Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)  >  NCERT Solutions: पर्वत प्रदेश में पावस

पर्वत प्रदेश में पावस NCERT Solutions | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

प्रश्न अभ्यास

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1: पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन आते हैं? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: वर्षा ऋतु में मौसम बदलता रहता है। तेज़ वर्षा होती है। जल पहाड़ों के नीचे इकट्ठा होता है तो दर्पण जैसा लगता है। पर्वत मालाओं पर अनगिनत फूल खिल जाते हैं। ऐसा लगता है कि अनेकों नेत्र खोलकर पर्वत देख रहा है। पर्वतों पर बहते झरने मानो उनका गौरव गान गा रहे हैं। लंबेलंबे वृक्ष आसमान को निहारते चिंतामग्न दिखाई दे रहे हैं। अचानक काले काले बादल घिर आते हैं। ऐसा लगता है मानो बादल रुपी पंख लगाकर पर्वत उड़ना चाहते हैं। कोहरा धुएँ जैसा लगता है। इंद्र देवता बादलों के यान पर बैठकर नएनए जादू दिखाना चाहते हैं।

प्रश्न 2: ‘मेखलाकार’ शब्द का क्या अर्थ है? कवि ने इस शब्द का प्रयोग यहाँ क्यों किया है?
उत्तर: मेखलाकार का अर्थ है करघनी के आकार का। यहाँ इस शब्द का प्रयोग पर्वतों की श्रृंखला के लिए किया गया है। ये पावस ऋतु में दूरदूर तक करघनी की आकृति में फैले हुए हैं।

प्रश्न 3: ‘सहस्र दृग-सुमन’ से क्या तात्पर्य है? कवि ने इस पद का प्रयोग किसके लिए किया होगा?
उत्तर: ‘सहस्र दृग-सुमन’ कवि का तात्पर्य पहाड़ों पर खिले हजारों फूलों से है। कवि को फूल पहाड़ों की आँखों के सामान लग रहे हैं इसीलिए कवि ने इस पद का प्रयोग किया है।

प्रश्न 4: कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दिखाई है और क्यों?
उत्तर: कवि ने तालाब की समानता दर्पण से की है क्योंकि तालाब भी दर्पण की तरह स्वच्छ और निर्मल प्रतिबिम्ब दिखा रहा है।

प्रश्न 5: पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की और क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं?
उत्तर: ऊँचे-ऊँचे पर्वत पर उगे वृक्ष आकाश की ओर देखते चिंतामग्न प्रतीत हो रहे हैं। जैसे वे आसमान की ऊचाइयों को छूना चाहते हैं। इससे मानवीय भावनाओं को बताया गया है कि मनुष्य सदा आगे बढ़ने का भाव अपने मन में रखता है।

प्रश्न 6: शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में क्यों धँस गए?
उत्तर: 
वर्षा की भयानकता और धुंध से शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में धँस गए प्रतीत होते हैं।

प्रश्न 7: झरने किसके गौरव का गान कर रहे हैं? बहते हुए झरने की तुलना किससे की गई है?
उत्तर: झरने पर्वतों की गाथा का गान कर रहे हैं। बहते हुए झरने की तुलना मोती की लड़ियों से की गयी है।

(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

प्रश्न 1: है टूट पड़ा भू पर अंबर।
उत्तर: 
सुमित्रानंदन पंत जी ने इस पंक्ति में पर्वत प्रदेश के मूसलाधार वर्षा का वर्णन किया है। पर्वत प्रदेश में पावस ऋतु में प्रकृति की छटा निराली हो जाती है। कभीकभी इतनी धुआँधार वर्षा होती है मानो आकाश टूट पड़ेगा।

प्रश्न 2: −यों जलद-यान में विचर-विचर
था इंद्र खेलता इंद्रजाल।

उत्तर: कभी गहरे बादल, कभी तेज़ वर्षा और तालाबों से उठता धुआँ − यहाँ वर्षा ऋतु में पल-पल प्रकृति वेश बदल जाता है। यह सब दृश्य देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे बादलों के विमान में विराजमान राजा इन्द्र विभिन्न प्रकार के जादुई खेल-खेल रहे हों।

प्रश्न 3: गिरिवर के उर से उठ-उठ कर
 उच्चाकांक्षाओं से तरुवर
 हैं झांक रहे नीरव नभ पर
 अनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।

उत्तर: इन पंक्तियों का भाव यह है कि पर्वत पर उगे विशाल वृक्ष ऐसे लगते हैं मानो इनके हृदय में अनेकों महत्वकांक्षाएँ हैं और ये चिंतातुर आसमान को देख रहे हैं।

कविता का सौंदर्य 

प्रश्न 1: इस कविता में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किया गया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: प्रस्तुत कविता में जगह-जगह पर मानवीकरण अलंकार का प्रयोग करके प्रकृति में जान डाल दी गई है जिससे प्रकृति सजीव प्रतीत हो रही है; जैसे − पर्वत पर उगे फूल को आँखों के द्वारा मानवकृत कर उसे सजीव प्राणी की तरह प्रस्तुत किया गया है।
“उच्चाकांक्षाओं से तरूवर
हैं झाँक रहे नीरव नभ पर”
इन पंक्तियों में तरूवर के झाँकने में मानवीकरण अलंकार है, मानो कोई व्यक्ति झाँक रहा हो।

