UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly  >  The Hindi Editorial Analysis - 30th June 2022

The Hindi Editorial Analysis - 30th June 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC PDF Download

ई-कॉमर्स: प्रभाव एवं संभावनाएँ


संदर्भ

जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी दुनिया को प्रतिस्पर्द्धी रूप से बराबर करती जा रही है (‘World is flattening’ - Thomas L. Friedman), हमारे दैनिक जीवन के कार्यकलापों (यात्रा, मनोरंजन, शिक्षा पाने, खरीदारी, संचार और यहाँ तक कि आहार प्राप्त करने जैसे प्रसंगों में) का तरीका भी एक आमूलचूल परिवर्तन के दौर से गुज़र रहा है।

  • इसने देश में विभिन्न हितधारकों को अलग-अलग तरह से प्रभावित किया है, जिनमें स्पष्ट रूप से विजित और पराजित दोनों शामिल हैं।
  • ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की एक विस्तृत शृंखला की उपलब्धता के साथ जीवन अधिक सुविधाजनक और आसान हो गया है। लेकिन वृहत परिदृश्य को देखें तो पता चलता है कि भारी छूट और कैशबैक जैसी रणनीति के साथ ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनियों ने लघु एवं मध्यम ऑनलाइन व्यवसायों को व्यापक नुकसान पहुँचाया है।
  • इस संदर्भ में ई-कॉमर्स और इसकी कार्यप्रणाली पर विचार करना महत्त्वपूर्ण होगा।

ई-कॉमर्स से क्या अभिप्राय है?


  • ‘ई-कॉमर्स’ (Electronic Commerce/e-commerce) शब्द एक ऐसे व्यवसाय मॉडल को संदर्भित करता है जो कंपनियों और व्यक्तियों को इंटरनेट पर वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद-बिक्री की अनुमति देता है।
  • ई-कॉमर्स लेनदेन के माध्यम से किताबें, संगीत, हवाई जहाज का टिकट और स्टॉक निवेश एवं ऑनलाइन बैंकिंग जैसी वित्तीय सेवाओं सहित लगभग हर कल्पनीय उत्पाद और सेवा उपलब्ध है। इसकी ऐसी व्यापकता के कारण इसे अत्यंत विघटनकारी प्रौद्योगिकी (Disruptive Technology) माना जाता है

ई-कॉमर्स द्वारा प्रदत्त लाभ


व्यापार में ईकामर्स की भूमिका

  • मुख्य रूप से ई-कॉमर्स अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा, सामान्य रूप से उत्पादकता और मुद्रास्फीति पर इसका प्रभाव पड़ता है।
  •  इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के निरंतर विस्तार से बढ़ती प्रतिस्पर्धा, लागत बचत और विक्रेताओं के मूल्य निर्धारण व्यवहार में परिवर्तन के माध्यम से मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ सकता है।

क्रेताओं और विक्रेताओं की व्यापक रेंज

  • यह न्यूनतम निवेश के साथ वैश्विक बाज़ार में व्यापक पहुँच प्रदान करता है।
  • यह विक्रेताओं को वैश्विक ग्राहकों को बिक्री कर सकने और ग्राहकों को वैश्विक स्तर पर विकल्प चुन सकने में सक्षम बनाता है। भौगोलिक सीमाओं और चुनौतियों का उन्मूलन हो गया है या वे व्यापक रूप से कम हो गई हैं।

अन्य लाभ

  • ई-कॉमर्स क्षेत्र में वृद्धि से रोज़गार को बढ़ावा मिल सकता है, निर्यात से राजस्व में वृद्धि हो सकती है, राजकोष के कर संग्रह में वृद्धि हो सकती है और दीर्घावधि में ग्राहकों को और बेहतर उत्पाद एवं सेवाएँ प्रदान की जा सकती हैं।
  • ई-कॉमर्स उद्योग भारत में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को वित्तपोषण, प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण के साधन प्रदान कर प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहा है और इसका अन्य उद्योगों पर भी अनुकूल सोपानी प्रभाव (Cascading Effect) पड़ रहा है।

