NCERT Solutions - NCERT Textbooks & Solutions for Class 10

1. बालगोबिन भगत की कहानी का मुख्य संदेश क्या है ?
Ans. बालगोबिन भगत की कहानी का मुख्य संदेश यह है कि सच्ची भक्ति और समर्पण से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है। यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि भक्ति में आत्मसमर्पण और आस्था का महत्व है।
2. बालगोबिन भगत का चरित्र किस प्रकार का है ?
Ans. बालगोबिन भगत का चरित्र सरल, ईमानदार और समर्पित है। वह अपने भगवान के प्रति अत्यधिक श्रद्धा और प्रेम से भरे हुए हैं। उनकी भक्ति और त्याग का गुण उन्हें एक महान व्यक्ति बनाता है।
3. इस पाठ में बालगोबिन भगत की कौन-सी विशेषताएँ उजागर की गई हैं ?
Ans. इस पाठ में बालगोबिन भगत की विशेषताएँ जैसे उनकी निस्वार्थ भक्ति, सच्चाई, समर्पण और कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता को उजागर किया गया है। उनकी सरलता और दूसरों की मदद करने की प्रवृत्ति भी महत्वपूर्ण है।
4. पाठ के माध्यम से लेखक ने समाज को कौन-सी सीख दी है ?
Ans. लेखक ने समाज को यह सीख दी है कि भक्ति और सेवा का मार्ग ही सच्चा मार्ग है। समाज में प्रेम, सहयोग और समर्पण की भावना को बढ़ावा देना आवश्यक है, जो कि बालगोबिन भगत के जीवन से प्रेरित है।
5. बालगोबिन भगत की भक्ति का किस प्रकार का प्रभाव था ?
Ans. बालगोबिन भगत की भक्ति का प्रभाव यह था कि उन्होंने अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने विश्वास को नहीं छोड़ा। उनकी भक्ति ने न केवल उन्हें बल्कि उनके आस-पास के लोगों को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित किया।
348 docs
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

ppt

,

क्षितिज II

,

कक्षा - 10 NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 10

,

हिंदी

,

pdf

,

video lectures

,

क्षितिज II

,

Exam

,

mock tests for examination

,

MCQs

,

Extra Questions

,

Summary

,

हिंदी

,

क्षितिज II

,

Objective type Questions

,

practice quizzes

,

Free

,

Important questions

,

study material

,

shortcuts and tricks

,

पाठ 8- बालगोबिन भगत

,

पाठ 8- बालगोबिन भगत

,

Sample Paper

,

पाठ 8- बालगोबिन भगत

,

Previous Year Questions with Solutions

,

कक्षा - 10 NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 10

,

Semester Notes

,

हिंदी

,

Viva Questions

,

कक्षा - 10 NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 10

,

past year papers

;