प्रश्न.1. जीवन के लिए वायुमंडल क्यों आवश्यक है?
जीवन के लिए वायुमंडल अनेक कारणों से आवश्यक हैं, उनमें से कुछ निम्न हैं:
- ऑक्सीजन श्वसन ज्वलन (burning) एवं दहन (combustion) के लिए जरूरी होता है।
- प्रकाशसंश्लेषण प्रक्रिया के लिए पौधों को CO2 वायुमंडल से मिलता है।
- ओजोन परत हानिकारक U.V. किरणों से हमारी सुरक्षा करती है। यह परत इन किरणों को अवशोषित कर लेती है और पृथ्वी की सतह तक इसे पहुँचने से रोकती है।
- इसमें O2, CO2, N2 आदि गैसें पाई जाती हैं जो विभिन्न जैव प्रक्रियाओं के लिए अनिवार्य होता है।
- जल में घुलनशील CO2 कार्बोनेट का निर्माण करती है जो जलीय जीवों के कवच (Shells) के निर्माण के लिए जरूरी होता है।
- दिन के तापमान को अचानक बढ़ने से रोकता है तथा रात के समय ऊष्मा को बाहरी अंतरिक्ष में जाने से रोकता है।
प्रश्न.2. जीवन के लिए जल क्यों अनिवार्य है?
- पानी एक अद्भुत द्रव है जिसे सार्व-विलायक कहा जाता है। यह पौधों तथा जंतुओं के शरीर में सभी चीजों को घोल लेता है।
- जीवों के शरीर के भीतर पदार्थों का संवहन घुली हुई अवस्था में होता है।
- लगभग सभी प्राणियों को जीवित रखने के लिए जल की आवश्यकता होती है।
- जल कुछ जंतुओं/पौधों हेतु आवास (Habitat) का कार्य करता है।
- हमारे शरीर के अंदर सभी कोशिकीय प्रक्रियाएँ जलीय माध्यम में होती हैं।
- पौधों को सिंचाई के लिए पानी आवश्यक होता है। इसके कारण ही बीजों का अंकुरण संभव होता है।
- हमारे शरीर के भार का 70% जल के कारण है।
- पानी का उपयोग पीने, नहाने, धोने सफ़ाई करने, मछली संवर्धन, दवाई बनाने जैसे अनेक कार्यों में होता है।
- जलीय जंतु; जैसे-मेंढक, मछली आदि जल में घुली हुई ऑक्सीजन द्वारा श्वसन क्रिया संपन्न करते हैं।
- प्रकाशसंश्लेषण क्रिया के लिए भी जल आवश्यक होता है।
प्रश्न.3. जीवित प्राणी मृदा पर कैसे निर्भर हैं? क्या जल में रहने वाले जीव संपदा के रूप में मृदा से पूरी तरह स्वतंत्र हैं?
मृदा खनिजों का मिश्रण है जिसमें खनिज, ह्युमस (Humus), जल तथा वायु होते हैं। पौधे अपना खनिज पोषक तत्व जल, वायु, मिट्टी से प्राप्त कर भोजन बनाते हैं। शाकाहारी जीव पौधों पर तथा मांसाहारी जीव शाकाहारी जीवों पर निर्भर करते हैं। इसके अलावा मृदा में अनेक जीव जैसे केंचुए, चीटियाँ, दीमक, बैक्टीरिया और फंजाई आदि भी पाए जाते हैं। जलीय जीव भी मृदा से पूर्णतः स्वतंत्र नहीं हैं। वे भी मृदा पर निर्भर करते हैं। सूक्ष्मजीव (जैसे फंजाई बैक्टीरिया) जो समुद्र के निचले परत (bottom sedidonts) में पाए जाते हैं, सड़े-गले जीवों, कार्बनिक पदार्थों को विघटित कर अकार्बनिक पदार्थों [खनिज (minerals)] में बदल देते हैं। ये खनिज जल में घुलकर जलीय पौधों के लिए पोषक तत्व प्रदान करती है और अप्रत्यक्ष रूप से जंतुओं को भी। इसके अलावा पोषक तत्व मृदा से बहकर भी जल में चले जाते हैं।
प्रश्न.4. आपने टेलीविजन पर और समाचारपत्र में मौसम संबंधी रिपोर्ट को देखा होगा। आप क्या सोचते हैं कि हम मौसम के पूर्वानुमान में सक्षम हैं?
