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The Hindi Editorial Analysis- 27th November 2023 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC PDF Download

भारत मे कृषि मशीनरी उद्योग


संदर्भ -

नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) द्वारा हाल ही में जारी श्वेत पत्र ने छोटे और सीमांत किसानों की मांगों को पूरा करने में भारत के कृषि मशीनरी उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला है।

  • मांग और आपूर्ति दोनों स्तरों पर, कृषि क्षेत्र मे 40-45% की मशीनीकरण दर है, जो वैश्विक बेंचमार्क की तुलना में काफी कम है, जबकि यह अमेरिका में 95%, ब्राजील में 75% और चीन में 57% है ।

The Hindi Editorial Analysis- 27th November 2023 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC

कृषि मशीनरी उद्योग का अवलोकनः

  • कृषि मशीनरी उद्योग कृषि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यह देश मे विभिन्न कृषि गतिविधियों के लिए आवश्यक विभिन्न प्रकार की मशीनरी और उपकरणों का उत्पादन और आपूर्ति करता है।
  • इनमें उत्पादकता और दक्षता बढ़ाने के व्यापक लक्ष्य हेतु जुताई, रोपण, कटाई के उपकरण शामिल हैं। यह उद्योग ट्रैक्टर, कंबाइन हार्वेस्टर, सिंचाई प्रणाली, टिलर जैसे उत्पाद पेश करता हैं।

कृषि मशीनरी उद्योग के साथ चुनौतियां:

  1. कौशल की कमीः-
    उद्योग के भीतर कौशल की कमी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। गाँव के मैकेनिक मुख्य रूप से भारतीय किसानों के लिए कृषि मशीनरी की आपूर्ति, मरम्मत और रखरखाव करते हैं।
  2. पर्याप्त जानकारी का अभावः-
    किसानों के बीच अक्सर प्रौद्योगिकी और मशीनरी प्रबंधन के बारे में जानकारी और जागरूकता की कमी होती है। इसके परिणामस्वरूप खराब मशीनरी चयन होता है, जिससे निवेश व्यर्थ हो जाता है।
  3. कुशल कार्मिकों की कमीः-
    सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को कुशल कार्मिकों की कमी का सामना करना पड़ता है। अर्ध-कुशल श्रमिक, जिनके पास उचित उपकरणों की कमी होती है, अक्सर कृषि उपकरणों और मशीनरी का निर्माण करते हैं। इससे गुणवत्ता सुनिश्चित करने मे चुनौतियां पैदा होती हैं।
  4. उच्च पूंजीगत लागतः-
    कृषि मशीनरी की उच्च पूंजीगत लागत एक महत्वपूर्ण बाधा है, जिससे किसानों की नए उपकरणों में निवेश करने की क्षमता सीमित हो जाती है। यह नवीनतम तकनीक तक पहुंच को बाधित करता है और समग्र कृषि दक्षता को कम करता है।
  5. तेजी से बदलती प्रौद्योगिकीः-
    कृषि मशीनरी प्रौद्योगिकी की गतिशील प्रकृति के कारण निर्माताओं द्वारा निरंतर अनुसंधान और विकास निवेश की आवश्यकता होती है। छोटे निर्माता मार्केट मे बने रहने के लिए संघर्ष करते हैं, जिससे नवाचार में बाधा आ सकती है।
  6. मौसम की स्थिति पर निर्भरताः-
    कृषि मशीनरी की प्रभावकारिता मौसम की स्थिति पर अत्यधिक निर्भर है। प्रतिकूल मौसम कृषि कार्यों को बाधित करता है, इससे कुल उत्पादकता मे कमी आती है परिणामतः लाभ में कमी आ सकती है।
  7. रखरखाव और मरम्मतः-
    कुशल कृषि मशीनरी संचालन के लिए नियमित रखरखाव और मरम्मत आवश्यक है, जिससे विशेष रूप से छोटे किसानों पर वित्तीय बोझ बढता है।
  8. पर्यावरणीय चिंताएँ:-
    कृषि मशीनरी में जीवाश्म ईंधन के उपयोग सहित बढ़ती पर्यावरणीय चिंताएँ, निर्माताओं से अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल उपकरण विकसित करने का आग्रह करती हैं।

