इस पाठ की लेखिका एक अनुभवी यात्रा लेखक हैं, जो प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय संस्कृति के प्रति गहरी रुचि रखती हैं। उन्होंने अपने अनुभवों को सरल और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है।
इस पाठ में लेखक ने सिक्किम की राजधानी गैंगटोक की यात्रा का वर्णन किया है, जिसमें उन्होंने वहां की प्राकृतिक सुंदरता, स्थानीय संस्कृति और लोगों के जीवन को गहराई से महसूस किया।
लेखिका गैंगटोक में रात के समय सितारों की जगमगाती झालर से प्रभावित होकर एक नेपाली युवती से सीखी प्रार्थना—"मेरा सारा जीवन अच्छाइयों को समर्पित हो"—करने लगती हैं। अगले दिन, मौसम साफ न होने के कारण वे कंचनजंघा की चोटी नहीं देख सकीं, लेकिन खिले फूलों को देखकर खुश हो जाती हैं।
गैंगटोक से 149 किलोमीटर दूर यूमथांग की यात्रा पर, वे बौद्ध धर्म का पालन करने वाले स्थानीय लोगों की सफेद और रंगीन झंडियों को देखती हैं। "कवी-लोंग स्टाॅक" नामक स्थान पर हिंदी फिल्म "गाइड" की शूटिंग स्थल भी देखती हैं। यात्रा के दौरान, लेखिका ने स्थानीय जीवन की कठिनाइयों का अनुभव किया, जैसे पहाड़ी स्त्रियाँ बच्चों को पीठ पर बांधकर रास्ते को चौड़ा करने का काम कर रही थीं और छोटे बच्चे तीन-साढ़े तीन किलोमीटर की चढ़ाई पैदल स्कूल जाते थे।
यात्रा में, लेखिका ने हिमालय की विशालता और तिस्ता नदी की सुंदरता का अनुभव किया। सेवन सिस्टर्स फॉल के पास जाकर, झरने की ठंडक ने उनके मन की सारी दुर्भावनाएँ मिटा दीं। लेखिका ने प्रकृति की अद्भुतता को देखकर आत्मज्ञान का अनुभव किया और फिर से प्रार्थना दोहराई।
वे यूमथांग की यात्रा के दौरान रात लायुंग की शांत बस्ती में बिताती हैं, जहां वे सोचती हैं कि मनुष्य ने प्रकृति की लय और गति को बिगाड़कर बहुत बड़ा अपराध किया है। कटाओ, जिसे "भारत का स्विट्जरलैंड" कहा जाता है, पहुँचते ही लेखिका ताज़ा बर्फ से ढके पहाड़ों के सौंदर्य में खो जाती हैं।
कटाओ में, मणि ने हिम शिखरों को एशिया के जल स्तंभ बताया। लेखिका ने यहाँ कड़ाकड़ाती ठंड में पहरा देते सैनिकों की कर्तव्यनिष्ठा को देखकर भावुकता महसूस की।
यूमथांग में सिक्किमी स्त्री ने जब अपना परिचय "इंडियन" कहा, तो लेखिका को खुशी हुई। गाइड नार्गे ने चाँदनी रात में भौंकने वाले कुत्ते और गुरुनानक के पदचिह्नों वाला एक पत्थर दिखाया।
अंत में, कप्तान शेखर दत्ता के सुझाव पर गैंगटोक के पर्यटन स्थल बनने और नए रास्तों को खोजने के प्रयासों की जानकारी दी गई। यह पाठ प्रकृति, संस्कृति और मानवता के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है।
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