प्रश्न 2: आपकी दृष्टि में इस कविता का सौंदर्य इनमें से किस पर निर्भर करता है −
(क) अनेकशब्दों की आवृति पर
 (ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर
 (ग) कविता की संगीतात्मकता पर

उत्तर: (ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर
इस कविता का सौंदर्य शब्दों की चित्रमयी भाषा पर निर्भर करता है। कवि ने कविता में चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए प्रकृति का सुन्दर रुप प्रस्तुत किया गया है।

प्रश्न 3: कवि ने चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए पावस ऋतु का सजीव चित्र अंकित किया है। ऐसे स्थलों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
कवि ने चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए पावस ऋतु का सजीव चित्र अंकित किया है। कविता में इन स्थलों पर चित्रात्मक शैली की छटा बिखरी हुई है-
1. मेखलाकार पर्वत अपार
अपने सहस्र दृग-सुमन फाड़,
अवलोक रहा है बार-बार
नीचे जल में निज महाकार
जिसके चरणों में पला ताल
दर्पण फैला है विशाल!
2. गिरिवर के उर से उठ-उठ कर
उच्चाकांक्षाओं से तरुवर
हैं झाँक रहे नीरव नभ पर
अनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।

योग्यता विस्तार

प्रश्न 1: इस कविता में वर्षा ऋतु में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों की बात कही गई है। आप अपने यहाँ वर्षा ऋतु में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर: 
वर्षा ऋतु में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तन-वर्षा को जीवनदायिनी ऋतु कहा जाता है। इस ऋतु का इंतज़ार ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से किया जाता है। वर्षा आते ही प्रकृति और जीव-जंतुओं को नवजीवन के साथ हर्षोल्लास भी स्वतः ही मिल जाता है। इस ऋतु में हम अपने आसपास अनेक प्राकृतिक परिवर्तन देखते हैं; जैसे-
ग्रीष्म ऋतु में तवे सी जलने वाली धरती शीतल हो जाती है।
धरती पर सूखती दूब और मुरझाए से पेड़-पौधे हरे हो जाते हैं।
पेड़-पौधे नहाए-धोए तरोताज़ा-सा प्रतीत होते हैं।
प्रकृति हरी-भरी हो जाती हैं तथा फ़सलें लहलहा उठती हैं।
दादुर, मोर, पपीहा तथा अन्य जीव-जंतु अपना उल्लास प्रकट कर प्रकृति को मुखरित बना देते हैं।
मनुष्य तथा बच्चों के कंठ स्वतः फूट पड़ते हैं जिससे प्राकृतिक चहल-पहल एवं सजीवता बढ़ती है।
आसमान में बादल छाने, सूरज की तपन कम होने तथा ठंडी हवाएँ चलने से वातावरण सुहावना बन जाता है।
नालियाँ, नाले, खेत, तालाब आदि जल से पूरित हो जाते हैं।
अधिक वर्षा से कुछ स्थानों पर बाढ़-सी स्थिति बन जाती है।
रातें काली और डरावनी हो जाती हैं।

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FAQs on पर्वत प्रदेश में पावस NCERT Solutions - Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

1. कविता का सौंदर्य क्या होता है ?
Ans. कविता का सौंदर्य उसके रूप, भाषा, और भाव की गहराई में निहित होता है। यह शब्दों की संगति, लय, और चित्रण के माध्यम से पाठक के मन में भावनाओं का संचार करती है। एक सुंदर कविता में विचारों की स्पष्टता, भावनाओं की प्रामाणिकता, और कल्पनाशीलता का समावेश होता है।
2. योग्यता विस्तार का क्या अर्थ है ?
Ans. योग्यता विस्तार का अर्थ है किसी व्यक्ति या समूह की क्षमताओं और कौशलों का विकास करना। यह शिक्षा, प्रशिक्षण, और अनुभव के माध्यम से किया जा सकता है, जिससे व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में अधिक प्रभावी और सक्षम बन सके।
3. परियोजना कार्य के लाभ क्या हैं ?
Ans. परियोजना कार्य के कई लाभ होते हैं जैसे कि ज्ञान का गहन अध्ययन, टीम वर्क का विकास, समस्या समाधान की क्षमता में वृद्धि, और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करना। यह छात्रों को उनके विषय में गहरी समझ और विश्लेषणात्मक कौशल प्रदान करता है।
4. पर्वत प्रदेश में पावस का क्या महत्व है ?
Ans. पर्वत प्रदेश में पावस का अत्यधिक महत्व है क्योंकि यह जलवायु, कृषि, और पारिस्थितिकी पर गहरा प्रभाव डालता है। यह वन्यजीवों के आवास और प्रवाह के लिए आवश्यक जल प्रदान करता है और स्थानीय कृषि के लिए फसल उत्पादन को बढ़ावा देता है।
5. कविता और परियोजना कार्य में क्या समानताएँ हैं ?
Ans. कविता और परियोजना कार्य में समानताएँ यह हैं कि दोनों में रचनात्मकता और विचारशीलता की आवश्यकता होती है। दोनों ही कार्यों में व्यक्ति को अपने विचारों को व्यक्त करने और उन्हें व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है, जिससे विचारों की स्पष्टता और गहराई बढ़ती है।
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