UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12)  >  NCERT Solutions: शासक और इमारतें (Rulers & Buildings)

शासक और इमारतें (Rulers & Buildings) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC PDF Download

फिर से याद करें

प्रश्न.1. वास्तुकला का ‘अनुप्रस्थ टोडा निर्माण’ सिद्धांत ‘चापाकार’ सिद्धांत से किस तरह भिन्न है?

अनुप्रस्थ टोडा निर्माण: सातवीं और दसवीं शताब्दी के मध्य वास्तुकार भवनों में और अधिक कमरे, दरवाजे और खिड़कियाँ बनाने लगे। छत, दरवाजे और खिड़कियाँ अभी भी दो ऊर्ध्वाकार खंभों के आर-पार एक अनुप्रस्थ शहतीर रखकर बनाए जाते थे। वास्तुकला की यह शैली ‘अनुप्रस्थ टोडा निर्माण’ कहलाई जाती है।
चापाकार सिद्धांत: दरवाज़ों और खिड़कियों के ऊपर की अधिरचना का भार कभी-कभी मेहराबों पर डाल दिया जाता था। वास्तुकला का यह ‘चापाकार’ रूप था।


प्रश्न.2. ‘शिखर’ से आपका क्या तात्पर्य है?

मंदिर का शीर्ष जिसके नीचे गर्भगृह स्थित होता है, मंदिर का ‘शिखर’ कहलाता है।


प्रश्न.3. ‘पितरा-दूरा’ क्या है?

उत्कीर्णित संगमरमर अथवा बलुआ पत्थर पर रंगीन, ठोस पत्थरों को दबाकर बनाए गए सुंदर तथा अलंकृत नमूने ‘पितरा-दूरा’ कहलाता है।


प्रश्न.4. एक मुगल चारबाग की क्या खास विशेषताएँ हैं?

मुगल चारबाग की विशेषताएँ
(i) चारबाग चार समान हिस्सों में बँटे होते थे।
(ii) यह बाग दीवार से घिरे होते थे।
(iii) बाग कृत्रिम नहरों द्वारा चार भागों में विभाजित आयताकार अहाते में स्थित थे। आइए समझें


प्रश्न.5. किसी मंदिर से एक राजा की महत्ता की सूचना कैसे मिलती थी?

सभी विशालतम मंदिरों का निर्माण राजाओं ने करवाया था। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिर राजराजेश्वर मंदिर का निर्माण राजा राजदेव ने अपने देवता राजराजेश्वरम की उपासना हेतु किया था। इनके देवताओं के नाम राजा से मिलते-जुलते थे। राजा स्वयं को ईश्वर के रूप में दिखाना चाहता था। धार्मिक अनुष्ठान के जरिए मंदिर में एक देवता दूसरे देवता का सम्मान करता था।
मंदिर के अन्य लघु देवता शासक के सहयोगियों तथा अधीनस्थों के देवी-देवता थे। यह मंदिर शासक और सहयोगियों द्वारा शासित विश्व का एक लघु रूप ही था। जिस तरह से वे राजकीय मंदिरों में इकट्ठे होकर अपने देवताओं की उपासना करते थे।


प्रश्न.6. दिल्ली में शाहजहाँ के दीवान-ए-खास में एक अभिलेख में कहा गया है-‘अगर पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है।’ यह धारणा कैसे बनी?

शाहजहाँ की पत्नी मुमताज की 1631 ई. में मृत्यु हो गई थी उसके बाद शाहजहाँ का मन आगरा से हट गया था। इसलिए उसने 1639 ई. में यमुना नदी के समीप लाल किला का निर्माण करवाया। लाल किला के अंदर बनाया गया दीवान-ए-खास संगमरमर का बना हुआ अद्भुत इमारत है, जिसमें कई तरह की नक्काशियाँ बनाई गई हैं। इसकी सुंदरता को देखते हुए ही दीवान-ए-खास में एक अभिलेख में कहा गया है-‘अगर पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है।’


प्रश्न.7. मुगल दरबार से इस बात को कैसे संकेत मिलता था कि बादशाह से धनी, निर्धन, शक्तिशाली, कमज़ोर सभी को समान न्याय मिलेगा?

मुगल दरबार में निम्न बातों से संकेत मिलता है कि धनी, निर्धन, शक्तिशाली, कमजोर सभी को बादशाह से समान न्याय मिलेगा
(i) बादशाह के सिंहासन के पीछे पितरा-दूरा के जड़ाऊ काम की एक श्रृंखला बनाई गई थी, जिसमें पौराणिक यूनानी देवता आर्फियस को वीणा बजाते हुए चित्रित किया गया था।
(ii) ऐसा माना जाता था कि आर्फियस का संगीत आक्रामक जानवरों को भी शांत कर सकता है और वे शांतिपूर्वक एक-दूसरे के साथ रहने लगते हैं।
(iii) शाहजहाँ के सार्वजनिक सभा भवन का निर्माण यह सूचित करता था कि न्याय करते समय राजी ऊँचे और निम्न सभी प्रकार के लोगों के साथ समान व्यवहार करेगा और सभी सद्भाव के साथ रह सकेंगे।


प्रश्न.8. शाहजहाँनाबाद में नए मुगल शहर की योजना में यमुना नदी की क्या भूमिका थी?

