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NCERT Textbook: संविधान का राजनीतिक दर्शन | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET PDF Download

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FAQs on NCERT Textbook: संविधान का राजनीतिक दर्शन - NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET

1. संविधान का राजनीतिक दर्शन क्या है?
उत्तर: संविधान का राजनीतिक दर्शन एक ऐसा आदर्श है जिसमें संविधान को राजनीतिक और सामाजिक संरचना के माध्यम से ताकतवर और न्यायपूर्ण बनाने का प्रयास किया जाता है। यह दर्शन संविधान में विभिन्न विचारों, मूल्यों, और सिद्धांतों को सम्मिलित करके एक संपूर्ण दर्शन तैयार करने का प्रयास करता है।
2. संविधान का राजनीतिक दर्शन क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: संविधान का राजनीतिक दर्शन महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे व्यक्तियों को राजनीतिक संरचना के बारे में समझने और उसे समीक्षा करने का अवसर मिलता है। यह दर्शन लोगों को राजनीतिक प्रक्रियाओं, संविधानिक संरचना, और सरकारी नीतियों के पीछे के मूल्यों और सिद्धांतों को समझने में मदद करता है। इससे व्यक्तियों को अपने अधिकारों की पहचान करने और उन्हें संरक्षित रखने की क्षमता मिलती है।
3. संविधान का राजनीतिक दर्शन कौन-कौन से मूल्यों पर आधारित होता है?
उत्तर: संविधान का राजनीतिक दर्शन विभिन्न मूल्यों पर आधारित होता है, जैसे कि स्वतंत्रता, न्याय, समानता, लोकतंत्र, सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता, और मानवाधिकार। ये मूल्य संविधानिक संरचना और सरकारी नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
4. संविधान का राजनीतिक दर्शन भारतीय संविधान के साथ कैसे जुड़ा है?
उत्तर: संविधान का राजनीतिक दर्शन भारतीय संविधान के साथ गहराता है। भारतीय संविधान में स्वतंत्रता, सामान्य चुनौतियों का समाधान, न्याय, समानता, और धर्मनिरपेक्षता जैसे मूल्यों को सम्मिलित किया गया है। यह दर्शन भारतीय संविधान को एक राजनीतिक और सामाजिक संरचना के माध्यम से ताकतवर और न्यायपूर्ण बनाने का प्रयास करता है।
5. संविधान का राजनीतिक दर्शन उत्पन्न कैसे हुआ?
उत्तर: संविधान का राजनीतिक दर्शन का उत्पन्न होना मानव इतिहास के विभिन्न युगों के दौरान हुआ है। इसकी शुरुआत बाबिलोनियाई नियमों, ग्रीक दर्शन, रोमन संविधान, और आयरिश नियमों के साथ हुई। इन दर्शनों के प्रभाव से संविधान का राजनीतिक दर्शन विकसित हुआ और आधुनिक समय में यह विभिन्न देशों के संविधानों में प्रतिष्ठित हुआ।
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