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फिर से याद करें | |
आइए समझे | |
आइए विचार करें | |
आइए करके देखें |
प्रश्न.1. निम्नलिखित में मेल बैठाएँ :
प्रश्न.2. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :
(क) वर्गों के भीतर पैदा होती नयी जातियाँ ________ कहलाती थीं।
(ख) ________ अहोम लोगों के द्वारा लिखी गई ऐतिहासिक कृतियाँ थीं।
(ग) ________ ने इस बात का उल्लेख किया है कि गढ़ कटंगा में 70,000 गाँव थे।
(घ) बड़े और ताकतवर होने पर जनजातीय राज्यों ने ________ और ________ को भूमि-अनुदान दिए।
(क) श्रेणियाँ
(ख) बुरंजी
(ग) अकबरनामा
(घ) मंदिर बनवाए, ब्राह्मणों।
प्रश्न.3. सही या गलत बताइए :
(क) जनजातीय समाजों के पास समृद्धवाचक परंपराएँ थीं।
(ख) उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में कोई जनजातीय समुदाये नहीं था।
(ग) गोंड राज्यों में अनेक नगरों को मिलाकर चौरासी बनता था।
(घ) भील, उपमहाद्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग में रहते थे।
(क) सही
(ख) गलत
(ग) गलत
(घ) गलत।
प्रश्न.4. खानाबदोश पशुचारकों और एक जगह बसे हुए खेतिहरों के बीच किस तरह का विनिमय होता था?
खानाबदोश पशुचारक अपने जानवरों के साथ दूर दूर तक घूमते थे। उनका जीवन दूध और अन्य पशुचारी उत्पादों पर निर्भर था। वे खेतिहर ग्रहस्थों से अनाज, कपड़े, बर्तन और ऐसी ही चीजों के लिए ऊन, घी इत्यादि का विनियम भी करते थे। कुछ खानाबदोश अपने पशुओं के ऊपर समान ढुलाई का काम भी करते थे।
प्रश्न.5. अहोम राज्य का प्रशासन कैसे संगठित था?
अहोम प्रशासन को संगठन निम्न प्रकार से संगठित था:
(i) सत्रहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक अहोम प्रशासन केन्द्रीकृत हो चुका था।
(ii) अहोम समाज कुलों में विभाजित था। बाद में कुलों में एकता भंग हो गई।
(iii) एक कुल (खेल) के नियंत्रण में प्रायः कई गाँव होते थे। किसान को अपने ग्राम समुदाय के द्वारा जमीन दी जाती थी। समुदाय की सहमति के बगैर राजा तक इसे वापस नहीं ले सकता था।
प्रश्न.6. वर्ण आधारित समाज में क्या परिवर्तन आए?
वर्ण आधारित समाज में निम्न परिवर्तन आए:
(i) वर्गों के भीतर छोटी-छोटी जातियाँ उभरने लगीं। उदाहरण के लिए, ब्राह्मणों के बीच नयी जातियाँ सामने आईं।
(ii) दूसरी ओर कई जनजातियों और सामाजिक समूहों को जाति विभाजित समाज में शामिल कर लिया गया और उन्हें जातियों का दर्जा दे दिया गया।
(iii) ब्राह्मणों द्वारा शिल्पियों, सुनार, लोहार, बढ़ई और राजमिस्त्री को जातियों के रूप में मान्यता दे दी गई।
वर्ण की बजाय जाति, समाज के संगठन का आधार बनी।
प्रश्न.7. एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज कैसे बदला?
एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज में कई तरह से बदलाव आए।
(i) हूण, चंदेल, चालुक्य और कुछ दूसरी वंश परंपराओं में से कुछ पहले जनजातियों में आते थे और बाद में कई कुल राजपूत मान लिए गए। धीरे-धीरे उन्होंने पुराने शासकों की जगह ले ली, विशेषतः कृषि वाले क्षेत्रों में।
(ii) शासकों के रूप में राजपूत गोत्रों के उदय के उदाहरण का जनजातीय लोगों ने अनुसरण किया। धीरे-धीरे ब्राह्मणों के समर्थन से कई जनजातियाँ, जाति व्यवस्था का हिस्सा बन गई लेकिन केवल प्रमुख जनजातीय परिवार ही शासक वर्ग में शामिल हो सके।
प्रश्न.8. क्या बंजारे लोग अर्थव्यवस्था के लिए महत्त्वपूर्ण थे?