आगे की राहः

  1. युवा किसानों/मालिकों/संचालकों को प्रशिक्षणः-
    युवा किसानों को मशीनरी चयन, संचालन और सर्विसिंग के बारे में प्रशिक्षित करने के लिए ट्रैक्टर प्रशिक्षण केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र और उद्योग के नेतृत्व वाली पहल की स्थापना करना।
    - विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए नए और बेहतर कृषि उपकरणों की उपलब्धता को प्रदर्शित करते हुए मशीनीकरण विकास पर जानकारी का प्रसार करना।
  2. फ्रंट-लाइन प्रदर्शन को मजबूत करनाः-
    कृषि मशीनरी के फ्रंट-लाइन प्रदर्शनों को मजबूत करना, उपयोगकर्ताओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना। यह विभिन्न क्षेत्रों में कृषि शक्ति के विस्तार और स्वीकरण को उत्प्रेरित कर सकता है।
  3. कौशल की कमी को दूर करनाः-
    भारतीय कृषि कौशल परिषद को मांग पक्ष पर कौशल की कमी को दूर करने के लिए जिला स्तर पर काम करना चाहिए।
    - कस्टम हायरिंग सेंटरों के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देना और कौशल की कमी को दूर करने वाले लघु पाठ्यक्रमों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) जैसे संस्थानों का लाभ उठाया जाना चाहिए।
  4. तकनीकी ज्ञान और कौशल का प्रावधानः-
    औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) नवीनतम तकनीकी ज्ञान और कौशल के साथ पाठ्यक्रम प्रदान करने मे जिला उद्योग केंद्र और स्थानीय औद्योगिक समूहों के साथ सहयोग किया जाना चाहिए।
    - दोहरे व्यावसायिक कौशल कार्यक्रमों को बढ़ावा देना, विशेष रूप से टियर-II और टियर-III शहरों में, औद्योगिक समूहों को लाभान्वित कर सकता है। इसके अलावा एमएसएमई केंद्र सरकार की प्रशिक्षु नीति का लाभ उठा सकते हैं।

निष्कर्ष :

भारत मे कृषि मशीनरी उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियां बहुआयामी हैं, जिनमें कौशल की कमी, सूचना अंतराल, उच्च पूंजी लागत और पर्यावरणीय चिंताएं शामिल हैं। हालांकि, एक रणनीतिक और व्यापक दृष्टिकोण अपनाकर, उद्योग इन बाधाओं को दूर कर सकता है और पनप सकता है। प्रस्तावित हस्तक्षेप, उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रमों से लेकर अग्रिम पंक्ति के प्रदर्शनों को मजबूत करने और कौशल की कमी को दूर करके , उद्योग को विकसित करने और देश के कृषि परिदृश्य में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाना चाहिए । जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी आगे बढ़ रही है, हितधारकों के बीच सहयोग, नवाचार और स्थिरता के लिए प्रतिबद्धता भारत के कृषि मशीनरी उद्योग की भविष्य की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगी।

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FAQs on The Hindi Editorial Analysis- 27th November 2023 - Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC

1. भारत में कृषि मशीनरी उद्योग क्या है?
उत्तर: कृषि मशीनरी उद्योग भारत में कृषि उपकरणों और मशीनों का निर्माण और विकास करने का उद्योग है। इसमें खेती के लिए उपयोग होने वाली अलग-अलग मशीनों के निर्माण, तकनीकी विकास, औद्योगिक उत्पादन, और विपणन शामिल होता है। यह उद्योग कृषि क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए रोजगार का स्रोत भी है।
2. भारत में कृषि मशीनरी उद्योग क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: कृषि मशीनरी उद्योग महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके द्वारा खेती में उपयोग होने वाली मशीनों का निर्माण और विकास होता है। यह मशीनरी किसानों को कार्य सरल और तेज बनाती है, जिससे उन्हें समय और श्रम की बचत होती है। इसके साथ ही, कृषि मशीनरी उद्योग कृषि उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है और कृषि क्षेत्र में तकनीकी उन्नति लाता है।
3. कृषि मशीनरी उद्योग के लिए भारत में कौन-कौन सी मशीनें बनाई जाती हैं?
उत्तर: भारत में कृषि मशीनरी उद्योग में कई तरह की मशीनें बनाई जाती हैं। कुछ मुख्य मशीनों में ट्रैक्टर, कृषि उपकरण (जैसे कीचड़ निकालने की मशीन, बोने की मशीन, बुआई मशीन), फसल काटने और थ्रेसिंग करने की मशीन, इरिगेशन मशीन, फर्टिलाइजर स्प्रेडर, एयर ब्लास्टर, और बीज बोने वाली मशीन शामिल होती हैं।
4. कृषि मशीनरी उद्योग क्या कारणों से विकासित हो रहा है?
उत्तर: कृषि मशीनरी उद्योग कई कारणों से विकासित हो रहा है। पहले, विज्ञान और तकनीकी की उन्नति ने नई और उन्नत मशीनों के निर्माण को संभव बनाया है। इसके साथ ही, कृषि मशीनरी की मांग बढ़ रही है क्योंकि किसानों को उत्पादकता और अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए अधिक मशीनों की आवश्यकता होती है। अतिरिक्त राष्ट्रीय कृषि नीतियाँ और सरकारी योजनाएं भी कृषि मशीनरी उद्योग को स्थायी विकास के लिए समर्थन प्रदान करती हैं।
5. कृषि मशीनरी उद्योग में भारत का प्रमुख योगदान क्या है?
उत्तर: भारत का प्रमुख योगदान है कि भारत में कृषि मशीनरी उद्योग का उद्यमी और तकनीकी ज्ञान वाला जनसंख्या मौजूद है। भारत में कृषि परंपराओं, जैव-विविधता, और खेती की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए, भारतीय निर्माणकर्ताओं ने कृषि मशीनरी को उन्नत और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के लिए काम किया है। इसके साथ ही, भारतीय सरकार ने उद्योग को समर्थन प्रदान करने के लिए नीतिगत उपाय भी अपनाए हैं।
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