Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)  >  NCERT Solutions: टोपी शुक्ला

टोपी शुक्ला NCERT Solutions | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

बोध प्रश्न 

प्रश्न 1: इफ़्फ़न टोपी शुक्ला की कहानी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा किस तरह से है?
उत्तर: इफ़्फ़न और टोपी शुक्ला दोनों गहरे दोस्त थे। एक दूसरे के बिना अधूरे थे परन्तु दोनों की आत्मा में प्यार की प्यास थी। इफ़्फ़न तो अपने मन की बात दादी को या टोपी को कह कर हल्का कर लेता था परन्तु टोपी के लिए इफ़्फ़न और उसकी दादी के अलावा कोई नहीं था। अत इफ़्फ़न वास्तव में टोपी की कहानी का अटूट हिस्सा है।

प्रश्न 2: इफ़्फ़न की दादी अपने पीहर क्यों जाना चाहती थीं?
उत्तर: इफ़्फ़न की दादी मौलवी की बेटी न होकर ज़मीदार की बेटी थी। वह वहाँ दूध, घी, दही खाती थी। लखनऊ आकर वह इसके लिए तरस गई क्योंकि यहाँ मौलविन बन कर रहना पड़ता था। इसलिए उन्हें पीहर जाना अच्छा लगता था।

प्रश्न 3: इफ़्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी क्यों नहीं कर पाई?
उत्तर: दादी का विवाह मौलवी परिवार में हुआ था जहाँ गाना बजाना पसंद नहीं किया जाता था। इसलिए बेचारी दिल मसोस कर रह गईं।

प्रश्न 4: “अम्मी” शब्द पर टोपी के घरवालों की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर: “अम्मी” शब्द को सुनते ही सबकी नज़रें टोपी पर पड़ गई। क्योंकि यह उर्दू का शब्द था और टोपी हिंदू था। इस शब्द को सुनकर जैसे परम्पराओं की दीवारें डोलने लगीं। घर में सभी हौरान थे। माँ ने डाँटा, दादी गरजी और टोपी की जमकर पिटाई हुई।

प्रश्न 5: दस अक्तूबर सन् पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में क्या महत्त्व रखता है?
उत्तर: दस अक्तूबर सन् पैंतालिस को इफ़्फ़न के पिता का तबादला हो गया और वे चले गए। अपने प्रिय दोस्त के चले जाने से वह बहुत दुखी हुआ। उसने कसम खाई कि वह कोई ऐसा दोस्त नहीं बनाएगा जिसकी बदली हो जाती है। एक तो इफ़्फ़न की दादी जिससे वह बहुत प्यार करता था वह नहीं रहीं फिर इफ़्फ़न चला गया तो यह दिन उसके लिए महत्वपूर्ण दिन बन गया।

प्रश्न 6: टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही?
उत्तर: इफ़्फ़न की दादी टोपी को बहुत प्यार करती थी। उनकी मीठी-मीठी बोली उसे तिल के लडू या शक्कर गुड जैसी लगती थी। टोपी की माँ भी ऐसा ही बोलती थी परन्तु उसकी दादी उसे बोलने नहीं देती थी। उधर इफ़्फ़न के दादा जी व अम्मी को उनकी बोली पंसद नहीं थी। अतःइफ़्फ़न की दादी और टोपी की माँ दोनों एक स्वर की महिलाएँ थीं। यही सोचकर टोपी ने दादी बदलने की बात की।

प्रश्न 7: पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से विशेष स्नेह क्यों था?
उत्तर: इफ़्फ़न की दादी उसे बहुत प्यार करती थी, हर तरह से उसकी सहायता करती थी। उसके अब्बू अम्मी उसे डाँटते थे, उसकी बाजी औरनुज़हत भी उसको परेशान करती थी। दादी उसको रात में अनार परी, बहराम डाकू, अमीर हमला, गुलब काबली, हातिमताई जैसी अनेक कहानियाँ सुनाती थी। इसी कारण वह अपनी दादी से प्यार करता था।

प्रश्न 8: इफ़्फ़न की दादी के देहान्त के बाद टोपी को उसका घर खाली सा क्यों लगा?
उत्तर: इफ़्फ़न की दादी जितना प्यार इफ़्फ़न को करती उतना ही टोपी को भी करती थी, टोपी से अपनत्व रखती थी। उसे भी कहानियाँसुनाती थी, उसकी माँ का हाल चाल पूछती। उनकी मृत्यु के बाद टोपी को ऐसा लगा मानो उस पर से दादी की छत्रछाया ही खत्म हो गई है। इसलिए टोपी को इफ़्फ़न की दादी की मृत्यु के बाद उसका घर खाली सा लगा।

प्रश्न 9: टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के थे पर एक अनजान अटूट रिश्ते से बँधे थे। इस कथन के आलोक में अपने विचार लिखिए।
उत्तर: टोपी हिंदू धर्म का था और इफ़्फ़न की दादी मुस्लिम। परन्तु जब भी टोपी इफ़्फ़न के घर जाता दादी के पास ही बैठता। उनकी मीठी पूरबी बोली उसे बहुत अच्छी लगती थी। दादी पहले अम्मा का हाल चाल पूछतीं। दादी उसे रोज़ कुछ न कुछ खाने को देती परन्तु टोपी खाता नहीं था। फिर भी उनका हर शब्द उसे गुड़ की डली सा लगता था। इसलिए उनका रिश्ता अटूट था।

प्रश्न 10: टोपी नवीं कक्षा में दो बार फ़ेल हो गया। बताइए −
(क) ज़हीन होने के बावजूद भी कक्षा में दो बार फ़ेल होने के क्या कारण थे?
(ख) एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को किन भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
(ग) टोपी की भावात्मक परेशानियों को मद्येनज़र रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक बदलाव सुझाइए?