शाहजहाँ ने दिल्ली में यमुना नदी के तट पर स्थित सलीमगढ़ स्थान पर शाहजहाँनाबाद की नींव रखी थी, क्योंकि यह स्थान कई दृष्टि से उपयुक्त था
(i) यमुना नदी के तट पर होने के कारण इस शहर को पीने के लिए पानी आसानी से उपलब्ध था।
(ii) यमुना नदी के तटवर्ती भाग प्रायः समतल था।
(iii) दिल्ली में शाहजहाँनाबाद में उसने जो नया शहर निर्मित करवाया उसमें शाही महल नदी पर स्थित था। आइए विचार करें


प्रश्न.9. आज धनी और शक्तिशाली लोग विशाल घरों का निर्माण करवाते हैं। अतीत में राजाओं तथा उनके दरबारियों के निर्माण किन मायनों में इनसे भिन्न थे?

अतीत में राजाओं तथा उनके दरबारियों के निर्माण निम्न प्रकार से आज के धनी और शक्तिशाली लोगों के विशाल घरों से भिन्न थे
(i) अतीत के राजाओं के अधिकांश घर पत्थर के किले के रूप में निर्मित थे।
(ii) किले को सुरक्षित करने के लिए किले के चारों ओर गड्ढे खोदे जाते थे।
(iii) उनके आवास ऊँचे स्थल पर बनाए जाते थे।
(iv) सुरक्षा को विशेष महत्त्व दिया जाता था।


प्रश्न.10. चित्र-4 पर नज़र डालें। यह इमारत आज कैसे तेजी से बनवाई जा सकती है?

आज कल हर एक इमारत का निर्माण तेजी से किया जा सकता है क्योंकि पहले के मुकाबले विज्ञान ने तरक्की कर ली है। नई – नई मशीनो का आविष्कार किया गया है जिनका प्रयोग हम इमारत बनाने में कर सकते है। हमारे पास सभी उपकरण और बहुत सारे मजदूर भी होते है जो अपना काम अच्छे तरीके से करें तो भी वे अपने काम में तेजी लाकर इमारत जल्दी से बना सकते है।


प्रश्न.11. पता लगाएँ कि क्या आपके गाँव या कस्बे में किसी महान व्यक्ति की कोई प्रतिमा अथवा स्मारक है? इसे वहाँ क्यों स्थापित किया गया था? इसका प्रयोजन क्या है?

हमारे शहर में अम्बेडकर चौक पर चाचा नेहरू अर्थात पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की मूर्ति है। बच्चे इनको प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। ये देश के पहले प्रधानमंत्री होने के साथ साथ भारत के निर्माता भी है। भारत को आज़ाद कराने में इनका भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। नेहरू जी चाहते थे कि हमारा देश किसी के भी दबाव में ना आए। अर्थात भारत देश की एक स्वतंत्र पहचान हो। नेहरू जी को बच्चों से बेहद प्यार था। 14 नवंबर को बाल दिवस नेहरू जी की याद में ही बनाया जाता है। उनकी प्रतिमा अभी भी यह पहचान और आजादी की याद दिलाने के लिए स्थापित की गई।


प्रश्न.12. अपने आस-पास के किसी पार्क या बाग की सैर करके उसका वर्णन करें। किन मायनों में ये मुगल बागों से समान अथवा भिन्न हैं?

हमारे यहाँ के पार्क और बाग मुग़ल बागों से भिन्न है। मुग़ल काल के बागों को चारबाग कहा जाता था। हर तरफ फूलों की क्यारियाँ बनाई जाती थी। मुग़ल बाग सुंदर होते थे। बाग चार दीवारी से निर्मित होते थे। उस समय बाग बहुत बड़ी और खुली जगह पर बनाए जाते थे। आज कल बाग बहुत कम भी रह गए है और उनके लिए जगह भी थोड़ी सी होती है। अब के अपेक्षा पहले बागों की देखभाल ज्यादा की जाती थी। बागों की देखभाल के लिए कोई अपनी जिम्मेदारी अच्छे से नहीं निभाता। बच्चे अगर घूमने सैर करने के लिए आते है तो कोई फूलों के साथ खेल रहा है कोई तोड़ देता है। ऐसा आजकल हर बाग में होता रहता है।

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