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पाठ का सार: टोपी शुक्ला | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

लेखक परिचय

टोपी शुक्ला पाठ के लेखक राही मासूम रज़ा जी हैं | इनका जन्म 1 सितम्बर 1927 को पूर्वी उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर के गंगौली गाँव में हुआ था। इन्होंने गाँव में ही शुरूआती शिक्षा पूरी करने के बाद अलीगढ़ विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में अपनी PhD पूर्ण की। वहीं पर कुछ वर्षों तक अध्यापन कार्य भी करते रहे। फिर रज़ा साहब मुंबई चले गए, जहाँ पर उन्होंने सैंकड़ों फिल्म स्क्रीप्टस , संवाद और लिरिक्स लिखे। भारत के प्रसिद्ध धारावाहिक ‘महाभारत’ की स्क्रिप्ट , डायलॉग और लिरिक्स ने उन्हें इस क्षेत्र में कभी न मिटने वाली प्रतिष्ठा दिलाई।
पाठ का सार: टोपी शुक्ला | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

राही साहब ने अपने लेखन के माध्यम से जनता को बाँटने वाली ताकतों, राजनैतिक पार्टियां, विभिन व्यक्ति तथा संस्थानों का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने अहंकार, अंधविश्वास, और राजनीती के स्वार्थी गठबंधन आदि को भी बेनकाब किया है| राही साहब एक ऐसे कवी-कथाकार थे, जिनके लिए भारतीय मानवता हमेशा अधिक महत्वपूर्ण रही। राही साहब की लेखन भारतीयों की परेशानियों पर आधारित थीं। इनकी मृत्यु 15 मार्च 1992 को हुई थी।

पाठ प्रवेश

  • ‘टोपी शुक्ला’कहानी के लेखक ‘राही मासूम रजा’हैं। इस कहानी के माध्यम से लेखक बचपन की बात करता है। बचपन में बच्चे को जहाँ से अपनापन और प्यार मिलता है वह वहीं रहना चाहता है।
  • यह नामों का जो चक्कर होता है वह बहुत ही अजीब होता है। परन्तु खुद देख लीजिए कि केवल नाम बदल जाने से कैसी-कैसी गड़बड़ हो जाती है। यदि नाम कृष्ण हो तो उसे अवतार कहते हैं और अगर नाम मुहम्मद हो तो पैगम्बर (अर्थात पैगाम देने वाला)। कहने का अर्थ है की एक को ईश्वर और दूसरे को ईश्वर का पैगाम देने वाला कहा जाता है। नामों के चक्कर में पड़कर लोग यह भूल जाते हैं कि दोनों ही दूध देने वाले जानवरों को चराया करते थे। दोनों ही पशुपति, गोवर्धन और ब्रज में रहने वाले कुमार थे।
  • प्रस्तुत पाठ में भी लेखक ने दो परिवारों का वर्णन किया है जिसमें से एक हिन्दू और दूसरा मुस्लिम परिवार है। दोनों परिवार समाज के बनाए नियमों के अनुसार एक दूसरे से नफ़रत करते हैं परन्तु दोनों परिवार के दो बच्चों में गहरी दोस्ती हो जाती है। ये दोस्ती दिखती है कि बच्चों की भावनाएँ किसी भेद को नहीं मानती।
  • आज के समाज के लिए ऐसी ही दोस्ती की आवश्यकता है। जो धर्म के नाम पर खड़ी दीवारों को गिरा सके और समाज का सर्वांगीण विकास कर सके।

पाठ का सार: टोपी शुक्ला | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

पाठ का संक्षिप्त सार

इस पाठ का संक्षिप्त सार राही मासूम रज़ा द्वारा लिखे गए "टोपी शुक्ला" उपन्यास से लिया गया है। इसमें बताया गया है कि बच्चे वहीं रहना पसंद करते हैं जहाँ उन्हें अपनापन और प्यार मिलता है। इसी तरह, टोपी को बचपन में अपने घर की नौकरानी और अपने दोस्त इफ़्फ़न की दादी से बहुत प्यार मिलता है, इसलिए वह उनके साथ रहना पसंद करता है।

पाठ का सार: टोपी शुक्ला | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

टोपी का एक अच्छा दोस्त है, इफ़्फ़न, और उनके घर और धर्म अलग-अलग हैं। फिर भी, दोनों के बीच अच्छी दोस्ती और प्यार है। कहानी में अलग-अलग धर्मों के दो बच्चों की दोस्ती और एक बूढ़ी दादी का प्यार दिखाया गया है। इफ़्फ़न की दादी टोपी को बहुत प्यार करती हैं, जैसे वह अपने पोते इफ़्फ़न को करती हैं। जब भी टोपी इफ़्फ़न के घर जाता, वह दादी के पास बैठता, क्योंकि उसकी बातें और प्यार टोपी को बहुत अच्छा लगता था।