उत्तर: (क) टोपी बहुत ज़हीन (बुद्धिमान) था परन्तु दो बार फ़ेल हो गया क्योंकि पहली बार जब भी वह पढ़ने बैठता मुन्नी बाबू को कोई न कोई काम निकल आता या रामदुलारी कोई ऐसी चीज़ मँगवाती जो नौकर से नहीं मँगवाई जा सकती। इस तरह वह फेल हो गया। दूसरे साल उसे मियादी बुखार हो गया था और पेपर नहीं दे पाया इसलिए फ़ेल हो गया था।
(ख) पहली बार एक कक्षा छोटे बच्चों के साथ बैठना पड़ा। दूसरे साल सातवीं के बच्चों के साथ बैठना पड़ा था। इसलिए उसका कोई दोस्त नहीं बन पाया था। अध्यापक भी बच्चों को न पढ़ने के कारण फ़ेल होने का उदाहरण टोपी का नाम लेकर देते थे, उसका मज़ाक उड़ाते थे। मास्टरभी उसे नोटिस नहीं करते थे। उससे कोई उत्तर नहीं पूछते बल्कि कहते अगले साल पूछ लेंगे या कहते इतने सालों में तो आ गया होगा। इस तरह सभी उसे भावनात्मक रूप से आहत करते थे। फिर अंत में इन चुनौतियों को स्वीकार कर उसने सफलता प्राप्त की।
(ग) बच्चे फ़ेल होने पर भावनात्मक रूप से आहत होते हैं और मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। वे शर्म महसूस करते हैं। इसके लिए विद्यार्थी के पुस्तकीय ज्ञान को ही न परखा जाए बल्कि उसके अनुभव व अन्य कार्य कुशलता को भी देखकर उसे प्रोत्साहन देने के लिए शिक्षा व्यवस्था में बदलाव किया जा सकता है।

प्रश्न 11: इफ़्फ़न की दादी के मायके का घर कस्टोडियन में क्यों चला गया?
उत्तर: कस्टोडियन पर जाना अर्थात् सरकारी कब्जा होना। दादी के पीहर वाले जब पाकिस्तान में रहने लगे तो भारत में उनके घर की देखभाल करने वाला कोई नहीं रहा। इस पर मालिकाना हक भी न रहा। इसलिए वह घर सरकारी कब्जे में चला गया।

The document टोपी शुक्ला NCERT Solutions | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) is a part of the Class 10 Course Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan).
All you need of Class 10 at this link: Class 10
16 videos|201 docs|45 tests

Top Courses for Class 10

FAQs on टोपी शुक्ला NCERT Solutions - Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

1. टोपी शुक्ला की कहानी का मुख्य विषय क्या है ?
Ans. टोपी शुक्ला की कहानी का मुख्य विषय एक साधारण, लेकिन साहसी और चतुर व्यक्ति की यात्रा है, जो अपनी बुद्धिमत्ता से मुश्किल परिस्थितियों का सामना करता है। यह कहानी सामाजिक समरसता, साहस और आत्मविश्वास की भावना को उजागर करती है।
2. टोपी शुक्ला के पात्रों में कौन-कौन शामिल हैं ?
Ans. टोपी शुक्ला के मुख्य पात्रों में टोपी शुक्ला स्वयं, उसके दोस्त, और कहानी के अन्य सहायक पात्र शामिल हैं। प्रत्येक पात्र अपनी विशेषताओं और भूमिकाओं के माध्यम से कहानी को आगे बढ़ाते हैं।
3. टोपी शुक्ला को उसकी टोपी का क्या महत्व है ?
Ans. टोपी शुक्ला की टोपी उसके व्यक्तित्व का प्रतीक है। यह उसकी पहचान और आत्मविश्वास को दर्शाती है। कहानी में टोपी का उपयोग विभिन्न परिस्थितियों में उसकी चतुराई और बुद्धिमत्ता को दर्शाने के लिए किया गया है।
4. टोपी शुक्ला की कहानी में कौन-से नैतिक मूल्य सिखाए गए हैं ?
Ans. टोपी शुक्ला की कहानी में नैतिक मूल्य जैसे साहस, बुद्धिमत्ता, और कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता को सिखाया गया है। कहानी यह दर्शाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी सोच और समझ से किसी भी समस्या का समाधान कर सकता है।
5. क्या टोपी शुक्ला की कहानी में हास्य का तत्व है ?
Ans. हाँ, टोपी शुक्ला की कहानी में हास्य का तत्व शामिल है। पात्रों के बातचीत और घटनाओं के माध्यम से हास्य को प्रस्तुत किया गया है, जो कहानी को रोचक और मनोरंजक बनाता है।
16 videos|201 docs|45 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

टोपी शुक्ला NCERT Solutions | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

practice quizzes

,

टोपी शुक्ला NCERT Solutions | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

Free

,

टोपी शुक्ला NCERT Solutions | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

shortcuts and tricks

,

Objective type Questions

,

ppt

,

mock tests for examination

,

past year papers

,

Viva Questions

,

Semester Notes

,

Summary

,

pdf

,

Sample Paper

,

Important questions

,

Exam

,

study material

,

Extra Questions

,

MCQs

,

Previous Year Questions with Solutions

,

video lectures

;