हाँ, हम मौसम के पूर्वानुमान में सक्षम हैं। वर्षा का पैटर्न पवनों के पैटर्न पर निर्भर करता है। इसलिए निम्न दाब तथा उच्च दाब के क्षेत्र का अध्ययन करके वर्षा का पूर्वानुमान कर सकते हैं।
अतः किसी स्थान के तापमान, आर्द्रता, वायु की गति (wind speed) तथा कंप्यूटर में संग्रहित पूर्व वर्षों के डाटा के आधार पर मौसम वैज्ञानिक (meteorologists) मौसम के पूर्वानुमान में सक्षम होते हैं। इसमें सैटेलाइट भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रश्न5. हम जानते हैं कि बहुत-सी मानवीय गतिविधियाँ वायु, जल एवं मृदा के प्रदूषण स्तर को बढ़ा रहे हैं। क्या आप सोचते हैं कि इन गतिविधियों को कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण के स्तर को घटाने में सहायता मिलेगी?
हाँ, प्रदूषण के स्तर को घटाने में कुछ अंश तक सहायता मिलती है। इससे मृदा प्रदूषण को तो बिलकुल कम किया जा सकता है परंतु जल और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना कठिन होता है।
जैसे वायु प्रदूषण के कारणः
- अम्लीय वर्षा
- वैश्विक ऊष्मीकरण ग्रीन हाउस गैसों (CO2 मिथेन) के कारण होता है।
- ओजोन परत में छिद्र (CFCs) के कारण।
उपर्युक्त सभी का प्रभाव पर्यावरण पर व्यापक रूप से होता है। इसी प्रकार, प्रदूषित जल नदियों, जलाशयों, समुद्रों में दूर-दूर तक बहकर चली जाती हैं भौम जल (Underground water) नालों, उद्योगों के कचरे (Industrial wastes), कृषि में प्रयुक्त कीटनाशकों, उर्वरकों द्वारा बड़े क्षेत्र को प्रभावित करती है।
प्रश्न.6. जंगल, वायु, मृदा तथा जलीय स्रोत की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित करते हैं?
जंगल की भूमिका वायु:
- यह प्रदूषण को अवशोषित कर वायु का शुद्धीकरण करता है।
- CO2 और O2 का समुचित अनुपात बनाए रखने में सहायता करता है (प्रकाश संश्लेषण द्वारा)।
- यह वाष्पोत्सर्जन क्रिया द्वारा बादल निर्माण तथा आस-पास के परिवेश का तापमान कम करता है।
मिट्टी/मृदा:
- पौधों की जड़ें मिट्टी को मजबूती से जकड़े रखती है। फलतः ये मृदा अपरदन को नियंत्रित करती हैं।
- मिट्टी की गुणवत्ता पौधों और जंतुओं के मृत अवशेषों के विघटन द्वारा ह्यूमस निर्माण से अच्छी होती है।
- मृदा के ऊपर वनस्पति होने के कारण मिट्टी के अंदर जल रिसाव (Percolation) अच्छी तरह होता है। जिससे भौम जल के स्तर में वृद्धि होती है।
- भूमि का खिसकना (land slides) नियंत्रित होता है।
जल:
- जंगल के कारण वर्षा अधिक होती है।
- बाढ़ नियंत्रण में सहायता करता है।
- भौम जल में वृद्धि करता है।
- जल-चक्र और पृथ्वी के तापमान का नियमन करता है।
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