UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly  >  The Hindi Editorial Analysis- 29th June 2023

The Hindi Editorial Analysis- 29th June 2023 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC PDF Download

गुणवत्तायुक्त समावेशी शिक्षा हेतु तमिलनाडु मॉडल


सन्दर्भ:

  • राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) ने तमिलनाडु राज्य में नागरिकों को गुणवत्तायुक्त समावेशी उच्च शिक्षा प्रदान करने हेतु राज्य सरकार की एक असाधारण विशेषता को चिन्हित किया है।
  • यह सफलता राज्य के सामाजिक न्याय के साथ विकास के आदर्श वाक्य के अनुरूप है और भारत के अन्य क्षेत्रों के लिए विशिष्ट अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।

तमिलनाडु का प्रदर्शन:

  • एनआईआरएफ रैंकिंग में वर्चस्व: भारत के शीर्ष 100 कॉलेजों की एनआईआरएफ रैंकिंग में तमिलनाडु लगातार शीर्ष पर है। पिछले कुछ वर्षों में इसका प्रदर्शन असाधारण रहा है, यदि केवल वर्ष 2022 को नजरअंदाज कर दिया जाए तो दिल्ली का प्रदर्शन बेहतर था।
  • शीर्ष कॉलेजों की भागीदारी: वर्ष 2023 में शीर्ष 100 एनआईआरएफ-रैंक वाले कॉलेजों में, तमिलनाडु के 35 संस्थानों के साथ सबसे बड़ी भागीदारी वाला राज्य रहा है। दिल्ली 32 कॉलेजों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि केरल और पश्चिम बंगाल क्रमशः 14 और 8 कॉलेजों का योगदान देते हैं। इन चार राज्यों में सामूहिक रूप से शीर्ष रैंक वाले 89% कॉलेज हैं।

भौगोलिक वितरण और सामाजिक समावेशन:

उत्कृष्टता के विविध क्षेत्र: वर्तमान तमिलनाडु में चेन्नई 9 शीर्ष रैंक वाले कॉलेजों के साथ एक प्रमुख केंद्र के रूप में बना हुआ है, कोयंबटूर और तिरुचिरापल्ली जैसे अन्य शहर निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और चेन्नई के साथ समान संख्या में कॉलेज की भागीदारी साझा करते हैं। इसके अतिरिक्त, अन्य 12 कॉलेज 11 अलग-अलग स्थानों पर हैं, जो राज्य में शिक्षा के विस्तारित दृष्टिकोण का संकेत स्पस्ट कर रहे हैं।
विविध क्षेत्रों की सेवा: विभिन्न जिलों में शीर्ष क्रम के कॉलेजों की उपस्थिति से शहरी निवासियों और ग्रामीण समुदायों दोनों को लाभ होता है। ये कॉलेज आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अवसर प्रदान करते हैं। तमिलनाडु में आरक्षण नीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन वंचित समूहों तक पहुंच को और बढ़ा रहा है।

राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क


  • राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework, NIRF) भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग को मापने और तुलना करने के लिए एक संगठित प्रणाली है। NIRF भारतीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Development, MHRD) द्वारा विकसित किया गया है और वर्ष 2015 से प्रत्येक वर्ष जारी किया जाता है।
  • NIRF का मुख्य उद्देश्य भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता को मापने और मूल्यांकन करने के माध्यम से छात्रों, उच्च शिक्षा नियामक निकायों, सरकारी विभागों और सामान्य जनता को मार्गदर्शन प्रदान करना है। यह एक स्वच्छता परियोजना, शिक्षा परियोजना, वित्तीय उद्देश्य और प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग करता है।
  • NIRF द्वारा विभिन्न श्रेणियों में संस्थानों को आधारित किया जाता है, जैसे कि विश्वविद्यालय, तकनीकी संस्थान, कृषि विश्वविद्यालय, आयुर्विज्ञान संस्थान, फार्मेसी कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, मानविकी संस्थान आदि। इसके द्वारा प्राप्त किए गए डेटा, प्रामाणिक और विश्वसनीय होते हैं और यह शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है

अन्य राज्यों के निहितार्थ :

  • गुणवत्ता और समावेशन प्राप्त करना: तमिलनाडु की सफलता दर्शाती है, कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सामाजिक समावेशन एक साथ और लगातार प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रतिमान को अन्य राज्यों के लिए अपने स्वयं के प्रदर्शन की जांच करने और व्याप्त कमियों को दूर करने हेतु आवश्यक कर्यवाही करने के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में देखा जाना चाहिए।
  • दक्षिणी राज्यों के लिए सीख: केरल जैसे दक्षिणी राज्य, जो समान समावेशी सामाजिक कल्याण संरचनाओं को साझा करते हैं, उच्च शिक्षा में अपने स्वयं के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए तमिलनाडु के अनुभव से सीख सकते हैं।

भारत में सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

  • हाल ही में समाप्त हुई कोविड महामारी ने भारत की शिक्षा प्रणाली की सीमाओं को उजागर किया है, जिसमें रटने की विधा पर जोर दिया गया है और रचनात्मकता एवं मानसिक कल्याण की उपेक्षा की गई है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी क्षेत्रों में असंगत बनी हुई है, वंचित वर्ग निम्न शैक्षिक स्तर का अनुभव कर रहे हैं। यद्दपि सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी पहल को लागू की है, परन्तु इस संदर्भ में उत्पन्न बाधाओं पर अभी भी ध्यान देने की आवश्यकता है।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की समझ:

