प्रश्न.1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) प्लेटें क्यों घूमती है?
स्थलमंडल अनेक प्लेटों में विभाजित है, जिन्हें स्थलमंडलीय प्लेट कहते हैं। ये प्लेट हमेशा धीमी गति से चारों तरफ घूमती रहती हैं। प्रत्येक वर्ष केवल कुछ मिलीमीटर के लगभग पृथ्वी के अंदर पिघले हुए मैग्मा में होने वाली गति के कारण ऐसा होता है। पृथ्वी के अंदर पिघला हुआ मैग्मा एक वृत्तीय रूप में घूमता रहता है।
(ख) बहिर्जनिक एवं अंतर्जनित बल क्या है?
पृथ्वी की गति को उन बलों के आधार पर विभाजित किया गया है जिनके कारण ये गतियाँ उत्पन्न होती हैं । जो बल पृथ्वी के आंतरिक भाग में घटित होते हैं उन्हें अंतर्जनित बल (एंडोजेनिक फोर्स) कहते हैं एवं जो बल पृथ्वी की सतह पर उत्पन्न होते हैं उन्हें बहिर्जनिक बल (एक्सोजेनिक फोर्स) कहते हैं। अंतजर्नित बल कभी आकस्मिक गति उत्पन्न करते हैं, तो कभी धीमी गति।
(ग) अपरदन क्या है?
अपक्षय एवं अपरदन नामक दो प्रक्रमों द्वारा दृश्यभूमि लगातार विघटित होती रहती है। पृथ्वी की सतह पर शैलों के टूटने से अपक्षय की क्रिया होती है। भू – दृश्य पर जल, पवन एवं हिम जैसे विभिन्न घटकों के द्वारा होने वाले क्षय को अपरदन कहते हैं। वायु, जल आदि अपरदित पदार्थ को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं और फलस्वरूप एक स्थान पर निक्षेपित करते हैं।
(घ) बाढ़कृत मैदान का निर्माण कैसे होता है?
कभी- कभी नदी अपने तटों से बाहर बहने लगती है। फलस्वरूप निकटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है। बाढ़ के कारण नदी के तटों के निकटवर्ती क्षेत्रों में महीन मिट्टी एवं निक्षेपण करती है। ऐसी मिट्टी एवं पदार्थों को अवसाद कहते हैं, इससे समतल उपजाऊ बाढकृत मैदान का निर्माण होता है।
(च) बालू टिब्बा क्या है?
पवन चलने पर, यह अपने साथ रेत को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाती है। जब पवन का बहाव रुकता है तो यह रेत गिरकर छोटी पहाड़ी बनाती है इनको बालू टिब्बा कहते है। जब बालू कण महीन एवं हल्के होते हैं, तो वायु उनको उठाकर अत्यधिक दूर ले जा सकती है। जब ये बालू कण विस्तृत क्षेत्र में निक्षेपित हो जाते , तो इसे लोएस कहते हैं।
(छ) समुद्री पुलिन का निर्माण कैसे होता है?
समुद्री तरंगे (लहरें) किनारों पर अवसाद जमा करती रहती हैं। इन अवसादों के जमा होने से समुद्री पुलिन का निर्माण होता है।
(ज) चापझील क्या है?
जब नदी मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है, तो वह मोड़दार मार्ग पर बहने लगती है। नदी के इन्हीं बड़े मोड़ों को विसर्प कहते हैं। इसके बाद विसर्पो के किनारों पर लगातार अपरदन एवं निक्षेपण शुरू हो जाता है। विसर्प लूप के सिरे निकट आते जाते हैं। समय के साथ विसर्प लूप नदी से कट जाते हैं और एक अलग झील बनाते हैं, जिसे चापझील कहते हैं।
प्रश्न.2. सही (√) उत्तर चिह्नित कीजिए-
(क) इनमें से कौन–सी समुद्री तरंग की विशेषता नहीं है ?
(i) शैल
(ii) किनारा
(iii) समुद्री गुफा
सही उत्तर (i) शैल
(ख) हिमनद की निक्षेपण विशेषता है
(i) बाढ़कृत मैदान
(ii) पुलिन
(iii) हिमोढ़
सही उत्तर (iii) हिमोढ़
(ग) पृथ्वी की आकस्मिक गतियों के कारण कौन – सी घटना होती है ?
(i) ज्वालामुखी
(ii) वलन
(iii) बाढ़कृत मैदान
सही उत्तर (i) ज्वालामुखी
(घ) छत्रक शैलें पाई जाती है
(i) रगिस्तान में
(ii) नदी घाटी में
(iii) हिमनद में
सही उत्तर (i) रेगिस्तान में
(च) चापझील कहाँ पाई जाती हैं
(ii) हिमनद
(ii) नदी घाटी
(iii ) रेगिस्तान
सही उत्तर (ii) नदी घाटी
प्रश्न.3. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए-
प्रश्न.4. कारण बताइए-
(क) कुछ शैल छत्रक के आकार में होते हैं।
बहती हुई पवन में रेत के कण निचले भाग अर्थात पृथ्वी के सतह के साथ उड़ते है। ये कण रास्ते में आने वाली चट्टान का अपरदन करते हैं। इसलिए पवन के रास्ते में आने वाली शैल के निचले भाग का अपरदन ज्यादा होता है और शैल छतरी के आकार की होती है। इसे छत्रक शैल कहते है।
(ख) बाढ़कृत मैदान बहुत उपजाऊ होते हैं।
बाढ़ के कारण नदी के तटवर्ती भागों में महीन मिट्टी एवं अन्य पदार्थों का निक्षेपण होता है। इन्हें अवसाद कहते हैं। इन अवसादों से बनी मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है। इसलिए बाढ़कृत मैदान बहुत उपजाऊ होते हैं।
(ग) समुद्री गुफा स्टैक के रूप में परिवर्तित हो जाती है।
समुद्री गुफा स्टैक के रूप में परिवर्तित हो जाती है। समुद्री गुफाओं के बड़े होते जाने पर इनमें केवल छत ही बची रह जाती है। लगातार अपरदन होते रहने से छत भी टूट जाती है। केवल दीवार बची रह जाती है। इस बची दीवार को स्टैक कहते हैं।
(घ) भूकंप के दौरान इमारतें गिरती हैं।
भूकंप के दौरान इमारतें गिरती हैं। भूकंप के समय भूकंपीय तरंगे केंद्र से बाहर की ओर गमन करती हैं। इन तरंगों के कंपन से इमारतें काँपने लगती हैं और गिरने लगती हैं।
प्रश्न.5. क्रियाकलाप-
नीचे दिए गए चित्रों को देखें। यह नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाँ है। इन्हें पहचानिए एवं बताइए कि ये नदी के अपरदन एवं निक्षेपण अथवा दोनों का परिणाम है।
पहले चित्र की स्थलाकृति जल प्रपात है अथवा अपरदन का प्रकार है।
दूसरा चित्र की स्थलाकृति नदी विसर्प है अथवा अपरदन एवं निक्षेपण का प्रकार है।
तीसरे चित्र की स्थलाकृति मैदान है अथवा निक्षेपण का प्रकार है।
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