सोसाइटी पर ई-बिजनेस का प्रभाव

  • बहुमुखी खरीदारी का अनुभव और लेनदेन सुविधाओं का तेजी से विकास शेष बाजार क्षेत्रों के लिए आगे ड्राइविंग के अवसर हैं।
  • ई-कॉमर्स का सबसे बड़ा लाभ इंटरनेट के माध्यम से सुरक्षित खरीद लेनदेन प्रदान करने की क्षमता है और साथ में लगभग तात्कालिक सत्यापन और क्रेडिट कार्ड लेनदेन का सत्यापन है।
  • इस महत्वपूर्ण प्रभाव के कारण ग्राहकों की अधिक संख्या में इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के विभिन्न क्षेत्रों में उनके लाभों के लिए शोषण हुआ है।
  • विशेष रूप से विपणन और बाद की बिक्री में, इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स को अपनाने में एक महान राष्ट्रीय विविधता भी है।

ग्राहकों के लिए ई-कॉमर्स के नुकसान

  • उत्पादों की व्यक्तिगत रूप से जांच करने में असमर्थ
  • ऑनलाइन खरीद में गोपनीयता और सुरक्षा
  • क्रेडिट कार्ड के साथ धोखाधड़ी
  • उत्पादों को प्राप्त करने में देरी
  • धोखाधड़ी की पहचान करने में असमर्थता

व्यापार के लिए ई-कॉमर्स का नुकसान

  • हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करें
  • एक आवधिक अंतराल पर वेबसाइट का रखरखाव
  • इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स बुनियादी ढांचे के लिए अतिरिक्त लागत और विशेषज्ञता
  • साइट की तत्परता
  • प्रशिक्षण और रखरखाव ग्राहक वफादारी
  • बकाया रसद की जरूरत है
  • सुरक्षा और क्रेडिट कार्ड के मुद्दे

ई-कॉमर्स के संबंध में सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?


ड्राफ्ट ई-कॉमर्स नियम 2021:

  • अनिवार्य पंजीकरण:
    • ई-कॉमर्स इकाइयों के लिये उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के साथ अनिवार्य पंजीकरण कराना आवश्यक है।
    • ई-कॉमर्स इकाई का अभिप्राय ऐसे व्यक्तियों से है जो इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के लिये डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक सुविधा या प्लेटफॉर्म के मालिक हैं, उसका संचालन या प्रबंधन करते हैं।
  • फ्लैश बिक्री सीमित करना:
    • पारंपरिक ई-कॉमर्स फ्लैश बिक्री पर प्रतिबंध नहीं है। केवल विशिष्ट ‘फ्लैश’ बिक्री या ‘बैक-टू-बैक’ बिक्री की अनुमति नहीं है जो ग्राहक की पसंद को सीमित करती है, कीमतों में वृद्धि करती है और एक समान प्रतिस्पर्द्धा पर रोक लगाती है।
  • अनुपालन अधिकारी:
    • ई-कॉमर्स साइटों को मुख्य अनुपालन अधिकारी (CCO) और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ चौबीसों घंटे समन्वय हेतु एक व्यक्ति की नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिये भी निर्देशित किया गया है।
  • संबंधित पक्षों को प्रतिबंधित करना:
    • पक्षपातपूर्ण व्यवहार की बढ़ती चिंताओं के समाधान हेतु नए नियमों में यह सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है कि किसी भी संबंधित पक्ष को 'अनुचित लाभ' के लिये किसी भी उपभोक्ता सूचना (ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से) के उपयोग की अनुमति नहीं है।

उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020


  • शिकायत निवारण तंत्र:
    • मार्केटप्लेस तथा विक्रेताओं के लिये एक शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करना आवश्यक है।
  • अनुचित व्यापार अभ्यासों, हेर-फेर और पक्षपातपूर्ण व्यवहार पर रोक लगाना:
    • कोई भी ई-कॉमर्स इकाई अनुचित लाभ प्राप्त करने या एक ही वर्ग के उपभोक्ताओं के बीच भेदभाव करने के उद्देश्य से कीमतों में फेरबदल नहीं करेगी और न ही उपभोक्ताओं के अधिकारों को प्रभावित करने वाला कोई मनमाना वर्गीकरण करेगी।
  • नकली समीक्षा या भ्रामक दावे नहीं:
    • कोई भी विक्रेता या ई-कॉमर्स इकाई स्वयं को एक उपभोक्ता के रूप में प्रस्तुत नहीं करेगी और वस्तुओं या सेवाओं के बारे में नकली समीक्षा नहीं करेगी, इसके अलावा किसी वस्तु अथवा सेवा की गुणवत्ता या विशेषताओं को गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं किया जाएगा।

म ई-कॉमर्स कार्यप्रणाली में कैसे सुधार कर सकते हैं?


  • उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 पर एक संसदीय पैनल ने अनुशंसा की है कि सरकार को उपभोक्ताओं के अधिकारों के बेहतर संरक्षण और अनुचित अभ्यासों पर रोक के लिये नियमों में संशोधन करना चाहिये। इसकी प्रमुख अनुशंसाएँ हैं:
    • स्पष्ट परिभाषा:
      (i) ई-कॉमर्स के संदर्भ में अनुचित व्यापार अभ्यासों को और ई-कॉमर्स इकाइयों द्वारा किये जाने वाले ऐसे धोखाधड़ीपूर्ण अभ्यासों से निपटने हेतु व्यावहारिक विधिक उपचारों को और अधिक स्पष्टता के साथ परिभाषित किया जाना चाहिये।
      (ii) ‘ड्रिप प्राइज़िंग’ (जहाँ अतिरिक्त शुल्क के कारण उत्पाद का अंतिम मूल्य अधिक हो जाता है) को भी स्पष्टता से परिभाषित किया जाना चाहिये और उल्लंघन के लिये दंड का प्रावधान करते हुए उपभोक्ताओं की इससे सुरक्षा के लिये उपाय किये जाने चाहिये।
    • व्यक्तिगत डेटा का वर्गीकरण:
      (i) उपयोगकर्त्ताओं की गोपनीयता की रक्षा और उनके डेटा की सुरक्षा के लिये समिति ने सिफारिश की है कि उपयोगकर्त्ताओं के व्यक्तिगत डेटा को संवेदनशीलता के स्तर के अनुसार वर्गीकृत किया जा सकता है और प्रत्येक स्तर के लिये उपयुक्त सुरक्षा निर्धारित की जा सकती है
    • कस्टमर केयर
      (i) ई-कॉमर्स इकाइयों को एक समर्पित कस्टमर केयर नंबर प्रदान करना चाहिये और एक ऐसे तंत्र की स्थापना करनी चाहिये जो निगरानी कर सके कि ग्राहक की किसी समस्या के समाधान में कस्टमर केयर कार्यकारी ने कितना समय लिया।
    • भ्रामक तकनीक को हतोत्साहित करना
      (i) एल्गोरिदम में परिवर्तन, नकली उत्पाद समीक्षा और रेटिंग सहित सभी भ्रामक रणनीतियों को हतोत्साहित करने के लिये कुछ सुधारात्मक उपाय होने चाहिये ताकि किसी भी तरह से उपभोक्ता हित को नुकसान न पहुँचे।
  • यूरोपीय संघ के ‘डिजिटल मार्केट एक्ट’ से भी बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है जो बाज़ार के इन ‘गेटकीपर्स’ के अनुचित अभ्यासों को संबोधित करने का लक्ष्य रखता है।
  • बाज़ार प्रभुत्व और निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा नियमों के अनुवर्ती आह्वान को सूक्ष्म-बाज़ार स्तर पर और उत्पाद खंडों के लिये लागू किया जाना चाहिये।
    • नियमों में अनुचित व्यवहार के लिये दंडात्मक कार्रवाई की अनुमति होनी चाहिये।
The document The Hindi Editorial Analysis - 30th June 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC is a part of the UPSC Course Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly.
All you need of UPSC at this link: UPSC
2218 docs|810 tests

Top Courses for UPSC

2218 docs|810 tests
Download as PDF
Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

The Hindi Editorial Analysis - 30th June 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

The Hindi Editorial Analysis - 30th June 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

past year papers

,

Summary

,

MCQs

,

video lectures

,

Previous Year Questions with Solutions

,

study material

,

pdf

,

ppt

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

practice quizzes

,

shortcuts and tricks

,

Exam

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

Free

,

Semester Notes

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

Extra Questions

,

Important questions

,

mock tests for examination

,

Viva Questions

,

The Hindi Editorial Analysis - 30th June 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

Objective type Questions

,

Sample Paper

;