  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में शिक्षार्थियों, शिक्षकों, सीखने के माहौल, पाठ्यक्रम, शिक्षा शास्त्र, सीखने के परिणाम, मूल्यांकन और छात्र समर्थन सहित विभिन्न तत्व शामिल होते हैं। यह आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता, वैज्ञानिक स्वभाव, संचार, सहयोग, समस्या-समाधान कौशल, नैतिकता, सामाजिक जिम्मेदारी और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देता है। समानता और समावेशन शिक्षा में सुधार के उद्देश्य से किए गए प्रयासों का अभिन्न अंग होना चाहिए, विशेष रूप से हाशिए पर रहने वाले समूहों और ग्रामीण-शहरी और क्षेत्रीय विभाजन को प्रभावित करने वाले जन समूहों के सन्दर्भ में ।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का महत्व:

  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने, स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ाने, जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन करने, क्षेत्रीय असमानताओं को समाप्त करने, सामाजिक विवादों से निपटने, तकनीकी प्रगति को अपनाने और मौलिक अधिकारों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इन परिणामों को प्राप्त करने के लिए, वर्तमान शिक्षा प्रणाली में मौजूद अंतरालों और चुनौतियों को दूर करना अनिवार्य है।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार के प्रयास:

  • बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, समग्र शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय अविष्कार अभियान, प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक, निष्ठा, निपुण भारत और पीएम ई-विद्या गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के सरकार के प्रयासों में से एक हैं। ये पहल शिक्षार्थी-केंद्रित दृष्टिकोण, समग्र शिक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण, मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता, डिजिटल पहुंच और बहुआयामी शिक्षा-शिक्षण पर केंद्रित हैं।

वर्तमान शिक्षा प्रणाली की कमियाँ:

  • शिक्षा प्रणाली की कमियों में रटना, परीक्षाओं पर अधिक जोर देना, रचनात्मकता के लिए प्रोत्साहन की कमी, वंचित वर्गों के सामने आने वाली बाधाएं, विकलांग व्यक्तियों की उपेक्षा, प्रचलित कोचिंग संस्कृति और स्थानीय भाषा सामग्री की कमी शामिल है। वित्तीय बाधाएँ, शिक्षक गुणवत्ता, डिजिटल विभाजन और वयस्क निरक्षरता गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विस्तार और प्रगति में बाधा उत्पन्न करते हैं।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए उपचारात्मक उपाय:

  • उपर्युक्त चुनौतियों के समाधान के लिए, सरकार को एक निष्पक्ष और मजबूत शिक्षा प्रणाली अपनानी चाहिए जो परीक्षाओं पर शिक्षार्थियों की निर्भरता को कम करे, उन्नत शिक्षण मॉडल को बढ़ावा दे और गतिविधि-आधारित शिक्षा पर जोर दे। मूल्यांकन विधियों को समग्र संकेतकों पर विचार करना चाहिए, जैसे सहकर्मी व्यवहार, जिज्ञासा, रचनात्मकता इत्यादि। शिक्षा पर 6% सकल घरेलू उत्पाद व्यय का लक्ष्य रखते हुए पर्याप्त बजटीय संसाधनों का आवंटन कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्राथमिकता देना, विशेष रूप से हाशिए पर रहने वाले समूहों के लिए, भारत में शिक्षा की नींव को मजबूत करेगा और इसे इस क्षेत्र के वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करेगा।
  • व्यापक सुधारों के माध्यम से, भारत अपनी शिक्षा प्रणाली में व्याप्त विविध प्रकार की कमियों को समाप्त कर सकता है और 'सबका साथ सबका विकास' के दृष्टिकोण के अनुरूप सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित कर सकता है।

निष्कर्ष:

उच्च शिक्षा में तमिलनाडु का प्रभावशाली रिकॉर्ड मॉडल गुणवत्ता और समावेशन दोनों हासिल करने की संभावना को दर्शाता है। राज्य की लगातार सफलता से अन्य क्षेत्रों को आत्मनिरीक्षण करने और अपनी शिक्षा प्रणालियों में निहित विषमता को समाप्त करने के लिए प्रभावी उपायों को लागू करने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए। गुणवत्ता और समावेशिता दोनों को प्राथमिकता देकर, भारत अपने छात्रों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित कर सकता है और पूरे देश में समान विकास को बढ़ावा दे सकता है।

The document The Hindi Editorial Analysis- 29th June 2023 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC is a part of the UPSC Course Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly.
All you need of UPSC at this link: UPSC
2209 docs|810 tests

Top Courses for UPSC

2209 docs|810 tests
Download as PDF
Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Previous Year Questions with Solutions

,

video lectures

,

practice quizzes

,

Viva Questions

,

Exam

,

Objective type Questions

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

Extra Questions

,

Summary

,

Sample Paper

,

The Hindi Editorial Analysis- 29th June 2023 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

study material

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

The Hindi Editorial Analysis- 29th June 2023 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

Free

,

The Hindi Editorial Analysis- 29th June 2023 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

pdf

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

shortcuts and tricks

,

MCQs

,

Important questions

,

mock tests for examination

,

Semester Notes

,

ppt

,

past year papers

;