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पाठ 8 - कन्यादान, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 NCERT Solutions | NCERT Solutions for Class 10 PDF Download

पाठ 8- कन्यादान, 

लेखक -ऋतुराज 

क्षितिज भाग-2 हिंदी

प्रश्न अभ्यास

प्रश्न 1. आपके विचार से माँ ने ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की जैसी मत दिखाई देना?
 उत्तर

इन पंक्तियों में लड़की की कोमलता तथा कमज़ोरी को स्पष्ट किया गया है। लड़की की कोमलता को उसका सबसे बड़ा गुण माना जाता है, परन्तु लड़की की माँ उसे लड़की जैसा दिखने अर्थात् अपनी कमज़ोरी को प्रकट करने से सावधान करती है क्योंकि कमज़ोर लड़कियों का शोषण किया जाता है।

प्रश्न 2. ‘आग रोटियाँ सेंकने के लिए है।
 जलने के लिए नहीं’

(क) इन पंक्तियों में समाज में स्त्री की किस स्थिति की ओर संकेत किया गया है?
 उत्तर

इन पंक्तियों में समाज द्वारा नारियों पर किए गए अत्याचारों की ओर संकेत किया गया है। वह ससुराल में घर-गृहस्थी का काम संभालती है। सबके लिए रोटियाँ पकाती है फिर भी उसे अत्याचार सहना पड़ता है। उसी अग्नि में उसे जला दिया जाता है। नारी का जीवन कष्टों से भरा होता है।

(ख) माँ ने बेटी को सचेत करना क्यों ज़रूरी समझा?
 उत्तर

बेटी अभी सयानी नहीं थी, उसकी उम्र भी कम थी और वह समाज में व्याप्त बुराईयों से अंजान थी। माँ यह नहीं चाहती थी कि उसके साथ जो अन्याय हुए हैं वो सब उसकी बेटी को भी सहना पड़े। इसलिए माँ ने बेटी को सचेत करना ज़रुरी समझा।

प्रश्न 3. ‘पाठिका थी वह धुँधले प्रकाश की
 कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की’
 इन पंक्तियों को पढ़कर लड़की की जो छवि आपके सामने उभरकर आ रही है उसे शब्दबद्ध कीजिए।

उत्तर
कविता की इन पंक्तियों से लड़की की कुछ विशेषताओं पर प्रकाश पड़ता है। ये निम्नलिखित हैं –
(1) वह आदर्शवादी है, जीवन की सच्चाईयों से अंजान है।
(2) वह अभी पढ़ने वाली छात्रा ही है, उसकी उम्र कम है।
(3) वह अपने भावी जीवन की कल्पनाओं में खोई हुई है।

प्रश्न 4. माँ को अपनी बेटी ‘अंतिम पूँजी’ क्यों लग रही थी?
 उत्तर

माँ और बेटी का सम्बन्ध मित्रतापूर्ण होता है। माँ बेटी के सर्वाधिक निकट रहने वाली और उसके सुख-दुख की साथिन होती है। कन्यादान करते समय इस गहरे लगाव को वह महसूस कर रही है कि उसके जाने के बाद वह बिल्कुल खाली हो जाएगी। वह बचपन से अपनी पुत्री को सँभालकर उसका पालन-पोषण एक संचित पूँजी की तरह करती है। जब इस पूँजी अर्थात् बेटी का कन्यादान करेगी तो उसके पास कुछ नहीं बचेगा। इसलिए माँ को अपनी बेटी अंतिम पूँजी लगती है।

प्रश्न 5. माँ ने बेटी को क्या-क्या सीख दी?
 उत्तर

माँ ने अपनी बेटी को विदा करते समय निम्नलिखित सीख दी –
1. माँ ने बेटी को उसकी सुंदरता पर गर्व न करने की सीख दी।
2. माँ ने अपनी बेटी को दु:ख पीड़ित होकर आत्महत्या न करने की सीख दी।
3. माँ ने बेटी को धन सम्पत्ति के आकर्षण से दूर रहने की सलाह दी।
4. नारी सरलता, भोलेपन और सौंदर्य के कारण बंधनों में न बँधे तो वह शक्तिशाली बन सकती है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 6. आपकी दृष्टि में कन्या के साथ दान की बात करना कहाँ तक उचित है?
 उत्तर

कन्या माता पिता के लिए कोई वस्तु नहीं है बल्कि उसका सम्बन्ध उनके भावनाओं से है। दान वस्तुओं का होता है। बेटियों के अंदर भी भावनाएँ होती हैं। उनका अपना एक अलग अस्तित्व होता है। विवाह के पश्चात् उसका सम्बन्ध नए लोगों से जुड़ता है परन्तु पुराने रिश्तों को छोड़ देना दु:खदायक होता है। अत: कन्या का दान कर उसे त्याग देना उचित नहीं है।

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FAQs on पाठ 8 - कन्यादान, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 NCERT Solutions - NCERT Solutions for Class 10

1. What is the theme of the chapter "Kanyadaan"?
Ans. The theme of the chapter "Kanyadaan" is the societal pressure on parents to get their daughters married and the dowry system prevalent in Indian society.
2. What is the significance of the title "Kanyadaan"?
Ans. The title "Kanyadaan" is significant because it refers to the ritual of giving away the daughter as a gift during her wedding. However, in the context of the chapter, it also highlights the exploitation of the daughter's family who are forced to give dowry to the groom's family.
3. How does the chapter "Kanyadaan" portray the impact of dowry on society?
Ans. The chapter "Kanyadaan" portrays the impact of dowry on society by highlighting the financial burden it puts on the bride's family, leading to their exploitation and often resulting in the bride's death due to dowry-related violence.
4. What is the author's viewpoint on the dowry system?
Ans. The author's viewpoint on the dowry system is that it is a social evil that needs to be eradicated. The chapter "Kanyadaan" portrays the negative impact of dowry on society and highlights the need for change in societal attitudes towards marriage and the role of women.
5. How does the chapter "Kanyadaan" relate to the current status of women in India?
Ans. The chapter "Kanyadaan" relates to the current status of women in India by highlighting the discrimination and exploitation they face, particularly in the context of marriage and dowry. Despite legal measures taken to combat the dowry system, it remains prevalent in society, emphasizing the need for continued efforts towards gender equality.
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