फिर एक दिन दादी का निधन हो गया, जिससे टोपी को ऐसा लगा जैसे उसकी ज़िंदगी से कोई बड़ा सहारा छिन गया हो। इफ़्फ़न का परिवार शहर छोड़कर चला गया, और टोपी अकेला हो गया। बाद में, टोपी ने हरिनाम सिंह के बेटों से दोस्ती करने की कोशिश की, परंतु सफल नहीं हो पाया। वह अपने घर की बूढ़ी नौकरानी, सीता, से अपनापन महसूस करने लगा, जो उसे बहुत प्यार करती थी।

घर में, टोपी को अधिकतर लोगों की तरफ से अपनापन नहीं मिला। उसे पुराने कपड़े दिए जाते थे, और पढ़ाई में भी उसे कोई मदद नहीं मिली। स्कूल में भी अध्यापक उसकी मदद नहीं करते थे, क्योंकि वह नवीं कक्षा में दो बार फेल हो चुका था। लेकिन उसने खुद मेहनत करके तीसरी बार नवीं पास कर ली। जब वह पास हुआ, तो दादी ने मज़ाक में कहा कि उसकी प्रगति धीमी है, लेकिन वह आखिरकार पास हो गया।

कठिन-शब्दों के अर्थ

  • घपला – गड़बड़
  • मौलवी – इस्लाम धर्म का आचार्य
  • काफ़िर – गैर मुस्लिम
  • वसीयत – अपनी मृत्यु से पहले ही अपनी सम्पति या उपभोग की वस्तुओं को लिखित रूप से विभाजित कर देना
  • करबला – इस्लाम का एक पवित्र स्थान
  • नमाजी – नियमित रूप से नमाज पढ़ने वाला
  • हाँडियाँ – मिट्टी का वह छोटा गोलाकार बरतन
  • मियाँ – पति
  • कस्टोडियन – जिस सम्पति पर किसी का मालिकाना हक़ न हो उसका सरक्षण करने वाला विभाग
  • बीजू पेड़ – गुठली की सहायता से उगाया गया पेड़
  • बेशुमार – बहुत सारी
  • अमावट – पके आम के रस को सूखाकर बनाई गई मोटी परत
  • तिलवा – तिल के बने व्यंजन
  • चुभलाना – मुँह में कोई खाद्य पदार्थ रखकर उसे जीभ से बार-बार हिलाकर इधर-उधर करना
  • जुग़राफ़िया – भूगोल शास्त्र
  • सरक गए – निकल गए
  • अय्यसा – ऐसा
  • तोहरी – तुम्हारी
  • सकत्यो – सकता
  • फ़िकर – चिंता
  • मसहूर – प्रसिद्ध
  • क्लम्ज़ी – भद्दा
  • अकड़ – घमंड
  • लप्पड़ – थपड़
  • शुशकार – कुत्ते को किसी के पीछे लगाने के लिए नीलाले जाने वाली आवाज़
  • भुकीं – चुभी
  • रुख – चेहरा
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FAQs on पाठ का सार: टोपी शुक्ला - Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

1. लेखक पाठ का संक्षिप्त परिचय क्या है?
उत्तर. लेखक पाठ का संक्षिप्त परिचय एक पाठ है जिसमें विभिन्न विषयों पर लिखे गए लेखकों के बारे में जानकारी दी जाती है। इस पाठ में लेखकों के जीवन, लेखन कार्य, उपन्यास, काव्य आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।
2. लेखक पाठ में किन-किन विषयों पर चर्चा की जाती है?
उत्तर. लेखक पाठ में विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाती है, जैसे कि लेखक के जीवन पर, उनके लेखन कार्य पर, उनके उपन्यास और काव्य पर आदि। इस पाठ में विभिन्न लेखकों के बारे में उनकी कथाओं और उपन्यासों के बारे में भी चर्चा होती है।
3. लेखक पाठ क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर. लेखक पाठ महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें विभिन्न लेखकों के बारे में जानने का मौका देता है। इसके माध्यम से हम उनके जीवन, कार्य, योगदान आदि के बारे में जान सकते हैं और इससे हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक ज्ञान में वृद्धि होती है।
4. लेखक पाठ के माध्यम से हमें क्या सिख मिलती है?
उत्तर. लेखक पाठ के माध्यम से हमें लेखकों के कार्यों और उपन्यासों के माध्यम से विभिन्न मूल्यों और सिद्धांतों की सीख मिलती है। यह हमें विचारशीलता, सृजनशीलता, व्यक्तित्व विकास आदि में सक्षम बनाता है।
5. लेखक पाठ से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए कौन-से स्रोतों का उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर. लेखक पाठ से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए हम लेखकों की जीवनी, लेखन के बारे में आधिकारिक वेबसाइट्स, पुस्तकें आदि का उपयोग कर सकते हैं। इन स्रोतों के माध्यम से हमें लेखकों के बारे में विस्तृत और सत्यापित जानकारी मिलती है।
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