हाँ, बंजारे लोग अर्थव्यवस्था की दृष्टि से कई तरह से महत्त्वपूर्ण थे:
(i) बंजारे लोग सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापारी खानाबदोश थे।
(ii) सल्तनत काल में बंजारे नगर के बाजारों तक अनाज की ढुलाई किया करते थे।
(iii) बंजारे विभिन्न इलाकों से अपने बैलों पर अनाज ले जाकर शहरों में बेचते थे।
(iv) सैन्य अभियानों के दौरान वे मुगल सेना के लिए खाद्यान्नों की ढुलाई का काम करते थे। बंजारे किसी | भी सेना के लिए एक लाख बैलों से अनाज ढोते थे।
प्रश्न.9. गोंड लोगों का इतिहास, अहोमों के इतिहास से किन मायनों में भिन्न था? क्या कोई समानता भी थी?
गोंड लोगों के इतिहास एवं अहोमों के इतिहास में कई मायनों में अन्तर था, जैसे:
(i) गोंड, गोंडवाना प्रदेश की प्रमुख जनजाति थी, जबकि अहोम ब्रह्मपुत्र घाटी में निवास करने वाली प्रमुख जनजाति थी।
(ii) गोंड यहाँ के मूल निवासी थे, जबकि अहोम म्यानमार से आकर बसे थे।
(iii) गोंड आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग नहीं जानते थे, जबकि अहोम उच्च स्तरीय बारूद और तोपों के निर्माण में सक्षम थे।
(iv) गोंडवाना राज्य अहोम राज्य की तुलना में बड़ा था।
(v) गोंड इतिहास एवं अहोम इतिहास में समानताएँ –
(vi) गोंड और अहोम दोनों ही जनजातियाँ थीं।
(vii) दोनों ही जनजातियों ने अपने-अपने साम्राज्य स्थापित किए।
(viii) दोनों ही राज्यों को मुगलों ने पराजित किया।
प्रश्न.10. एक मानचित्र पर इस अध्याय में उल्लिखित जनजातियों के इलाकों को चिह्नित करें। किन्हीं दो के संबंध में यह चर्चा करें कि क्या उनके जीविकोपार्जन का तरीका अपने-अपने इलाकों की भौगोलिक विशेषताओं और पर्यावरण के अनुरूप था?
गोंड :- गोंड लोग गोंडवाना नामक विशाल वन प्रदेश में रहते थे। वे जगह बदल बदल कर खेती करते थे। विशाल गोंड जनजाति कई छोटे – छोटे कुलों में बटी हुई थी। प्रत्येक कुल का अपना राजा या राय थी । जिस समय दिल्ली के सुल्तानों की ताकत घट रही थी उसी समय कुछ बड़े गोंड राज्य छोटे गोंड साम्राज्य पर हावी होने लगे थे। गोंड एक समृद्ध राज्य था। ये अपनी आजीविका हाथियों को पकड़कर और दूसरे राज्यों में निर्यात कर कमाते थे।
अहोम :- अहोम जनजाति वर्तमान म्यानमार से आकर ब्रह्मपुत्र घाटी में बस गए थे। भारत के इस उत्तर–पूर्व भाग वर्षा बहुत होती थी। यहाँ पानी की कोई कमी न थी। यहाँ की भूमि भी उपजाऊ थी। इस प्रकार यहाँ उनके लिए जीविकोपार्जन के उत्तम साधन थे। धीरे – धीरे उन्होंने यहाँ एक नए राज्य की स्थापना की। सोलहवीं सदी के दौरान उन्होंने चुटियों (1523) और कोच–हाजों (1581) के राज्यों को हराकर अपने राज्य का विस्तार किया। अहोम राज्य बेगार पर निर्भर था।
प्रश्न.11. जनजातीय समूहों के संबंध में मौजूदा सरकारी नीतियों का पता लगाएँ और उनके बारे में एक बहस का आयोजन करें।
जनजातीय समूहों के लिए सरकार ने कई सुविधाएं दिलवाई । बच्चों के लिए शिक्षा व्यव्स्था की। लोगों के लिए घर, पानी, बिजली, जैसी सुविधाएं प्रदान की। लोगों को नौकरी प्रदान की। खाने पीने की भी सभी व्यवस्था की। सरकार आज भी लोगों की सुविधाओं के लिए कुछ ना कुछ उपाय करती रहती है। इनकी स्थिति को सुधारने के लिए सरकारी नौकरी जैसे आरक्षण किए।
प्रश्न.12. उपमहाद्वीप में वर्तमान खानाबदोश पशुचारी समूहों के बारे में और पता लगाएँ वे कौन-से जानवर रखते हैं? वे प्रायः किन इलाकों में जाते रहते हैं?
उपमहाद्वीप में वर्तमान में खानाबदोश चरवाहे समूह हैं - पश्चिमी हिमालय में रहने वाले गद्दी चरवाहे, जम्मू और कश्मीर में रहने वाले गुर्जर बकरवाल, राजस्थान में रहने वाले बंजारा। ये खानाबदोश लोग भेड़, बकरी और ऊंट पालते हैं। वे अक्सर उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और राजस्थान के कुमाऊं क्षेत्र का दौरा करते हैं।
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