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अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था - स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न, पारंपरिक अर्थव्यवस्था | भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था


प्रश्न 1. जब किसी देश के दो व्यक्तियों अथवा फर्मों के मध्य व्यापार होता है तो उसे कौन सा व्यापार कहते हैं?   
उत्तर: आन्तरिक व्यापार

प्रश्न 2. यदि वस्तुओं का उत्पादन विभिन्न देशों में समान लागत के आधर पर होता है, तो-    
उत्तर: अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार असम्भव होगा

प्रश्न 3. लागत समता नियम के अन्तर्गत दोनों देशों में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की स्थिति में-    
उत्तर: पूर्ण विशिष्टीकरण उत्पन्न हो जायेगा

प्रश्न 4. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार अन्तक्षेत्रीय व्यापार की एक विशिष्ट दशा है यह कथन प्रस्तुत किया-    
उत्तर: ओहलिन ने 

प्रश्न 5. तुलनात्मक लागत सिद्धांत की मौलिक मान्यता है-
उत्तर: दो देशों के बीच दो वस्तुओं का व्यापार

प्रश्न 6. सकल वस्तु विनिमय व्यापार शर्त की वृद्धि व्यापार को-
उत्तर: अनुकूल बनाती है

प्रश्न 7. देश की आयात क्षमता को सूचित करने वाली कौन-सी व्यापार शर्त है?
 उत्तर: 
आय व्यापार शर्त

प्रश्न 8. व्यापार की शर्तों को प्रभावित करने वाला घटक है-
उत्तर: माँग एवं पूर्ति की लोच, स्थानापन्न वस्तुओं की उपलब्धता तथा प्रशुल्क नीति

प्रश्न 9. एक देश में दूसरे देश की वस्तु की माँग जितनी अधिक बेलोचदार होगी पहले देश के लिए व्यापार की शर्त-  
उत्तर
प्रतिकूल होगी


प्रश्न 10. मुक्त व्यापार नीति वह है जिसके अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में-
उत्तर:
पूर्ण स्वतन्त्राता हो

प्रश्न 11. मुक्त व्यापार के अन्तर्गत वस्तुओं के मूल्य-
 उत्तर: 
सर्वत्रा समान हो जाते है

प्रश्न 12. मुक्त व्यापार में-
 उत्तर:
विदेशी व्यापार को आन्तरिक व्यापार की भाँति सुविधाएँ प्राप्त होती हैं

प्रश्न 13. भुगतान सन्तुलन प्रतिकूल कब हो सकता है?
उत्तर:
जब आयात-निर्यात से अधिक हो, जब ब्याज की देय राशि उससे प्राप्त आय से कम हो तथा जब यात्रा एवं परिवहन की आय उस पर किये जाने वाले व्यय से कम हो

प्रश्न 14. व्यापार सन्तुलन का सम्बन्ध् केवल
उत्तर: दृश्य व्यापार से ही रहता है

प्रश्न 15. भुगतान शेष के चालू खाते के लेनदारी पक्ष में कौनसा मद सम्मिलित नहीं है?
 उत्तर: 
विदेशी लोगों को दिया जाने वाला दान एवं उपहार

प्रश्न 16. अपरिवर्तनीय पत्रा मुद्रा में विनिमय दर निर्धरण होता है-
 उत्तर: 
क्रय शक्ति समता सिद्धांत द्वारा तथा भुगतान शेष सिद्धांत द्वारा

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FAQs on अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था - स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न, पारंपरिक अर्थव्यवस्था - भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

1. अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था क्या है और इसका महत्व क्या है?
उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था एक विशेष क्षेत्र है जो देशों के बीच वाणिज्यिक, आर्थिक और वित्तीय संबंधों को समझने और नियंत्रित करने के लिए उपयोगी है। यह विश्व आर्थिक विकास, विदेशी निवेश, वाणिज्यिक मार्गदर्शन, विपणन नीतियों, अर्थशास्त्रीय नीतियों, देशों के बीच वित्तीय संबंधों और अन्य संबंधित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है। अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का महत्व यह है कि यह देशों के बीच कारोबारी संबंधों को बढ़ावा देता है, ग्लोबल विकास को प्रोत्साहित करता है और विभिन्न देशों के बीच वित्तीय सहयोग को सुविधाजनक बनाता है।
2. अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के क्या-क्या प्रमुख घटक हैं?
उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं: - विदेशी निवेश: यह देशों के बीच निवेश के माध्यम से वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देता है। - विदेशी व्यापार: विभिन्न देशों के बीच वाणिज्यिक व्यापार को संचालित करने के लिए आवश्यक वित्तीय संबंधों को समझता है। - विदेशी मुद्रा विनिमय: यह विभिन्न देशों के बीच मुद्रा के योग्यता और मूल्य को समझता है, जो विदेशी मुद्रा विनिमय और वित्तीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण होता है। - अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएं: यह विभिन्न देशों के बीच वित्तीय सहयोग को सुविधाजनक बनाने वाली संस्थाओं को समझता है।
3. अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का महत्व इसलिए है क्योंकि यह विभिन्न देशों के बीच कारोबारी संबंधों को बढ़ावा देता है और विकास को सुविधाजनक बनाता है। यह देशों को विदेशी बाजारों में अवसर प्रदान करता है, विदेशी निवेश को आकर्षित करता है और देशी उत्पादों को विदेशी बाजारों में बेचने की संभावनाएं प्रदान करता है। इसके अलावा, यह देशों के बीच वित्तीय सहयोग को सुविधाजनक बनाता है, वित्तीय संस्थाओं के लिए नए बाजार खोलता है और विकासशील और विकासहीन देशों के बीच समानता को सुनिश्चित करता है।
4. अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में पारंपरिक अर्थव्यवस्था का क्या महत्व है?
उत्तर: पारंपरिक अर्थव्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पारंपरिक अर्थव्यवस्था द्वारा देशों के बीच विकास के लिए विभिन्न साधनों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि
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