प्रश्न.1. राष्ट्रवादी आंदोलन ने इस विचार का समर्थन किया कि सभी वयस्कों को मत देने का अधिकार होना चाहिए ?
सन 1885 में ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने माँग की कि विधायिका में निर्वाचित सदस्य होने चाहिए और उन्हें बजट पर चर्चा करने एवं प्रश्न पूछने का अधिकार मिलना चाहिए। 1909 में बने गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट ने कुछ हद तक निर्वाचित प्रतिनिधित्व की व्यवस्था को मंजूरी दे दी। हालाँकि ब्रिटिश सरकार के अंतर्गत बनाई गई शुरुआती विधायिकाएँ राष्ट्रवादियों के बढ़ते जा रहे दबाव के कारण ही बनी थी। लेकिन इनमें भी सभी वयस्कों को न तो वोट डालने का अधिकार दिया गया था और न ही आम लोग निर्णय प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते थे। क्योंकि राष्ट्रीय नेता इस एक्ट से संतुष्ट नहीं थे। 1919 एवं 1935 के एक्ट के अंतर्गत मतदाताओं की संख्या बढ़ी परन्तु वयस्क निर्माण मताधिकार लागू नहीं किया गया। भारतीय नेताओं ने वयस्क मताधिकार की मांग की और जब उन्हें संविधान निर्माण का अवसर मिला तो उन्होंने वयस्क मताधिकार के सिद्धांत को लागू किया।
प्रश्न.2. बगल में 2004 के संसदीय चुनाव क्षेत्रों का नक्शा दिया गया है। इस नक्शे में अपने राज्य के चुनाव क्षेत्रों को पहचानने का प्रयास करें। आपके चुनाव क्षेत्र के सांसद का क्या नाम है ? आपके राज्य से संसद में कितने सांसद जाते हैं ? कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को हरे और कुछ को नीले रंग में क्यों दिखाया गया है ?
लोकसभा चुनाव क्षेत्र – करनाल – श्री अरविंद शर्मा (2004) (कांग्रेस सांसद) हरियाणा राज्य : लोकसभा सीटें – 10 हरे रंग के निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजातियों एवं नीले रंग के निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित है।
प्रश्न.3. अध्याय 1 में आपने पढ़ा था कि भारत में प्रचलित ‘ संसदीय शासन व्यवस्था में तीन स्तर होते हैं। इनमें से एक स्तर संसद (केंद्र सरकार) तथा दूसरा स्तर विभिन्न राज्य विधायिकाओं (राज्य सरकारों) का होता है। अपने क्षेत्र के विभिन्न प्रतिनिधियों से संबंधित सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित तालिका को भरें :-
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