प्रश्न.1. अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है|
(a) अमीबा
(b) यीस्ट
(c) प्लैज्मोडियम
(d) लेस्मानिया
सही उत्तर (b) यीस्ट
प्रश्न.2. निम्न में से कौन मानव में मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है?
(a) अंडाशय
(b) गर्भाशय
(c) शुक्रवाहिका
(d) डिंबवाहिनी
सही उत्तर (c) शुक्रवाहिका
प्रश्न.3. परागकोश में होते हैं-
(a) बाह्यदल
(b) अंडाशय
(c) अंडप
(d) परागकण
सही उत्तर (d) परागकण
प्रश्न.4. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ हैं?
लैंगिक प्रजनन के निम्नलिखित लाभ हैं:
- लैगिक प्रजनन में अधिक विभिन्नता उत्पन्न किये जाते हैं| इस प्रकार, यह प्रजाति के अस्तित्व को बनाए रखने में सहायक है|
- इसमें उत्पादित व्यष्टि (जीव) में जनक अर्थात माता-पिता दोनों की विशेषताएँ होती है|
- अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन में विभिन्नताएँ अधिक व्यवहारिक होती हैं| इसका कारण यह है कि अलैंगिक प्रजनन में, डी.एन.ए. को अनुवांशिक कोशिकीय संरचना के अंदर कार्य करना होता है|
प्रश्न.5. मानव में वृषण के क्या कार्य हैं?
वृषण के कार्य:
- शुक्राणु का उत्पादन करता है, जिसमें पिता के अगुणित गुणसूत्र विद्यमान रहते हैं|
- टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन करता है जो लड़कों में यौवनावस्था के लक्षणों का नियंत्रण भी करता है|
प्रश्न.6. ऋतुस्राव क्यों होता है?
ऋतुस्राव में योनि मार्ग से रुधिर एवं म्यूकस के रूप में प्रति माह स्राव होता है| अंडाशय प्रत्येक माह एक अंड का मोचन करता है, अतः निषेचित अंड की प्राप्ति हेतु गर्भाशय भी प्रति माह तैयारी करता है| अतः इसकी अंतःभित्ति मांसल एवं स्पोंजी हो जाती है| यह अंड के निषेचन होने की अवस्था में उसके पोषण के लिए आवश्यक है| परंतु निषेचन न होने की अवस्था में इस पर्त की भी आवश्यकता नहीं होती| अतः यह पर्त धीरे-धीरे टूट कर योनि मार्ग से रुधिर एवं म्यूकस के रूप निष्कासित होती है|
प्रश्न.7. पुष्प की अनुदैधर्य काट का नामांकित चित्र बनाइए|
प्रश्न.8. गर्भनिरोधन की विभिन्न विधियाँ कौन सी है?
गर्भनिरोधन की विधियों को विस्तृत तौर पर निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किया जाता है:
- प्राकृतिक उपाय- इसमें शुक्राणुओं तथा डिंब के मिलने की संभावना को कम किया जाता है| इस विधि में ऋतुचक्र से दसवें दिन से 17वें दिन तक यौन क्रिया से बचा जाता है क्योंकि इस अवधि के दौरान डिंबोत्सर्जन की उम्मीद रहती है तथा निषेचन की संभावना अधिक होती है|
- एक तरीका यांत्रिक अवरोध का है जिससे शुक्राणु अंडकोशिका तक न पहुँच सके| शिश्न को ढकने वाले कंडोम अथवा योनि में रखने वाली अनेक युक्तियों का उपयोग किया जा सकता है|
- दूसरा तरीका शरीर में हार्मोन संतुलन के परिवर्तन का है, जिससे अंड का मोचन ही नहीं होता अतः निषेचन नहीं हो सकता|
- गर्भधारण रोकने के लिए कुछ अन्य युक्तियाँ जैसे कि लूप अथवा कॉपर-टी को गर्भाशय स्थापित करके भी किया जाता है|
- यदि पुरूष की शुक्रवाहिकाओं को अवरूद्ध कर दिया जाता है और इससे शुक्राणुओं का स्थानांतरण रुक जाता है| इसी प्रकार यदि स्त्री की अंडवाहिनी अथवा फेलोपियन नालिका को अवरूद्ध कर दिया जाता है तो इससे अंड (डिंब) गर्भाशय तक नहीं पहुँच सकेगा| इस तरह दोनों ही अवस्थाओं में निषेचन नहीं हो पायेगा|
प्रश्न.9. एक-कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अंतर है?
एक-कोशिक जीवों में कोशिका विभाजन अथवा विखंडन द्वारा नए जीवों की उत्पत्ति होती है| एक-कोशिक जीवों में प्रजनन खंडन, मुकुलन पद्धति द्वारा होता है जबकि बहुकोशिक जीवों में विशेष प्रजनन अंग मौजूद होते हैं| इसलिए वे जटिल प्रजनन विधियों जैसे कायिक प्रवर्धन, बीजाणु सीमांघ आदि द्वारा प्रजनन करते हैं| अत्यधिक जटिल बहुकोशिक जीवों जैसे मानव तथा पादपों में लैंगिक जनन द्वारा प्रजनन होता है|
प्रश्न.10. जनन किसी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है?
जनन एक स्पीशीज के मौजूद जीवों द्वारा एक ही प्रजाति के नए जीव उत्पादन करने की प्रक्रिया है| इसलिए यह नयी प्रजातियों को जन्म देकर समष्टि के स्थायित्व में सहायक है क्योंकि एक प्रजाति के समष्टि के सथायित्व के लिए जन्म दर मृत्यु दर के बराबर होनी चाहिए|
प्रश्न.11. गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं?
गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- अवांछित गर्भधारण को रोकने के लिए|
- जन्म दर अथवा बढ़ती आबादी के नियंत्रण के लिए|
- यौन संचारित रोगों के स्थानांतरण को रोकने के लिए|
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