संदर्भ
आंध्र प्रदेश के नरसापुर के पारंपरिक क्रोकेट लेस शिल्प, साथ ही असम में माजुली मास्क और पांडुलिपि पेंटिंग को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग दिए गए हैं। ये टैग इन अद्वितीय शिल्पों को प्रतिस्पर्धा और गिरावट से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे उनका सांस्कृतिक महत्व बना रहता है। जीआई मान्यता इन पारंपरिक शिल्पों को फिर से जीवंत करने और बढ़ावा देने का प्रयास करती है, जिससे भारत की समृद्ध विरासत के संरक्षण में योगदान मिलता है।
माजुली पांडुलिपि पेंटिंग:
प्रशासन और पंजीकरण:
महत्व और उदाहरण:
स्वामित्व एवं स्वामित्व:
संरक्षण एवं प्रवर्तन:
भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री का स्थान:
संदर्भ
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि 30 बैंक यूडीजीएएम पोर्टल के माध्यम से लोगों को अपने लावारिस जमा/खातों की खोज करने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
यूडीजीएएम का अर्थ है दावा रहित जमा - सूचना तक पहुंच का प्रवेश द्वार।
विकास:
उद्देश्य:
भाग लेने वाले बैंक:
कवरेज:
सूचना श्रेणियाँ:
कार्यक्षमता:
दावा प्रक्रिया:
पंजीकरण:
दावा निपटान:
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1. जीआई टैग क्या है और इसका क्या महत्व है? |
2. जीआई टैग कैसे काम करता है? |
3. जीआई टैग कितने प्रकार के होते हैं? |
4. विरासत का संरक्षण क्यों महत्वपूर्ण है? |
5. जीआई टैग का उपयोग किस किस क्षेत्र में होता है? |
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