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NCERT Textbook: भारत के विदेश संबंध | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET PDF Download

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FAQs on NCERT Textbook: भारत के विदेश संबंध - NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET

1. भारत के विदेश संबंध क्या हैं?
उत्तर: भारत के विदेश संबंध भारत की सरकार द्वारा अन्य देशों के साथ रखे गए संबंधों को समझने के लिए उपयोग होते हैं। यह संबंध विभिन्न क्षेत्रों में जैसे वाणिज्यिक, आर्थिक, सामरिक, सांस्कृतिक आदि में बनाए जाते हैं। ये संबंध दूसरे देशों के साथ विदेशी राजनयिकता, वाणिज्यिक उपार्जन, आर्थिक सहयोग और बाहरी नीति निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
2. भारत के विदेश संबंधों का उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर: भारत के विदेश संबंधों का उद्देश्य विश्वव्यापी भूमिका में भारत की प्रभावशाली पहचान बनाना है। इसके अलावा, भारत के विदेश संबंधों का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा, विकास, आर्थिक वृद्धि, सांस्कृतिक आपसी विनिमय, वैश्विक नेतृत्व, विश्वास, और विश्व में भारत के हितों की रक्षा करना है।
3. भारत के विदेश संबंधों में कौन-कौन से क्षेत्र शामिल हैं?
उत्तर: भारत के विदेश संबंध विभिन्न क्षेत्रों में शामिल हैं जैसे वाणिज्यिक, आर्थिक, सामरिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, ऊर्जा, पर्यावरण, सामाजिक क्षेत्र आदि। इन संबंधों में सहयोग, समझौता, व्यापारिक गतिविधियाँ, वित्तीय सहयोग, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग, शिक्षा, सांस्कृतिक आपसी विनिमय, और विद्यार्थी आदान-प्रदान शामिल होता है।
4. भारत के विदेश संबंधों का महत्व क्या हैं?
उत्तर: भारत के विदेश संबंध एक महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि वे भारत की अग्रणी भूमिका को प्रदर्शित करते हैं और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हैं। इनके माध्यम से भारत विदेशी राजनयिकता, वाणिज्यिक उपार्जन, आर्थिक सहयोग, वैश्विक नेतृत्व, और विदेशी नीति निर्माण कर सकता है। इसके साथ ही ये संबंध भारत को विश्व में एक प्रमुख खिलाड़ी और वर्गीकृत देश बनाने में मदद करते हैं।
5. भारत के विदेश संबंध कैसे मजबूत किए जा सकते हैं?
उत्तर: भारत के विदेश संबंधों को मजबूत करने के लिए निम्नलिखित कदम अपनाए जा सकते हैं: 1. विदेशी नीति में सुधार करना: भारत को अपनी विदेशी नीति में योजनाबद्धता और स्थिरता लानी चाहिए। 2. विदेश मंत्रालय का मजबूतीकरण: विदेश मंत्रालय को सुदृढ़ और स्थायी ढंग से संगठित किया जाना चाहिए। 3. विदेशी नीति के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ का सहयोग लेना: भारत को संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ सहयोग करके विदेशी नीति को मजबूत करना चाहिए। 4. द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना: भ
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